ताजा खबर

मुंबई, 15 जुलाई। इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी टेस्ला ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर भारत में उतरते हुए 59.89 लाख रुपये की शुरुआती कीमत वाला मॉडल ‘वाई’ पेश किया।
इसके साथ ही टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपना पहला ‘एक्सपीरियंस सेंटर’ खोला है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया।
टेस्ला अमेरिका के अरबपति कारोबारी एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी है। मस्क ने इससे पहले उच्च आयात शुल्क को कंपनी के भारत में नहीं आने की वजह बताया था।
कंपनी चीन में अपने शंघाई विनिर्माण संयंत्र से मॉडल ‘वाई’ को पूरी तरह से निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयात करेगी।
मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक एसयूवी ‘वाई’ कभी दुनिया की सबसे ज़्यादा बिकने वाली कार थी और यह भारत में दो संस्करणों में उपलब्ध होगी। रियर व्हील ड्राइव की शुरुआती कीमत 59.89 लाख रुपये है और लंबी दूरी की रियर व्हील ड्राइव की शुरुआती कीमत 67.89 लाख रुपये है।
दोनों संस्करणों की आपूर्ति क्रमश: 2025 की तीसरी और चौथी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है।
कंपनी ने कहा कि शुरुआत में पंजीकरण और आपूर्ति दिल्ली, मुंबई और गुरुग्राम में होगी।
रियर व्हील ड्राइव संस्करण की रेंज 500 किलोमीटर है, जबकि लंबी दूरी के रियर व्हील ड्राइव संस्करण को एक बार चार्ज करके 622 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।
फडणवीस ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में अनुसंधान एवं विकास के साथ विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि अनुसंधान, विकास और विनिर्माण भारत में ही हो। मुझे यकीन है कि टेस्ला उचित समय पर इस बारे में विचार करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी इस यात्रा में महाराष्ट्र को एक भागीदार मानें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में अपना पहला केंद्र खोलने का टेस्ला का फैसला शहर और राज्य में उसके भरोसे को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन इस बात का प्रमाण है कि टेस्ला सही शहर और सही राज्य (यानी मुंबई और महाराष्ट्र) में आ गई है।’’
फडणवीस ने कहा कि मुंबई न केवल भारत की वित्तीय, वाणिज्यिक और मनोरंजन राजधानी है, बल्कि एक उद्यमिता केंद्र भी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 2015 में अमेरिका में पहली बार टेस्ला गाड़ी चलाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘तब मैंने सोचा था कि भारत में भी ऐसी गाड़ी होनी चाहिए। इसमें करीब 10 साल लग गए, लेकिन हमें बहुत खुशी है कि आप आखिरकार यहां आ गए हैं। भारत में लोग टेस्ला का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि आपूर्ति शुरू होने पर आपको यहां अपने सबसे अच्छे बाजारों में से एक मिलेगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम एक विनिर्माण केंद्र भी हैं। चार्जिंग से जुड़े बुनियादी ढ़ांचे, वाहन और विनिर्माण प्रोत्साहनों के लिए हमारी नीतियां सर्वश्रेष्ठ में से हैं। यह एक अच्छी शुरुआत है और इसमें बाजार को बदलने की क्षमता है।’’
टेस्ला इंडिया ने मुंबई के लोढ़ा लॉजिस्टिक्स पार्क में 24,565 वर्ग फुट का ‘भंडारण स्थल’ पांच साल की अवधि के लिए पिछले महीने पट्टे पर लिया था।
‘टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर’, टेस्ला की गाड़ियों और उनकी प्रौद्योगिकी को ग्राहकों तक पहुंचाने का एक खास तरीका है। ये पारंपरिक ‘कार शोरूम’ से हटकर होते हैं और ग्राहकों को टेस्ला के उत्पादों एवं नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित होते हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने जून में कहा था कि इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी भारत में कारों के निर्माण में रुचि नहीं रखती, बल्कि देश में शोरूम स्थापित करने की इच्छुक है। (भाषा)