बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 अप्रैल। ग्राम जौंग में आयोजित 21 कुंडीय श्रीगणेश महायज्ञ एवं राम कथा के तीसरे दिन संत राजीव लोचन दास महराज ने कहा कि जय सियाराम सनातन धर्म के तीन ग्रंथ हैं, अगम, निगम और पुराण। दुर्भाग्य से हिंदू अपने ग्रंथों के नाम ही नहीं जानते और फिर आरोप दूसरों पर लगाते हैं। दूसरे धर्म के लोग अपने धर्म ग्रंथ को जानते हैं और पढ़ते हैं। बस एक हिंदू ऐसा है जो केवल व्हाट्सएप और फेसबुक से अपने धर्म की जानकारी आज प्राप्त करता है। यही सनातन धर्म के पतन का मूल कारण है और यह तब तक उत्थान की ओर नहीं जा सकता। जब तक हम अपने शास्त्रों का स्वयं अध्ययन न करें। शस्त्र-शास्त्र और संत तीनों से जिसका जीवन जुड़ा हो उसे आरे कहा जाता है। शास्त्र मन में शस्त्र तन में एवं संत जीवन में धारण करने योग्य हैं। हम शास्त्रों को मन की सुरक्षा, शस्त्रों को तन और संतों को जीवन की सुरक्षा के लिए महत्व दें।
महात्यागी संप्रदाय से दीक्षित वैष्णव विरक्त महापुरुष हैं, सियाराम महराज
21 कुंडीय श्री गणेश महायज्ञ के मुख्य यजमान योगेश तिवारी ने बताया कि परम तपस्वी संत श्री श्री 1008 बाबा सियाराम दास जी महाराज महात्यागी संप्रदाय से दीक्षित वैष्णव विरक्त महापुरुष हैं। जिनका जीवन अधिकांश समय तपस्या में व्यतीत होता है। महाराज के इष्ट देव भगवान गणेश हैं। महाराज एक आसन पर सदैव विराजमान रहते हैं।
अन्न जल का परित्याग कर भगवान गणेश की वंदना, तपस्या में तल्लीन रहते हैं। हर बार उनका बैठे मुद्रा में दर्शन पाया है। विश्व कल्याण व छत्तीसगढ़ के किसानों को सदैव खुशहाली, अच्छी बारिश होने के संकल्प से तपस्यारत हैं।
हजारों श्रद्धालुओं ने रामकथा का किया श्रवण
राम कथा के तीसरे दिन पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा, शत्रुहन साहू हर्ष वर्धन तिवारी, नरेश यादव, मनीष मिश्रा, राजकुमार तिवारी, छोटू महेश्वरी, राजा गुप्ता, शिवम तिवारी, नरेश मल्लाह, प्रबल सिंह जेवरा, जेवरा सरपंच संध्या सिंह ठाकुर, राजा पांडे बेमेतरा, विनोद सिंह, विक्की चौबे, बोधीराम निषाद, सनत पांडे किरीतपुर, पियूष शर्मा, कृष्णा साहू, रामकुमार सेन, मन्नू साहू, अभिषेक माली, किशोर ध्रुव जी, सरजू साहू, युगल सिंह चौहान, ज्योगी प्रसाद यादव, मनोज सिन्हा, नरेश राय, शिवम् दिवान, यशवंत टंडन, वाशु साहू समेत हजारों श्रद्धालु राम कथा व श्री गणेश महायज्ञ में शामिल हुए।


