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विशेष रिपोर्ट

अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाईन सर्वे, एसईसीएल ने खींचे हाथ

पत्र में कहा-फायदेमंद नहीं

50 बरसों में दो दर्जन से अधिक बार सर्वे

‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट

रायपुर, 11 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय एक बार फिर अंबिकापुर-बरवाडीह (झारखंड) रेल लाईन बिछाने के लिए सर्वे करा रही है। मगर एसईसीएल पहले ही परियोजना पर असहमति दर्ज करा चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि इस रेल परियोजना के लिए पिछले 50 साल में दो दर्जन से अधिक बार सर्वे हो चुका है, लेकिन प्रस्ताव अधर में लटका रहा।

पिछले दिनों अंबिकापुर रेलवे स्टेशन के उद्घाटन मौके पर सीएम विष्णुदेव साय ने घोषणा की थी कि रेल मंत्रालय ने अंबिकापुर से बरवाडीह रेलवे लाईन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी है। उन्होंने भविष्य में सरगुजा से रेल सुविधाओं का तेजी से विस्तार होने की बात भी कही। सीएम के बयान के बाद उक्त रेल लाईन निर्माण को लेकर हलचल शुरू हो गई है। दिलचस्प बात यह है कि अंबिकापुर से बरवाडीह (झारखंड) रेलवे लाईन के लिए 1950 से 2016 तक दो दर्जन से अधिक बार सर्वे हो चुका है। मगर सर्वे के बाद भी आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अंबिकापुर से बरवाडीह (झारखंड) के लिए करीब दो सौ किलोमीटर रेल लाईन बिछाने का प्रस्ताव लंबित है। मगर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई, इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि यहां यात्रियों की आवाजाही कम रहेगी। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि प्रस्तावित रेल लाईन क्षेत्र में एक भी कोल ब्लॉक नहीं है। यही वजह है कि एसईसीएल ने भी परियोजना में रूचि नहीं दिखाई है।

एसईसीएल ने 3 अक्टूबर 2024 को एक आरटीआई के जवाब में साफ किया  कि भविष्य में अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाईन में इन्वेस्टमेंट का कोई प्लान नहीं है। इस इलाके में एसईसीएल के कोई कोल ब्लाक नहीं है। ‘छत्तीसगढ़’ के पास इस संबंध में अंतर्विभागीय पत्र उपलब्ध हैं।

एसईसीएल ने 2021 में साफ कर दिया था कि यह रेल लाईन एसईसीएल के लिए अलाभकारी है। कुल मिलाकर एसईसीएल के हाथ खींचने की वजह से परियोजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया है।

 

विचार/लेख

आसिम मुनीर और ट्रंप की मुलाकात के बाद भारत-पाकिस्तान में अलग-अलग बहस

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया ताकि पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध को रोकने में उनकी भूमिका के लिए आभार व्यक्त किया जा सके। ट्रंप ने यह बात जनरल मुनीर से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

मुलाकात के बाद ट्रंप ने बताया कि जनरल मुनीर से ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘वह (जनरल मुनीर) ईरान को बहुत अच्छी तरह जानते हैं, शायद दूसरों से बेहतर और वह मौजूदा हालात से ख़ुश नहीं हैं।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने आसिम मुनीर के सम्मान में व्हाइट हाउस में लंच आयोजित किया था। इस लंच में मीडिया को आने की अनुमति नहीं थी।

लंच के बाद मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘जनरल आसिम मुनीर ने पाकिस्तान-भारत युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई और मैं उनके साथ मुलाक़ात को अपने लिए सम्मान की बात मानता हूं।’

ट्रंप ने फिर कहा- मैंने युद्धविराम करवाया

राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाक़ात हुई थी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों परमाणु ताक़तें हैं और उनके बीच परमाणु युद्ध हो सकता था, लेकिन ‘दो समझदार लोगों ने युद्ध रोकने का फ़ैसला किया।‘

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है।

लंच से पहले उन्होंने एक बार फिर ये बात कही कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाई।

ट्रंप का यह बयान बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद आया है।

बातचीत को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम (भारत-पाकिस्तान संघर्ष) के दौरान कभी भी किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी।’

ईरान पर हमले को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?

पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या उन्होंने पाकिस्तानी जनरल से ईरान को लेकर कोई बातचीत की थी।

इस पर ट्रंप ने कहा, ‘वे (जनरल मुनीर) ईरान को बहुत अच्छी तरह जानते हैं, शायद किसी और से भी बेहतर, और वे मौजूदा हालात से ख़ुश नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि उनके इसराइल से संबंध खऱाब हैं। वे दोनों को जानते हैं और वास्तव में शायद ईरान को बेहतर जानते हैं। लेकिन वे जो कुछ हो रहा है, उसे देख रहे हैं और वे मुझसे सहमत हैं।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैंने उन्हें यहां आमंत्रित किया क्योंकि मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता था कि उन्होंने जंग की ओर कदम नहीं बढ़ाया।’

ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं कि उनके प्रयासों से पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु युद्ध का खतरा टल गया।

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जो कुछ दिन पहले यहां आए थे। हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।’

ट्रंप ने कहा कि ‘ये दोनों बहुत समझदार लोग हैं और उन्होंने उस युद्ध को आगे न बढ़ाने का फ़ैसला किया, जो संभावित रूप से परमाणु युद्ध बन सकता था। पाकिस्तान और भारत दोनों ही प्रमुख परमाणु शक्तियां हैं। इसलिए आज उनसे (आसिम मुनीर) मिलना मेरे लिए सम्मान की बात थी।’

पाकिस्तानी सेना प्रमुख 14 जून से अमेरिका की यात्रा पर हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनकी बैठक पहले से तय थी।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को व्हाइट हाउस में हुई बैठक को इस्लामाबाद में एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब 13 जून को ईरान पर इसराइल के हमले के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष तेज़ हो गया है और यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका क्या ईरान के ख़िलाफ़ किसी अभियान का हिस्सा बनेगा।

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह ईरान पर इसराइल के हमले में शामिल होंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘शायद शामिल हो सकता हूं, शायद नहीं। कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने वाला हूं।’

ईरानी सरकार में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल, कुछ भी हो सकता है।’

ईरान और इसराइल के बीच जारी तनाव ने इस आशंका को बढ़ा दिया है कि यह संघर्ष फैल सकता है और इस इलाके के अन्य देश भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

आसिम मुनीर मई के अंत में ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद हुसैन बाकरी से भी मिले थे, जो इसराइली हमले में मारे गए।

आसिम मुनीर उस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भी थे, जिसने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई से मुलाकात की थी।

यह पहला मौक़ा है, जब ट्रंप ने किसी विदेशी सेना प्रमुख को इस तरह की वन-ऑन-वन बैठक के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया है।

इससे पहले 2001 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने राष्ट्रपति और सेना प्रमुख दोनों की हैसियत से अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से मुलाक़ात की थी।

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