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एचएनएलयू में प्रथम आगमन
रायपुर, 15 जुलाई। हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और एचएनएलयू के नव-मनोनीत विजि़टर, माननीय न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी का विश्वविद्यालय परिसर में उनके प्रथम आगमन पर स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और एचएनएलयू की जनरल एवं कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे।
कुलपति ने कानूनी उत्कृष्टता एवं संस्थागत विकास के प्रति एचएनएलयू की प्रतिबद्धता की पर ज़ोर दिया। माननीय न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपने प्रेरक संबोधन में छात्रों को कानूनी शिक्षा को तनाव के बजाय जिज्ञासा और आनंद के साथ अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी ने बताया कि छात्रों से दृढ़ निश्चय और गहन उद्देश्य की भावना के साथ कानूनी शिक्षा प्राप्त करने का आग्रह किया। कानूनी पेशेवर बनने के लिए न केवल ज्ञान और व्यक्तित्व कौशल की आवश्यकता होती है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों में निहित एक मज़बूत नैतिक दिशा-निर्देश की भी आवश्यकता होती है। धर्मो रक्षति रक्षित: का उद्धरण देते हुए, उन्होंने कानूनी व्यवहार और शासन में संवैधानिक नैतिकता की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी ने बताया कि छात्रों से दृढ़ निश्चय और गहन उद्देश्य की भावना के साथ कानूनी शिक्षा प्राप्त करने का आग्रह किया। कानूनी पेशेवर बनने के लिए न केवल ज्ञान और व्यक्तित्व कौशल की आवश्यकता होती है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों में निहित एक मज़बूत नैतिक दिशा-निर्देश की भी आवश्यकता होती है। धर्मो रक्षति रक्षित: का उद्धरण देते हुए, उन्होंने कानूनी व्यवहार और शासन में संवैधानिक नैतिकता की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला।