कलेक्टर ने दुर्घटना रोकने के उपायों पर की चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 अक्टूबर। जिले में आवारा और घूमने वाले पशुओं से होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नई प्रक्रिया लागू की गई है। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने इस सिलसिले में बैठक ली। परिवहन विभाग के निर्देशों पर आधारित है। इसका उद्देश्य सडक़ों पर दुर्घटनाएं कम करना, पशुओं की सुरक्षा करना और जनता की सुरक्षा मजबूत करना है।
डॉ. सिंह ने सभी संबंधित विभागों — नगर निगम, पुलिस, पंचायत और ग्रामीण विकास, पशुपालन, कृषि, लोक निर्माण, एनएचएआई और राजस्व विभाग — को मिलकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सडक़ों पर जहां आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं का खतरा ज्यादा है, वहां ऐसे स्थानों की पहचान कर निगरानी रखी जाए।
सडक़ बनाने और रखरखाव से जुड़े सभी विभागों, खासकर टोल ठेकेदारों और एनएचएआई को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सडक़ों पर पशु न घूमें, इसके लिए आवश्यक फेंसिंग, गेट और सुरक्षा प्रबंध किए जाएं।
एसओपी के अनुसार, हर ग्राम पंचायत और नगर निकाय स्तर पर एक निगरानी दल बनाया जाएगा। ये दल सडक़ पर घूमने वाले पशुओं को पकडक़र उन्हें गोठान या पंजीकृत आश्रय स्थलों में रखेंगे। कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति इस काम की साप्ताहिक समीक्षा करेगी और निगरानी दलों को तीन दिनों के भीतर बनाकर काम शुरू करने को कहा गया है।
आवारा पशुओं से जुड़ी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं — 1033 (राष्ट्रीय राजमार्ग) 1100 (शहरी क्षेत्र) कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि यह केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का अभियान है। प्रशासन का उद्देश्य है कि आवारा पशुओं को सुरक्षित ठिकाना मिले और लोगों को सुरक्षित सडक़ें मिलें। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से इस अभियान में भाग लेने की अपील की।
एक महीने तक दिन और रात दोनों समय विशेष अभियान चलाया जाएगा। सभी विभागों को मिलकर काम करने और रोजाना प्रगति रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में देने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम पंचायत और नगर निकाय स्तर पर बने निगरानी दलों में लोक निर्माण, पुलिस, पशुपालन, पंचायत, कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे। ये दल नियमित रूप से निरीक्षण कर अपने क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करेंगे।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि इस प्रक्रिया से सडक़ों पर सुरक्षा बढ़ेगी, दुर्घटनाएं घटेंगी और पशुओं की भी सुरक्षा होगी। प्रशासन चाहता है कि हर नागरिक को सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित माहौल मिले।