विशेष रिपोर्ट

शिक्षा अफसरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे अभ्यार्थी, बीएड शिक्षक बर्खास्त हुए थे, और अब डीएड...
06-Jun-2025 5:17 PM
शिक्षा अफसरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे  अभ्यार्थी, बीएड शिक्षक बर्खास्त हुए थे, और अब डीएड...

भर्ती की वैधता खत्म होने में 25 दिन बाकी, डीएड अभ्यार्थी धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर

‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट 

रायपुर, 6 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता) । यह एक ऐसा मामला है जिसमें पिछली सरकार में  शिक्षा अफसरों की लापरवाही का खामियाजा बीएड-डीएड अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। पहले नियुक्ति के बाद बीएड शिक्षकों को बर्खास्त होना पड़ा, और अब पात्र डीएड अभ्यार्थियों को नियुक्ति के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है। खास यह है कि शिक्षकों की भर्ती की वैधता खत्म होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं, और इससे हड़बड़ाए मंत्री-विधायकों के यहां रोज दस्तक दे रहे हैं। धरना-प्रदर्शन हो रहा है, और गिरफ्तारियां तक हुई। मगर सरकार की तरफ से नियुक्ति को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला है।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बर्खास्त 26 सौ से अधिक बीएड सहायक शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक के पद नियुक्ति देकर आधी समस्या तो सुलझा लिया है लेकिन डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मसला अभी हल नहीं हुआ है। बताया गया कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भूपेश सरकार के आखिरी साल में शुरू हुई थी तब करीब 12 हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इनमें से 6285 सहायक शिक्षकों के पद थे। सहायक शिक्षक पद के लिए बीएड अथवा डीएड की योग्यता निर्धारित कर दी गई थी।

विभाग से गलती यह हुई है कि सहायक शिक्षकों के लिए डिप्लोमा यानी डीएड के अलावा बीएड डिग्री को नियुक्ति के लिए मान्य कर दिया गया। इस पर डीएड धारी अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका लगाई। शिक्षक चयन परीक्षा जून को हो गई, और जुलाई में नतीजे घोषित कर दिए गए। बाद में राजस्थान के एक प्रकरण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश आया जिसमें कहा गया कि सहायक शिक्षक के लिए डीएड अनिवार्य है बीएड नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के परिपालन में एनसीटी ने सभी राज्यों को पत्र लिखा कि डिप्लोमा अनिवार्य है। मगर यहां चयनित बीएडधारियों को नियुक्ति दे दी गई थी। चार काउंसलिंग में 5301 शिक्षकों की नियुक्ति हुई। इनमें 2855 बीएड, और 2446 डीएड अभ्यर्थी थे। बाद में वर्ष 2024 दिसंबर को बीएड बर्खास्त कर दिया गया। छह महीने बाद बर्खास्त शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक बनाकर एडजस्ट कर दिया गया है। मगर डीएड शिक्षकों की भर्ती का मामला अटका पड़ा है।

साय सरकार ने बीएड शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद रिक्त 2615 पदों पर भर्ती के लिए काउसिंलिग की। पांचवें चरण की नियुक्ति प्रक्रिया  में 1299 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। वर्तमान में 1316 पद खाली है। पूर्व के 984 पद रिक्त हैं इस तरह 2300 खाली पदों पर चयनित अभ्यार्थियों को काउसिंलिग होनी है मगर छठवें चरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। कैबिनेट ने शिक्षा भर्ती की वैधता को एक जुलाई 2025 तक बढ़ाया था। इससे पहले भर्ती न होने की दशा में सूची अवैध मानी जाएगी।

डीएड अभ्यार्थी स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और संचालक लोक शिक्षण रितुराज रघुवंशी से मिल चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने संचालक लोक शिक्षण से छठवें चरण की सूची जारी करने को लेकर स्पष्ट अभिमत मांगा है। 

यह भी पूछा है कि सहायक शिक्षक के सभी प्रमुख आवेदन श्रेणियों में कटऑफ रैंक काफी नीचे आ चुका है। ऐसी परिस्थितियों में भर्ती प्रक्रिया जारी की जाए अथवा समाप्त की जाए। इस पूरे मामले को लेकर कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में अब डीएड अभ्यार्थियों को नियुक्ति की संभावना खतरे में दिख रही है। मंत्रियों के घर के बाहर रोज डीएडधारी मेल-मुलाकात कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने आग्रह कर चुके हैं। भाजपा दफ्तर के सामने प्रदर्शन भी हुआ। प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी भी हुई, मगर कुछ नहीं हुआ। प्रदर्शन अब भी जारी है।

सांसदों ने की सीएम से गुजारिश

सांसद बृजमोहन अग्रवाल और दुर्ग सांसद विजय बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर 2300 से अधिक रिक्त पदों पर छठें चरण की काउसिंलिग एक अनुपात दो में कराकर नियुक्ति देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभागीय प्रक्रिया के पेंच में भर्ती उलझकर रह गई है। ऐसे में सभी पात्र डिग्रीधारियों की काउसिंलिग चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।


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