‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 24 अगस्त। शासकीय गुंडाधूर स्नातकोत्तर महाविद्यालय को नैक बेंगलुरु ने निरीक्षण के बाद 2.32 सीजीपीए के साथ बी ग्रेड दिया है। नैक के प्रथम चक्र में किसी महाविद्यालय के लिए खासकर बस्तर जैसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्र में 2.32 सीजीपीए प्राप्त करना बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसे महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ की राजधानी के कई बड़े बड़े नामी महाविद्यालय भी ग्रेड बी से ज्यादा पाने में असमर्थ रहे हैं। ऐसे में गुंडाधूर महाविद्यालय की यह उपलब्धि सचमुच सराहनीय है।
इससे पूर्व 18 व 19 अगस्त को नैक पियर टीम ने कोण्डागांव के शासकीय गुंडाधूर स्नाकोत्तर महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। जिसमें तेजपुर यूनिवर्सिटी असम के कुलपति प्रोफेसर विनोद जैन, वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी तिरुपति के प्रोफेसर श्रीनिवास रेड्डी और गर्ल्स कॉलेज बीड़ महाराष्ट्र प्राचार्य डॉ सविता शेटे टीम सदस्यों के रूप में शामिल रहे। टीम ने महाविद्यालय के विभिन्न विषयों के विभागों, कार्यालय, विभिन्न समितियों, प्रकोष्ठों, खेल मैदान, कैंटीन, जिम, बॉटनिकल गार्डन, हॉस्टल सहित विभिन्न स्थानों का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया।
नैक पीयर टीम ने एग्जिट मीटिंग के दौरान महाविद्यालय को कई बिंदुओं पर अपडेट होने की सलाह दी व रिकॉर्ड के संधारण पर विशेष जोर देने के लिए कहा। साथ ही सीमित संसाधनों के बीच किए जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों के लिए महाविद्यालय की सराहना की।
दो वर्ष पूर्व कराया गया था पंजीयन, कई सुविधाएं किए गए विकसित
गुंडाधूर महाविद्यालय ने इस नैक मूल्यांकन के लिए 2 वर्ष पूर्व नैक की वेबसाइट में पंजीयन करवाया था। तब से ही महाविद्यालय प्रशासन महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति, भूतपूर्व छात्र संघ व अपने छात्रों के साथ इस मूल्यांकन हेतु लगातार संघर्षरत था। इस पूरी प्रक्रिया में महाविद्यालय ने नैक के समस्त मानकों पर आधारित कामों को प्राथमिकता देते हुए लगातार आधारभूत संरचना तथा अध्ययन अध्यापन संबंधी क्षेत्रों में बेहतर करने के प्रयास किए। इस कड़ी में महाविद्यालय में 6 स्मार्ट क्लासरूम के निर्माण, लाइब्रेरी वाचनालय निर्माण, पूरे महाविद्यालय परिसर में सुरक्षा के दृष्टिगत 32 सीसीटीवी कैमरो का इंस्टॉलेशन, महाविद्यालय में सेंट्रल अनाउंसमेंट सिस्टम लगाना, छात्राओं की निजता व विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए गर्ल्स कॉमन रूम का निर्माण, महाविद्यालय के दोनों भवनों में साफ पीने के पानी के लिए आरओ की व्यवस्था, बॉटनिकल गार्डन का निर्माण, बास्केटबॉल ग्राउंड व बैडमिंटन कोर्ट का जीर्णोद्धार, कैंटीन का जीर्णोद्धार इत्यादि कार्य समय सीमा निर्धारित करते हुए किए गए। इनके अतिरिक्त अध्ययन अध्यापन संबंधी कार्यों में महाविद्यालय द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय तथा एक राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित करने के अतिरिक्त कई कार्यशालाएं भी आयोजित की गई। महाविद्यालय में विभिन्न दिवसों को आयोजित करने की परंपरा रही है जिसमें राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, ओजोन संरक्षण दिवस, हिंदी दिवस, गणित दिवस, शिक्षक दिवस, बाल दिवस, विश्व पर्यावरण दिवस, जल दिवस, पृथ्वी दिवस, एड्स दिवस इत्यादि दिवसों पर ना सिर्फ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते अपितु छात्र छात्राओं हेतु विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया जिससे उनकी कला को निखारने में भी मदद मिली।
प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष कईयों ने किया सहयोग
संपूर्ण नैक प्रक्रिया आधारभूत संरचना निर्माण इत्यादि कार्यों में महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विकल माने, सदस्य दीपक ठाकुर, दीपक जैन सहित समस्त सदस्यों की महती भूमिका रही। समस्त जनभागीदारी समिति महाविद्यालय के उन्नयन एवं विकास के लिए लगातार प्रयासरत रही, समिति के सहयोग से महाविद्यालय की आधारभूत संरचना में आमूल चूल परिवर्तन देखा गया। महाविद्यालय के विकास में भूतपूर्व छात्र संगठन की ओर से बलराम यादव, अंकित गुप्ता, दीपक जैन, यादवेंद्र यादव, गायत्री पोर्ते सहित अन्य के द्वारा पंखे, आगंतुकों हेतु बेंच, डस्टबिन, पौधे, पुस्तकें सहित करीब एक लाख रुपयों का योगदान दिया गया महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सीआर पटेल ने इस उपलब्धि के लिए समस्त प्राध्यापकों, प्रयोगशाला तकनीशियनों, परिचारको, अतिथि, जनभागीदारी प्राध्यापकों और समस्त ऑफिस स्टाफ की सराहना करते हुए आगामी चक्र में और बेहतर ग्रेड के प्रयास हेतु आश्वस्त किया।
महाविद्यालय परिवार ने बी ग्रेड प्राप्त होने पर आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय, राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, क्षेत्रीय अपर संचालक बस्तर संभाग, शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, महाविद्यालय जनभागीदारी समिति, भूतपूर्व छात्र संघ, नैक मूल्यांकन के लिए नियुक्त मेंटर कांकेर महाविद्यालय, महाविद्यालय के छात्र छात्राओं, इस मूल्यांकन प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों और आसपास के महाविद्यालयों के समस्त प्राध्यपकों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना योगदान दिया सभी का आभार व्यक्त किया।
विशेषकर राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रोफेसर ए घनश्याम, बस्तर संभाग की अपर संचालक डॉ वी विजयलक्ष्मी, मेंटर महाविद्यालय से प्रोफेसर प्रदीप गौर, प्रोफेसर विजय रामटेके, द्वारा महाविद्यालय का सतत रूप से निरीक्षण करते हुए मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया गया। इस नैक मूल्यांकन प्रक्रिया में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर आयोजित विभिन्न कार्यशाला में डॉ जीए घनश्याम, डॉ वेणुगोपाल राव, प्रोफेसर आरएन सिंह, प्रोफेसर अमिताभ बेनर्जी, डॉ सीएल देवांगन व डॉ बीएस छाबरा के द्वारा नैक के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से समझाया गया और महाविद्यालय को बेहतर ग्रेडिंग के लिए प्रोत्साहित किया गया।