‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 25 मई। शनिवार 24 मई का दिन सेजेस सिंगपुर के शैक्षिक इतिहास का स्वर्णिम दिवस साबित होगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जिले में पहली बार किसी विद्यालय की वार्षिक कार्य योजना के निर्माण में हर समाज के प्रमुखों को न केवल विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया । अपितु उन्हें वर्ष भर किये जाने वाली हर छोटी बड़ी गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदारी भी दी गई।
सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य डॉ व्ही .पी.चन्द्रा ने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों के लिए जो भी योजनाएं विद्यालय में बनाई जाती है उस योजना के निर्माण में सभी समाज के प्रमुखों की प्रत्यक्ष भागीदारी होनी चाहिए। समाज प्रमुखों का दायित्व है कि वे अपने अपने समाज के सभी लोगों को शैक्षिक योजना की जानकारी दे ताकि हर पालक इस योजना के क्रियान्वयन में बढ़ चढक़र भाग ले सकें। दूसरी बात यह कि योजना निर्माण पश्चात क्रियान्वयन के अवसर पर कोई भी पालक योजनाओं से अनभिज्ञ होने की बात न कह सके।इसी बात को ध्यान में रखकर एस एम डी सी एवम सर्व समाज के प्रमुखों ने सेजेस सिंगपुर में एकत्रित होकर शैक्षिक कार्य योजना का निर्माण किया। शैक्षिक योजना के निर्माण हेतु सोलह प्रकार की समितियों का गठन किया गया । प्रत्येक समिति में शिक्षक एवम पालकों को उनकी रुचि के अनुरूप दायित्व सौंपा गया। सर्व प्रथम प्रवेश समिति के सदस्यों ने सेजेस में प्रवेश सम्बन्धी नियमों का निर्माण कर सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। अनुशासन समिति के सदस्यों ने विद्यालय के लिए अनुशासन बनाये रखने हेतु नियमों का निर्धारण किया।
अनुशासन समिति ने यह भी तय किया कि किसी भी बच्चे को पालकों की उपस्थिति के बिना प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हर पालकों के लिए विद्यालय द्वारा बनाये गए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस हेतु हर पालक को तेरह बिंदु का एक घोषणा पत्र भरकर न केवल विद्यालय को देना होगा अपितु वर्ष भर उसका पालन भी करना होगा। योजना निर्माण में उपस्थिति लोगों ने यह भी तय किया कि विद्यालय के द्वारा निर्धारित पठन पाठन एवम लेखन की पूरी सामग्री की व्यवस्था करने के बाद ही बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। सोलह जून के शाला प्रवेशोत्सव को ‘स्कूल तिहार’ के रूप में धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया जिसमें हर पालकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा।
ऊपर वर्णित दो समितियों के अलावा ,प्रार्थना समिति,कक्षा संचालन समिति, मोटिवेशनल समिति,सामान्य ज्ञान समिति,ग्रन्थालय समिति,क्रीड़ा समिति,सांस्कृतिक समिति,बागवानी समिति, नैतिक संस्कार एवं सांस्कृतिक समिति,स्वास्थ्य एवम स्वच्छता समिति,मूल्यांकन समिति, डेटा संधारण समिति, डेटा एनालिसिस समिति,पालक सम्पर्क समिति,विज्ञान समिति, आई सी टी समिति , प्रोफेशनल डेवलेपमेंट समिति,नवाचार समिति, लंच विथ लर्निंग समिति,एक्शन रिसर्च जैसी समितियों का गठन किया गया।
प्रत्येक समिति के लिए एक शिक्षक को प्रभारी तथा पालकों को सदस्य बनाया गया है जिसमें प्रवेश पश्चात बच्चों को भी शामिल किया जाएगा। उपस्थित लोगों ने एकमतेन हर हाल में सत्रह जून से नियमित कक्षा के संचालन पर जोर दिया । बच्चों को पालकों की उपस्थिति में प्रवेश तभी दिया जाएगा जब वे पूरी शैक्षिक सामग्री के साथ विद्यालय में उपस्थित होंगे। प्रत्येक पालकों को प्रवेश के अवसर पर एक घोषणा पत्र देना होगा। सबसे हर्ष की बात यह है कि यहाँ एस एम डी सी के सदस्य एवम समाज प्रमुखों के समक्ष विद्यालय के शिक्षकों ने स्वयं को अनुशासित करने के लिये ड्रेस कोड का भी निर्धारण किया जिसमें हर शिक्षक सफेद शर्ट तथा काले पेंट के साथ प्रतिदिन विद्यालय आएंगे।
समाज प्रमुखों ने इस अवसर पर इस बात को दुहराया कि वे अपने समाज के बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजेंगे। नहीं भेजने वाले पालकों को पहले समझाईश देंगे। नहीं समझने पर सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि मासिक मूल्यांकन के बाद हर महीने होने वाली बैठक में प्रत्येक पालकों को उपस्थित होना होगा। अनुपस्थिति की दशा में पालक दण्ड के भागी होंगे। इस हेतु पृथक से पालकों की एक समिति बनाई गई। पूरे शैक्षिक सत्र में क्या क्या गतिविधियाँ होंगी,कौन प्रभारी और सदस्य होंगे, कब कब मासिक टेस्ट होगा,कब पालकों की मीटिंग होगी तथा किस दिनांक को कौन सा कार्यक्रम होगा ,पालकों को कब विद्यालय आना है इत्यादि बातों की जानकारी पालकों को प्रवेश के समय दे दी जाएगी। हर पालक को वार्षिक कार्य योजना एवम वार्षिक कैलेंडर की प्रति प्रवेश शर्तों के साथ दी जाएगी ताकि कोई पालक किसी प्रकार से कोई बहाना न बना सके। योजना के निर्माण में सबसे ज्यादा समझ आधारित शिक्षण, सक्रिय शिक्षण,गतिविधि एवम प्रयोग आधारित शिक्षण,अभ्यास कार्य, अनुलेख,गृह कार्य,समूह शिक्षण , सेल्फ स्टडी, नीड बेस टीचिंग,प्रॉब्लम साल्विंग पर सबसे ज्यादा जोर देते हुए छोटी छोटी रणनीति बनाई गई। एस एम डी सी एवम उपस्थित शिक्षकों ने आगामी सत्र को गुणवत्ता सत्र के रूप में मनाने का निर्णय लिया जिसमें हर पालक बढ़ चढक़र भाग लेंगे।