जनजाति गौरव दिवस पर मांदर की थाप पर झूमे स्वास्थ्य मंत्री और कई जनप्रतिनिधि
गोंडवाना भवन मनेंद्रगढ़ में लगेगी भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
मनेंद्रगढ़ , 15 नवंबर। एमसीबी जिले के विकासखंड मनेंद्रगढ़ स्थित गोंडवाना भवन मैदान, इमली गोलाई में आज जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और स्वाभिमान का रंगारंग संगम देखने को मिला।
जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित इस भव्य समारोह में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग एकत्र हुए और पारंपरिक नृत्य एवं सांस्कृतिक परिधानों के माध्यम से अपनी गौरवशाली विरासत का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया और उसके बाद बूढ़ादेव तथा जनजातीय समाज के पूर्वजों की पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात बिरसा मुंडा और छत्तीसगढ़ महतारी के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंती सिंह, जनपद अध्यक्ष जानकी बाई खुसरो, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिमा यादव, जिला पंचायत सदस्य रामजीत लकड़ा, अनीता सिंह, उदित नारायण, विधायक प्रतिनिधि सरजू यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष चम्पा देवी पावले,नगर पंचायत नई लेदरी अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह राणा सहित जनपद सदस्य, वार्ड पार्षद और क्षेत्र के सरपंच, पंच सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रशासन की ओर से कलेक्टर डी. राहुल वेंकट, पुलिस अधीक्षक रतना सिंह, अपर कलेक्टर नम्रता डोंगरे, जनपद सीईओ वैशाली सिंह, सहायक आयुक्त अंकिता मरकाम सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गरिमामयी बना दिया। सबसे पहले कलेक्टर ने अपने संबोधन में जनजातीय समाज की भौगोलिक स्थिति के साथ एमसीबी जिला में रह रहे विभिन्न जनजातियों का उल्लेख किया और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती की शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल रूप से दी ऐतिहासिक सौगातें
जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात से वर्चुअल रूप से जुड़कर देशभर में मनाए जा रहे समारोहों को संबोधित किया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा केवल एक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि भारत की आदिवासी परंपरा, संघर्ष, स्वाभिमान और सांस्कृतिक चेतना के जीवंत प्रतीक हैं। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़दृचिरमिरीदृभरतपुर जिले के लिए कई महत्वपूर्ण आवासीय परियोजनाओं की ऐतिहासिक सौगात दी। प्रधानमंत्री ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, भरतपुर के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया, जिससे क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वातावरण प्राप्त होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय छात्रावास तथा हॉस्टल निर्माण की श्रृंखला का शिलान्यास किया। जिन क्षेत्रों में नए हॉस्टल और छात्रावास स्वीकृत हुए हैं, उनमें बुंदेली, बोडेमुडा, खडग़वां, लालपुर, खोंगापानी, देवगढ़ और माडीसरई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने बहुउद्देशीय केंद्र मट्टा के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया, जो स्थानीय समुदायों के लिए कौशल विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामुदायिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र बनेगा।
स्वाभिमान और विकास की नई दिशा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज हम सभी जनजाति गौरव दिवस के इस भव्य आयोजन में एकत्र हुए हैं, जहाँ हमारा इतिहास, हमारी परंपरा और हमारा स्वाभिमान एक साथ मिलकर नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। यह दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का उत्सव है, हमारी पहचान का सम्मान है और उन महापुरुषों का वंदन है जिन्होंने हमारी धरती, जंगल, जल और अस्तित्व के लिए संघर्ष किया। आज के इस पावन अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति ने इस समारोह की गरिमा को और बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में बताया कि जब वे पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब वे सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा के घर जाकर उनके परिवार से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उनके नेतृत्व में झारखंड में बिरसा मुंडा के नाम पर भव्य संग्रहालय का निर्माण किया गया, जो हमारी जनजातीय इतिहास की गौरव गाथा को आने वाली पीढिय़ों तक पहुँचाएगा। आज जब देश बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है, हम उनके जीवन-संघर्ष और त्याग को याद करते हुए गर्व का अनुभव करते हैं। 1875 में जन्मे बिरसा मुंडा ने अपने पूरे जीवन में जनजातीय समाज में एकता, जागरूकता और अधिकारों की लड़ाई की ज्योति को प्रज्वलित रखा। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर नया रायपुर में विशाल संग्रहालय का निर्माण कर हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों को अमर कर दिया है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री को हृदय से धन्यवाद देता हूँ। आज देश और प्रदेश दोनों सरकारें जनजातीय विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला भी अब विकास के नए मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। जल जीवन मिशन के माध्यम से घर-घर तक स्वच्छ पानी पहुँचाने का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना में 103 नई सड़कों का निर्माण प्रारंभ किया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में 415 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होने से दूरस्थ बस्तियाँ अब मुख्यधारा से जुड़ रही हैं और विकास की रोशनी उन तक पहुँच रही है। धरती आबा अभियान ने हजारों जनजातीय परिवारों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का कार्य किया है। विलेज एक्शन प्लान के तहत 191 गांवों में नल-जल योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही पीएम आवास योजना, वन अधिकार पट्टा, वन धन केंद्र, छात्रावास, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और दैनिक आजीविका के लिए योजनाएं समाज को नई दिशा दे रही हैं। आज हम उन अनगिनत जनजातीय वीरों, महापुरुषों और माताओं-बहनों को नमन करते हैं जिन्होंने अपनी संस्कृति और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए बड़े से बड़ा बलिदान दिया। हमारी जनजातीय संस्कृति केवल विरासत नहीं है, यह हमारी आत्मा है, हमारी पहचान है, हमारा स्वाभिमान है। आज आदिवासी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेल और विकास के हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह परिवर्तन सरकार, समाज और आप सभी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने आखरी में गोंडवाना भवन तिराहा चौक को बिरसा मुंडा चौक करने और बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाने के साथ पार्क निर्माण करने की घोषणा किया साथ ही खडग़वां में आदिवासी भवन बनवाने की घोषणा किया।
सम्मान और वितरण कार्यक्रम
इसके साथ ही कार्यक्रम में जनजातीय समाज का नाम रौशन करने वाले फूलचंद पोया एवं मूल चंद मार्को को कबड्डी में, मुकेश चंद्र भानू को आर्टिस्ट में, रामजीत लकड़ा को लोक गायक में, शीतल सिंह को आर्टिस्ट में, सोमारू पण्डो को, अमृत सिंह एवं सिलोचना सिंह को नशा मुक्ति अभियान में शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं जनजाति गौरव दिवस पर सरसों मिनिकिट वितरण किया गया जिसमें अशोक सिंह, शिवचरण सिंह, देवलाल सिंह, नेवल सिंह और राजकुमार को सरसों मिनिकिट वितरण किया गया। वहीं मान सिंह, लक्ष्मण, रायसिंह, जसवीर सिंह और भवन सिंह को आवास चाभी वितरण किया गया।
गोंडवाना की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रदर्शन
गोंडवाना की सांस्कृतिक धरोहर मंच पर पारंपरिक नृत्यों, मांदर और ढोल की थाप तथा आदिवासी परिधानों की चमक के साथ जीवंत रूप में प्रस्तुत हुई। महिला एवं युवा मंडलियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक झांकियों और गीतों ने जनजातीय संस्कृति, प्रकृति के प्रति समाज के जुड़ाव और गोंडवाना परंपराओं की समृद्धि को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से दर्शाया।
कार्यक्रम में जनजातीय समाज के बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में अपनी परंपराओं एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प लिया। गोंडवाना भवन मैदान में आयोजित यह भव्य आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और लोगों ने जनजातीय गौरव दिवस को ऐतिहासिक बताया। कार्यक्रम में परमेश्वर सिंह संभागीय अध्यक्ष, संतोष सिंह जिला अध्यक्ष, प्रेमनारायण सिंह जिला सचिव, मोतीलाल सिंह कोषाध्यक्ष, रामलखन सिंह जिला महासचिव, राकेश चंद्र भानू विभाग पालक, कलेश्वर पैकरा जिला कार्यकारिणी सदस्य, सुजीत सिंह अध्यक्ष बड़ादेव गोंड़, रामप्रसाद नगनिहा अध्यक्ष बैगा समाज, सुखनंदन अध्यक्ष भैना समाज, बलबीर सिंह अध्यक्ष पाव समाज, धर्मेन्द्र पैकरा अध्यक्ष कंवर समाज, राजेन्द्र अध्यक्ष कोड़ाकू समाज, मंगल अध्यक्ष अगरिया समाज, लक्ष्मण अध्यक्ष पंडो समाज, आनंद भगत अध्यक्ष उरांव समाज, लालसाय आयाम अध्यक्ष पठारी समाज, सुभाषचंद्र सोनपाकर अध्यक्ष चेरवा समाज, शरण सिंह अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज और भगवान सिंह अध्यक्ष खैरवार समाज के साथ अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीणजन भारी संख्या में उपस्थित थे।