‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 मई। प्रशासन द्वारा सुदूर इलाके के रहवासियों के करीब पहुंचकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने, उनको योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जिला स्तरीय जनचौपाल शिविर व अनुविभाग स्तरीय जनचौपाल शिविर बीते चार महीने से बंद है। शिविर के नहीं लगाये जाने के कारण लोगो को भारी मशक्कत कर बेबसी में ही जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है।
जानकारी हो कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण, जनसमस्याओ के समाधान के लिए जिले में पूरे सत्र के लिए कार्यक्रम तैयार कर प्रत्येक माह में एक ब्लाक में चार जनसमस्या निवारण शिविर लगाया जा रहा था। जिसे कोरोना काल के दौरान 31 अगस्त 2019 से स्थगित किया गया। जिसे परिवर्तित कर तीन साल चार माह बाद नवंबर से जिला के प्रत्येक अनुविभाग क्षेत्र के गांवो में पहुंचकर एक दिन निर्धारित कर जनचौपाल शिविर लगाया जा रहा था तब एक निर्धारित तिथि के दौरान चारों अनुविभाग बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़ के गांव में जिला प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में 16 नवंबर से 25 नंवबर तक 16 शिविर लगाया जा रहा था जहां पर विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहकर जनता से आवेदन लेकर उनकी बातों केा सुनने के बाद मौके पर ही निराकरण करते रहे हैं। अकेले बेमेतरा अनुविभाग में हुए शिविर के दौरान 400 से अधिक आवेदन व 200 मांग के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था। लगभग इतने ही संख्या में आवेदन व मांग दिगर अनुविभाग क्षेत्र में हुए आयोजित किेये गये शिविरों के दौरान प्रस्तुत किया गया था।
समय और पैसे ज्यादा लगते हैं
मोहन वर्मा ने बताया कि दूरदराज इलाके से आने जाने में आने-जाने का समय, बस किराया एवं पेट्रोल डीजल का खर्च वहन करना पड़ता है। सबसे अधिक परपोड़ी क्षेत्र, नवागढ़ तहसील के ग्रामीण इंलाके के रहवासियों को उठाना पड़ता है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि लोगों की बातों को प्रशासन को सुनना चाहिए। बार-बार व्यवस्था बदलने की वजह से लोग अपनी बात प्रशासन के समक्ष नहीं रख पा रहे है। दूसरी तरफ केवल सोमवार को ही बात सुना जा रहा है। बहरहाल दूरदराज के लोगों के बीच जाकर लोगों की बातों को सुनने के लिए पूर्व में चलाये जा रहे समस्या निवारण शिविरों को नहीं लगाये की वजह से मैदानी क्षेत्रों में व्याप्त समस्या, शिकायतों व समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
गांव तक पहुंचते थे, मौके पर होता था निराकरण
जिले में नवंबर के दौरान बेमेतरा ब्लाक के ग्राम जेवरा, ग्राम चंदनु, ग्राम बावामोहतरा व ग्राम दाढी में अनुभाग स्तरीय शिविर लगाया गया था। इसी तरह बेरला ब्लाक के ग्राम कुसमी, मोहभटठा, सरदा व सांकरा में, साजा ब्लाक के ठेलका, महुवाभाठा, देवकर, थानखम्हरिया, नवागढ़ ब्लाक के ग्राम मल्दा, ग्राम झाल, भदराली में जनचैपाल लगाया गया था तब मौके पर आने वाले आवेदन व शिकायत पर त्वरित पहल कर निराकरण किया गया था।
अनुविभाग स्तरीय जनचौपाल - नवंबर 2022
22 शिविर के दौरान प्राप्त आवेदन-2572, शिविर में प्राप्त शिकायत-167, शिविर में प्राप्त मांग- 2405, निराकृत मांग -1989, निराकृत शिकायत-66
लंबित मांग - 416, लंबित शिकायत -101
जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर, आवेदन व मौके पर निराकरण
साजा 24 नवंबर-137 आवेदन - 108 का निराकरण, बेरला 30 नवंबर - 248 आवेदन - 205 का निरारण, बेमेतरा 7 दिंसबर - 157 आवेदन - 96 का निराकरण, नवागढ़ 9 दिसंबर - 130 आवेदन -101 निराकरण
केवल सोमवार को ही जनता की बातों को सुना जाता है
जिलेवासियों को अपनी बात रखने के लिए प्रत्येक सोमवार को जिला कार्यालय में जनचौपाल का आयोजन किया जाता है। अपनी बात रखने के लिए जिले भर के फरियादी पहुंचते है। जिस तरह के आकड़े जनचौपाल में सामने आया है उसके अनुसार जिला मुख्यालय में लोग आने को लेकर कम रूचि दिखा रहे है। जिले में बिते जनवरी के प्रथम सप्ताह से लेकर 25 अप्रैल तक केवल 491 आवेदन प्रस्तुत किया गया है। 430 आवेदन का निराकरण हो चुका है शेष 61 का निराकरण किया जाना है।
एसडीएम मुख्यालय में लगाया जा रहा था शिविर
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में आम लोगों के करीब पहुंचने और मैदानी स्तर पर जाकर लोगों की बात सुनने व निराकरण करने के साथ-साथ मौके पर ही राशन कार्ड, राजस्व पेंशन संबंधी प्रकरण, अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ देने के साथ-साथ निकाय स्तर के समस्याओं का समाधान करने के लिए जिले में बिते वर्ष 24 नंवबर से 9 दिंसबर तक बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़ में शिविर लगाया गया था जिसे 9 दिसंबर के बाद से अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है।
उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर प्रारंभ करने निर्णय लिया जाएगा
अपर कलेक्टर डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने कहा कि स्थगित हुए जन चौपाल शिविरों को गांव व अनुभाग मुख्यालय में प्रारंभ करने के लिए उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर प्रारंभ करने के लिए निर्णय लिया जाएगा।