‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 नवंबर। जिले में इस बार धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन में कमी दर्ज की गई है। पिछले खरीदी सीजन की तुलना में इस बार 2,095 किसानों ने पंजीयन नहीं कराया, जिससे पंजीकृत रकबा भी करीब 28,964 हेक्टेयर घट गया है। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो जिले में इस बार 12 फीसदी कम पंजीयन हुआ है। जिले में अब तक 1,62,604 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। पिछली बार यह संख्या 1,64,699 थी। अंतिम दिनों में भी समितियों में बड़ी संख्या में किसान पंजीयन के लिए पहुंचे, लेकिन 28 और 29 अक्टूबर को सर्वर डाउन रहने से कई किसान ऑनलाइन पंजीयन नहीं करा सके।
पिछले साल का डाटा कैरी फॉरवर्ड, 2,800 से ज्यादा पंजीयन निरस्त
पिछले सीजन में धान बेचने वाले 1,55,768 किसानों का डाटा नए सत्र के लिए कैरी फॉरवर्ड किया गया है। इनमें से 2,873 किसानों का पंजीयन इस बार तकनीकी त्रुटियों और दस्तावेजों की गड़बड़ी के कारण निरस्त कर दिया गया है।
आंकड़ों में एक नजर
विवरण पिछला सत्र वर्तमान सत्र अंतर
पंजीकृत किसान 1,64,699 - 1,62,604 2,095
पंजीकृत रकबा (हे.) 1,91,568.79 1,67,354.78 28,964
नए पंजीकृत किसान 6,809
सिर्फ 6,809 नए किसान जुड़े
नए सत्र में केवल 6,809 किसानों ने नया पंजीयन कराया है। इन किसानों ने 3,628 हेक्टेयर भूमि का पंजीयन करवाया है। किसानों का कहना है कि डिजिटलीकरण और एग्रीस्टैक अपडेट में आ रही दिककतों से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। गिरदावरी रिकॉर्ड में अंतर भी पंजीयन में अड़चन बना।
समय बढ़ाने की मांग
कई किसानों ने पंजीयन की अवधि बढ़ाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर समय बढ़ाया जाए, तो वे किसान भी शामिल हो सकेंगे जो तकनीकी कारणों से पंजीयन नहीं करा पाए। वहीं, दस्तावेज़ सत्यापन के लिए आवश्यक तहसीलदार और एसडीएम स्तर के अधिकारियों की अनुपलब्धता के कारण भी कार्य प्रभावित हुआ है, क्योंकि बीते दो दिनों से ये अधिकारी राजधानी में हैं।