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नयी दिल्ली, 15 जुलाई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि शुभांशु शुक्ला ने न केवल अंतरिक्ष को छुआ है, बल्कि ‘‘भारत की आकांक्षाओं को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।’’
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 20 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं।
लखनऊ से लोकसभा सदस्य सिंह ने शुक्ला के पिता से फोन पर बात करके उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि देश को उनके बेटे की उपलब्धियों पर गर्व है।
कैमरों की ओर देखकर मुस्कुराते हुए और हाथ हिलाते हुए शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री मंगलवार को ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्षयान से बाहर निकले और अंतरिक्ष यात्रा पूरी करने के बाद ताजी हवा में पहली सांस ली।
ड्रैगन अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार अपराह्न 3:01 बजे दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर समुद्र में उतरा, जिससे 20 दिन की अंतरिक्ष यात्रा पूरी हुई। इसमें से 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताये गए।
भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और परीक्षण पायलट शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का समर्थन प्राप्त था तथा यह एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित थी।
सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन से सफलतापूर्वक वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने न केवल अंतरिक्ष को छुआ है, बल्कि भारत की आकांक्षाओं को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक उनकी यात्रा और वापसी सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक गौरवशाली कदम है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए अपार सफलता की कामना करता हूं।’’
भारतीय वायुसेना ने भी शुक्ला का स्वागत करते हुए ‘एक्स’ पर एक बधाई संदेश पोस्ट किया। वायुसेना ने पोस्ट किया, ‘‘पृथ्वी पर आपका स्वागत है, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला। भारतीय वायुसेना के सभी वायु योद्धा एक्सिओम-4 मिशन के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर आपको हार्दिक बधाई देते हैं।’’
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने एक डिजिटल पोस्टर भी साझा किया जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री की प्रोफाइल तस्वीर और एक कैप्शन था - 'साहस, शक्ति और प्रेरणा की एक यात्रा'। इस पर ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' का नारा भी तिरंगे रंग की थीम में लिखा गया था।
जब लखनऊ में जन्मे शुक्ला को लेकर अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर उतरा तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उस क्षण का जश्न ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मनाया गया।
शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा देवी ने अपने खुशी के आंसू पोंछे, जबकि उनकी बहन सुचि मिश्रा ने नम आंखों और हाथ जोड़कर अपने भाई का स्वागत किया।
यह यात्रा भारत के लिए एक मील का पत्थर है: शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बने और 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले केवल दूसरे भारतीय।
राकेश शर्मा की अंतरिक्ष उड़ान के ठीक एक साल बाद, 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुक्ला लखनऊ के एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े, जिनका विमानन क्षेत्र या अंतरिक्ष से कोई सीधा संबंध नहीं था। हालांकि, बचपन में एक एयरशो देखने की यात्रा ने उनमें एक चिंगारी जला दी थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री ने उनके पिता से बात की और उन्हें बताया कि देश को उनके बेटे की उपलब्धियों पर गर्व है। (भाषा)