‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 4 मई। जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के लोक कल्याणकारी सुशासन तिहार से संबंधित विशेष जानकारी मीडिया को दी गई। इस दौरान कलेक्टर कुणाल दुदावत ने विस्तृत ब्यौरा दिया।
उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित किया गया था। जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं और मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए हैं। ये आवेदन समाधान पेटी, शिविर और ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से लिए गए हैं। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखंड मुख्यालय स्तर पर की गई थी।
कलेक्टर ने कहा कि दंतेवाड़ा जिले में कुल 37,363 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कुल 33,362 आवेदनों को निराकरण किया जा चुका है। जिसमें शिकायतों की संख्या 671 है, जिनमें से 594 प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। मांग के कुल 36,692 आवेदनों में से 32,768 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
दूसरे चरण में इन प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कर संबंधित विभाग, जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजकर उनके गुणवत्तापूर्ण निराकरण की कार्रवाई की जा रही है। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना व उज्जवला योजना से सम्बन्धित अनेक मांगे हैं, जिनके बारे में राज्य सरकार भारत सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य के लिए आग्रह कर रही है। इन योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त होने पर आवेदकों की मांगें पात्रतानुसार निराकरण हो जाएगी। आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा जिला और राज्य स्तर पर की जा रही है।शिविरों से आवेदनों का निदान
अंतिम चरण की शुरुआत 5 मई से हो रही है, जो 30 मई तक चलेगा। इस दौरान जिले के 08 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। नगरीय निकायों में भी शिविर लगाए जाएंगे। जिले में कुल 23 ग्रामीण क्षेत्र में, 31 शहरी क्षेत्र में (कुल 54) समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, शिविरों की तारीख स्थानवार पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है।
इसके अलावा इन शिविरों में आवेदकों को उनके आवेदनों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी जाएगी। शिविरों में नए आवेदन भी लिए जाएंगे, और जिन मामलों का समाधान वहीं संभव होगा, उनका मौके पर ही निराकरण किया जाएगा। शिविरों में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित जानकारी प्रदर्शित की जाएगी, जैसे:- समाज कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, कौशल विकास एवं रोजगार, वन एवं जलवायु, आधार, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशुपालन विभाग आदि। विभागीय अधिकारी समाधान शिविरों में विभागों द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। हितग्राही मूलक योजनाओं के आवेदन पत्र, प्रपत्र भी उपलब्ध कराएंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी मौजूद होंगे। साथ ही इन शविरों में जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों मे भी रहेगी। तीसरे चरण के दौरान मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी कुछ समाधान शिविरों में शामिल होंगे ।
और आम जनता से सीधा संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री के इन प्रवास के दौरान विकास कार्यों और योजनाओं का औचक निरीक्षण भी किया जायेगा और योजनाओं के जमीनी लाभ के बारे में फीडबैक लेंगे। मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ उनकी समीक्षा बैठक भी होगी। जिसमें शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति, विभिन्न योजनाओं की प्रगति और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। कलेक्टर ने मीडिया से आग्रह किया कि वे समाधान शिविरों को प्राथमिकता दें।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा और अपर कलेक्टर राजेश पात्रे और उपसंचालक जनसंपर्क, रंजीत पुजारी प्रमुख रूप से मौजूद थे।