‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 मई। सरायपाली ब्लॉक के कई शास्त्रकीय उचित मूल्य कि दुकानों में राशन दुकानों में सेल्समेन द्वारा राशन वितरण में मनमानी करना देखा जा रहा है। ग्राम मुंधा में भी माह के 25 तारीख के बाद ही सेल्समैन राशन वितरण करता है। तीन माह की बात करें तो फरवरी में 26, मार्च व अप्रैल में 29 तारीख को राशन वितरण किया गया है। सेल्समैन की मनमानी से ग्रामीणों में आक्रोश है। शिकायत करने वालों में मुंधा और जोगीडीपा के लगभग 507 राशन कार्डधारी हितग्राही हैं। इन ग्रामीणों का आरोप है कि एक माह के राशन का सेल्समैन द्वारा गबन किया गया है। इसी कारण वह अगले माह के राशन का भंडारण होने के बाद राशन वितरण शुरू करते हैं। इसके चलते 1 से 20 तारीख तक राशन को वितरण नहीं किया जाता। 20 से 25 तारीख के बाद हर माह भंडारण ही राशन वितरण किया जाता है। ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाया है कि मुश्किल से दो से तीन दिन के अंतराल में ही राशन वितरण होता है और इस बीच किसी कारण से सेल्समैन गांव में नहीं रहते हैं।
बताया कि 19 मई से आज अभी तक ग्राम मुंधा में मई माह का राशन वितरण शुरू तक नहीं किया गया है। एक प्राथमिकता राशन कार्डधारी हितग्राही यशोदा पति कुलमणी ने बताया कि नया सत्र 2025 में जनवरी में उन्हें राशन 23 जनवरी को, फरवरी में 26, मार्च में 29, अप्रैल में 29 तारीख को उन्हें राशन मिला है, जो उनके कार्ड में भी उल्लेख है। ग्राम के जीवनलाल पटेल, हरीश पटेल, भरत पटेल,उपसरपंच सुंदरलाल पटेल, डमरू चौहान, तेज प्रसाद बैरागी, टेकराम चौहान, साध राम चौहान, निराकार साव, हेमलाल ने भी इसकी शिकायत की है।
ग्रामीणों ने बताया कि 31 मई तक छग शासन के मानसून को देखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत जून, जुलाई व अगस्त माह का चावल का भंडारण प्रत्येक राशन दुकानों में किया जायेगा। लेकिन मुंधा में मई माह का अभी तक राशन वितरण नहीं किया गया है। ऐसे में तीन माह का राशन का कब मिलेगा इसे लेकर ग्रामीणों में संदेह है। अगर आगामी सप्ताह भर के अंदर राशन वितरण किया जाता है तो पुन: फिर एक सप्ताह पश्चात उन्हें तीन माह का राशन दुकान से शासन की आदेशानुसार दिया जाना है।
अर्थात उन्हें आगामी 15 दिनों के अंदर चार माह का राशन मिलना है। लेकिन सेल्समैन के द्वारा उन्हें कितना माह का राशन दिया जाएगा, यह आगामी 5 जून तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
ग्रामीणों का आरोप है कि ज्यादातर दुकानों में दलाल बिचौलिये सेल्समैन की मिलीभगत से सरकारी चावल को 24, 25 रुपए किलो में हितग्राहियों से खरीद कर खुले बाजार में ऊंचे दामों में बेचा करते हैं।
आधुनिक मशीन से चावल को पतला पोलिश कर उसी चावल को बाजार में 45 से 55 रुपए के भाव तक दोबारा वापस बेचा जाता है। खाद्य अधिकारियों को भी यह सब जानकारी है बावजूद इनकी उदासीनता के चलते कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती।
खाद्य निरीक्षक अविनाश दुबे ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से शिकायत आई है, जांच करवाई की जाएगी। यदि अनियमितता पाई जाती है तो सेल्समैन के विरुद्ध कार्रवाई होगी।