‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जुलाई। सरकंडा शासकीय आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर बृजेश सिंह पर फिस्टुला के इलाज के लिए 3,000 रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इसका एक कथित वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें डॉक्टर और उनके सहयोगी रिश्वत मांगते हुए नजर आ रहे हैं।
शिकायतकर्ता हितेश साहू ने बताया कि उन्होंने अपने भाई जयंत कुमार साहू को फिस्टुला के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान, उन्हें महंगी दवाइयों और ऑपरेशन के सामान के लिए मजबूर किया गया। इलाज सफल होने के बाद, डॉक्टर बृजेश सिंह और उनके सहयोगियों ने डिस्चार्ज के समय रिश्वत की मांग की।
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से डॉक्टर और उनके सहयोगियों को मरीज के परिवार से पैसे की मांग करते हुए देखा जा सकता है। इसके बावजूद, मरीज के भाई द्वारा की गई शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जुलाई। छत्तीसगढ़ के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के प्रमोशन को लेकर विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया है। दो हफ्ते बाद इस पर सुनवाई होगी।
पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान आईएफएस अधिकारी जैन को प्रमोशन देने की शिकायत केंद्रीय वन एवं जलवायु मंत्रालय में की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, आईएफएस सुधीर अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में याचिका दायर की थी।
तब 90 बैच के आईएफएस अधिकारी वी. श्रीनिवास राव को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाया गया था, जबकि वह पांच पीसीसीएफ (प्रमुख वन संरक्षक) अफसरों में सबसे जूनियर हैं।
प्रमोशन के खिलाफ, सबसे सीनियर पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल और अन्य ने कैट में याचिका दायर की। कैट ने पिछले महीने श्रीनिवास राव के प्रमोशन को नियमों के अनुसार घोषित किया था।
इसके खिलाफ, पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) सुधीर अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सोमवार को जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल की पीठ ने मामले की सुनवाई की और केंद्र तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को जल्द ही दो नए न्यायाधीश मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अधिवक्ता बीडी गुरु और एके प्रसाद के नामों पर अपनी मंजूरी दे दी है। इस नियुक्ति के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जजों की संख्या 17 हो जाएगी। शीघ्र ही इनके शपथ के लिए वारंट जारी होने की संभावना है।
21 फरवरी 2024 को, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से बीडी गुरु और एके प्रसाद की नियुक्ति की सिफारिश की थी।
चीफ जस्टिस की सिफारिश पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने अपनी सहमति व्यक्त की। कॉलेजियम ने अपनी सहमति के संबंध में लिखा कि उम्मीदवारों की फिटनेस और उपयुक्तता का पता लगाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की राय मांगी गई थी। परामर्शदाता-न्यायाधीश ने अपनी निकटता के कारण विचार पेश करने से खुद को अलग कर लिया।
कॉलेजियम ने बताया कि न्याय विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट से संकेत मिलता है कि बीडी गुरु की ईमानदारी के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं है। उन्होंने कई मामलों में पेशी की है, जो उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए 54 निर्णयों में दर्शाया गया है। उम्मीदवार की उम्र और बार में स्थिति सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने बीडी गुरु को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए फिट और उपयुक्त माना है।
फाइल में न्याय विभाग द्वारा प्रदान किए गए इनपुट के अनुसार, एके प्रसाद की व्यक्तिगत और व्यावसायिक छवि अच्छी है और उनकी ईमानदारी के बारे में कोई भी प्रतिकूल बात सामने नहीं आई है। उनके पास व्यापक अभ्यास है जो उन मामलों में दिए गए 110 रिपोर्ट किए गए निर्णयों में परिलक्षित होता है जिनमें वे उपस्थित हुए हैं। उम्मीदवार की उम्र और बार में स्थिति सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने एके प्रसाद को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए फिट और उपयुक्त माना है।
इन नियुक्तियों के साथ, 22 पदों की स्वीकृति वाले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 17 हो जाएगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और निष्पक्षता की उम्मीद की जा रही है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 31 जुलाई। मरवाही की छात्रा शताक्षी तिवारी ने अपने सोलहवें जन्मदिन पर एक अनोखी पहल की। उन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए 16 हेलमेट वितरित किए। उनकी इस प्रेरणादायक पहल को मान्यता देते हुए, एसपी जीपीएम भावना गुप्ता ने उन्हें गुड समैरिटन के रूप में सम्मानित किया है।
शताक्षी ने मरवाही पुलिस के साथ मिलकर राहगीरों को हेलमेट वितरित किया और उन्हें यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया। उनके इस प्रयास की लोगों ने सराहना की। इस पहल की जानकारी मिलने के बाद, एसपी ने शताक्षी और उनके परिवार को 30 जुलाई को एसपी ऑफिस आमंत्रित किया और उन्हें प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
शताक्षी ने बताया कि वह जीपीएम पुलिस के स्पेशल हेलमेट जोन और सड़क जागरूकता कार्यक्रम से प्रभावित हुई। इसीलिये उसने अपने जन्मदिन को सड़क सुरक्षा जागरूकता के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
एसपी गुप्ता ने घोषणा की कि जिले में जो नागरिक किसी दुर्घटना के पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने या सड़क सुरक्षा के लिए उल्लेखनीय प्रयास करेंगे, उन्हें भी गुड समैरिटन के रूप में पुरस्कृत किया जाएगा।
समारोह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल, डीएसपी निकिता तिवारी, थाना प्रभारी मरवाही उप निरीक्षक गंगा प्रसाद बंजारे और कार्यालयीन स्टाफ भी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 30 जुलाई। नगरीय निकायों में प्रतिमाह वेतन भुगतान व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के नेतृत्व में अधिकारी कर्मचारी सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी, प्रदेश महामंत्री अभिषेक मिश्रा एवं बिलासपुर जिला अध्यक्ष आदित्य दुबे एवं जिला उपाध्यक्ष केदारनाथ शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को समस्त नगरीय निकायों के नियमित कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
बिलासपुर जिला से प्रदेश महामंत्री अभिषेक मिश्रा का कहना है कि छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में कर्मचारियों का वेतन भुगतान की समस्या का समाधान शासन स्तर से करने एवं पुराना पेंशन लागू करने को लेकर आज 29 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल पर जिले एवं राज्य के समस्त नगरीय निकाय रहे और कलेक्ट्रेट में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर जिला बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा गया।
संघ की ओर से कहा गया है कि प्रत्येक महीने की 1 तारीख को वेतन भुगतान की व्यवस्था शासन स्तर पर सुनिश्चित किया जाए, साथ ही अन्य विभागों की तरह नगरीय निकायों में पुरानी पेंशन योजना शीघ्र ही लागू की जाए, निकायों के उपरोक्त समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर पालिक निगम बिलासपुर, नगर पालिका परिषद तखतपुर, रतनपुर, नगर पंचायत कोटा, मल्हार, बिल्हा एवं बोदरी के कर्मचारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
क्षेत्रीय रेल हिंदी नाट्योत्सव 2024
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जुलाई। रेलवे एन.ई. इंस्टीट्यूट, प्रेक्षागृह में 29 जुलाई को क्षेत्रीय रेल हिंदी नाट्योत्सव - 2024 का आयोजन किया गया। आयोजन में प्रधान कार्यालय, राजभाषा विभाग के तत्वावधान में नाटक मंचन हेतु प्रविष्टियां रेल मंडलों एवं कारखानों से मंगवाई गई थीं। इस क्रम में प्रधान कार्यालय के नाटक "आषाढ़ का एक दिन", बिलासपुर मंडल के नाटक "सत्य हरिश्चंद्र" और रायपुर मंडल के नाटक "मुर्गीवाला" की प्रस्तुति हुई।
क्षेत्रीय रेल हिंदी नाट्योत्सव - 2024 के मुख्य अतिथि शिव शंकर लकड़ा, मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर थे। निर्णायक के रूप में बिलासपुर शहर के वरिष्ठ साहित्यकार और बिलासा कला मंच के संस्थापक, डॉ. सोमनाथ यादव तथा छत्तीसगढ़ साहित्यकार परिषद के सचिव महेश श्रीवास उपस्थित रहे। इस अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के उप महाप्रबंधक (सामान्य), समीर कांत माथुर भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
प्रेक्षागृह में उपस्थित दर्शकों ने नाटक मंचन का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। क्षेत्रीय रेल हिंदी नाट्योत्सव - 2024 में प्रथम स्थान प्रधान कार्यालय, बिलासपुर द्वारा प्रस्तुत नाटक "आषाढ़ का एक दिन", द्वितीय स्थान रायपुर मंडल के नाटक "मुर्गीवाला" और तृतीय स्थान बिलासपुर मंडल के नाटक "सत्य हरिश्चंद्र" को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार तिवारी, वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी एवं वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन पीताम्बर लाल जाटवर, वरिष्ठ अनुवादक ने किया। राजभाषा विभाग, मुख्यालय के राजभाषा कर्मियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग प्रदान किया। यह आयोजन रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली के निर्देशानुसार अखिल रेल नाट्य उत्सव में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।
करगीरोड (कोटा), 27 जुलाई। खरगहनी में धनुवार मोहल्ला में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया।
कोटा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत खरगहनी वार्ड चांदा पारा में धनुहार समाज के परिवार बड़ी संख्या में निवास करते हैं। मलेरिया से बचाव हेतु ग्राम पंचायत खरगहनी द्वारा धनुवार मोहल्ला में जनपद पंचायत कोटा सीईओ युवराज सिन्हा के निर्देश पर कोटा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर जांच की गई। स्वास्थ्य शिविर मेें सभी की जांच कर आवश्यक दिशा-निर्देश मलेरिया बचाव हेतु जानकारी दी गई। उक्त जानकारी खरगहनी ग्राम पंचायत सचिव तिलक कोले ने दी।
करगीरोड (कोटा), 25 जुलाई। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाई के उर्वशा के निर्देश पर शासकीय डीकेपी उच्चतर माध्यमिक शाला कोटा में डॉ. अमित दुबे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगी कला ने स्कूल के छात्र-छात्राओं को मलेरिया एवं डायरिया की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बचाव के उपाय बताए
जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था प्राचार्य संतोष कुमार चिंचोलकर में मलेरिया तथा डायरिया की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम का उद्देश्य बताया।
वर्तमान समय में कोटा क्षेत्र में विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया एवं डायरिया से प्रभावित परिवारों एवं अन्य परिवारों में इनसे बचाव तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। स्कूल में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को डायरिया क्या है? यह किस प्रकार फैलता है? तथा इसके बचाव के क्या उपाय हैं? इस पर डॉक्टर अमित दुबे ने साफ सफाई कैसे रखें, एवं भोजन तथा पेयजल किस प्रकार से लिया जाए जिससे कि डायरिया के प्रकोप से बचा जा सकता है ।
इसी प्रकार से मलेरिया किन-किन वजहों से हो सकता है? मलेरिया कितने प्रकार के होते हैं ? एवं इनसे बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी ।
घर के कूलर , टायर , घर के आसपास गड्ढे आदि में पानी का जमाव न होने पाए ।इस पर ध्यान देने की जरूरत है। वर्षा के दिनों में साफ छानकर, उबला हुआ पानी तथा गरम भोजन एवं ढका हुआ भोज्य पदार्थ ग्रहण करना चाहिए। स्ट्रीट फूड से बचना चाहिए। विशेष कर बरसात के दिनों में खान-पान पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साफ सफाई पर स्वयं और अपने परिवार तथा समुदाय के लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
छोटे बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को भी जागरूक करने , प्रचार प्रसार करने के टिप्स दिए। इसके बाद भी यदि बीमारी से प्रभावित हों तो बिना देर किए मितानिन , उसके बाद अस्पताल से संपर्क करें। अटल बिहारी बाजपेई विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम का संचालन प्रदीप बंजारे ने किया। आभार प्रदर्शन शिवशंकर नामदेव ने किया।
कार्यक्रम में व्याख्याता श्रवण सिंह पैकरा, डॉ. चंद्रशेखर गुप्ता, डॉ. नोरबे लता एक्का, राधेश्याम गुप्ता, योगेश देवांगन, चुरामणि साहू, रामावतार देवांगन,पूनम देवांगन, प्रिया सोनी समस्त व्याख्याता गण , राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवक, सभी छात्र छात्राएं शामिल हुए।
कई राज्यों में घूम-घूमकर 9 साल से यही काम कर रहा था राजस्थान का आरोपी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 22 जुलाई। तारबाहर पुलिस ने एटीएम मशीन में पैसे फंसा कर चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान बहादुर चौकीदार के रूप में की गई है, जो राजस्थान के डीडवाना जिले का निवासी है। आरोपी के पास से 33,000 रुपए नकद, एक स्क्रू ड्राइवर और एक पट्टी भी जब्त की गई है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी एटीएम मशीन के पैसे निकालने वाले सटर को स्क्रूड्राइवर से खोलकर उसमें पट्टी लगा देता था, जिससे पैसे फंस जाते थे। बाद में आरोपी पैसे निकाल लेता था। यह मामला तब सामने आया जब ट्रांजेक्शन सोल्युशन इंटरनेशनल प्रा.लि. के सुपरवाइजर ने पुलिस को सूचित किया कि 21 जुलाई को व्यापार विहार स्थित एटीएम मशीन में पैसे नहीं निकल रहे थे। एटीएम के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को शटर को खोलते और पट्टी लगाते हुए देखा गया।
तारबाहर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और आरोपी की पहचान की। आरोपी को रेल्वे स्टेशन बिलासपुर पर पकड़ा गया, जहां वह ट्रेन का इंतजार कर रहा था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 2015 से एटीएम चोरी का काम कर रहा है और जेल से निकलने के बाद भी इसी काम में लगा रहा। उसने बताया कि उसने 19 जुलाई को उज्जैन से जबलपुर यात्रा की और 21 जुलाई को बिलासपुर पहुंचा था।
बिलासपुर में आरोपी ने व्यापार विहार, लिंक रोड सत्यम चौक और गोल बाजार एटीएम से कुल 40,500 रुपए निकालने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपी बहादुर चौकीदार को न्यायालय में पेश किया है। इस पूरे मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी, हेड कांस्टेबल किशोर वानी, आरक्षक मुरली भार्गव व मोहन कोर्राम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा ), 21 जुलाई। बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में मलेरिया, डायरिया जागरूकता सहित स्वच्छता अपनाने स्कूलों से जागरूकता रैली निकाली गई।
बरसात के मौसम आते ही कई तरह की बीमारियों का अनचाहे ढंग से मानव जीवन में प्रवेश होना प्रारंभ हो जाता है। ऐसे में समुदाय में अगर जरा सा भी कोई लापरवाही बरतता है, तो उसका खामियाजा पूरा समुदाय को भुगतना पड़ता है। ऐसे ही स्थिति इस समय कोटा सब डिवीजन के निकाय और ग्रामीण इलाकों में बनी हुई है।
लोगों को जागरूक करने अनुभाग के युगल किशोर उर्वशा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोटा द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों में क्रमश: विजय टांडे बीईओ, संध्या जायसवाल एबीईओ, नवनीत तंबोली एबीईओ, दीपिका रोस किंडो एबीईओ , प्रमोद शुक्ला बीआरसीसी कोटा सहित संकुल समन्वयकों की जनपद सभाकक्ष में बैठक लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने निर्देशित किए। साथ ही कहा गया कि प्रति दिवस बच्चों को विशेष रूप से प्रार्थना सभा में अनिवार्य रूप से आवश्यक सावधानी बरतने के उपाय जरूर बताए जाए।
एसडीएम युगल किशोर उर्वशा के निर्देशानुसार कोटा विकास खंड के सभी विद्यालयों में जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस जागरूकता रैली में ‘जन जन का एक ही नारा मलेरिया डायरिया मुक्त हो गांव हमारा’ का नारा स्कूली बच्चों सहित शिक्षकों द्वारा लगाया गया। इस जागरूकता रैली में शाला परिवार की विशेष भूमिका रही।
पूर्व एजी वर्मा से भी किया गया था ठगी का प्रयास
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के महाधिवक्ता प्रफुल्ल कुमार भारत का वॉट्सएप हैक कर जालसाजों ने उनके परिचितों से रुपये मांगे। साथी अधिवक्ताओं ने महाधिवक्ता को जब इस जालसाजी की सूचना दी, तब उन्होंने चकरभाठा थाने में शिकायत दर्ज कराई।
चकरभाठा थाने के प्रभारी निरीक्षक रविंद्र अनंत ने बताया कि महाधिवक्ता की शिकायत पर पुलिस ने आइटी एक्ट की धारा 66(घ) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 319(2), 62 के तहत मामला दर्ज कर जालसाजों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिशें तेज कर दी हैं।
महाधिवक्ता भारत ने पुलिस को बताया कि किसी ने उनका वॉट्सएप हैक कर उनके संपर्कों पर मैसेज भेजकर रुपये मांगे। साथी अधिवक्ताओं ने उन्हें इस धोखाधड़ी की जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने चकरभाठा थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए वॉट्सएप को डिएक्टिवेट कर दिया, ताकि जालसाज आगे इसका दुरुपयोग न कर सकें।
एसीसीयू के प्रभारी एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि साइबर ठग लगातार अपने ठगी के तरीके बदल रहे हैं और लोगों की जमा पूंजी पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि मैसेज या फोन कॉल में रुपये मांगने पर तुरंत ऑनलाइन ट्रांसफर करने से बचना चाहिए और सबसे पहले उसकी जांच करनी चाहिए। जालसाज परिचित बनकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देते हैं, इसलिए रुपये ट्रांसफर करने से पहले पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।
इससे पहले भी पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा से ठगी का प्रयास किया गया था। पूर्व महाधिवक्ता के पास उनके बेटे के गिरफ्तार होने की झूठी जानकारी देकर रुपये मांगे गए थे। लेकिन उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए मामले की जानकारी पुलिस को दी। यह मामला अभी जांच में है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जुलाई। पुलिस ने नाबालिग के साथ रेप के आरोपी संजय बघेल को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। पीडि़ता ने 19 जुलाई को अपने परिजनों के साथ थाना उपस्थित होकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पीडि़ता ने बताया कि आरोपी वर्ष 2020 से 2021 तक उसके घर में किराए पर अकेला रहता था। आरोपी ने पीडि़ता को यह कहकर बहलाया कि वह उसे पसंद करता है और पत्नी बनाकर अपने पास रखेगा। आठ जुलाई 2021 को संजय ने पीडि़ता को अकेला पाकर उसके घर में जबरन शारीरिक संबंध बनाए और बार-बार यह कृत्य करता रहा। वह शादी करने का झांसा देकर पीडि़ता को चुप रहने के लिए कहता था।
आरोपी ने जल्द शादी करने का वादा करके किराए का मकान छोड़ दिया और गायब हो गया। पीडि़ता की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किया गया था।
थाना प्रभारी सरकंडा निरीक्षक तोप सिंह नवरंग ने बताया कि आरोपी संजय बघेल की तकनीकी साक्ष्य और मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर बहतराई अटल आवास से पहचान कर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया। उसे न्यायिक रिमांड पर भेज जेल दिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड( कोटा), 20 जुलाई। जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। सरपंच सचिव मिलकर घोटाला कर बड़ी राशि का बंदरबांट किए जाने का मामला उजागर होने पर अब रिकवरी की कार्रवाई होगी।
ये पूरा मामला कोटा जनपद पंचायत के ग्राम करगीखुर्द पंचायत का है, जहां महिला सरपंच और तत्कालिन सचिव दुर्जन साहू ने सज्जनता पूर्व चौबीस लाख सत्तर हजार दो सौ छियालिस रूपयों की बंदरबांट करी थी। आर्थिक अनियमितता की शिकायत लगातार उच्च अधिकारियों से हुई, इसके बाद 2022 में इस पंचायत के पूरे मामले की जांच करवाई गई, जिसमें जांच टीम ने पंचायत के सचिव दुर्जन साहू और सरपंच नंदनी यादव को दोषी पाया और 24 लाख 70 हजार 246 रूपए की आर्थिक अनियमितता पाई।
इस जांच के बाद अब एसडीएम कार्यालय कोटा से एक आदेश जारी हुआ है जिसमें करगी खुर्द के तत्कालिन सचिव दुर्जन साहू और सरपंच नंदनी यादव को 13 अगस्त 2024 के पहले समस्त राशि जनपद पंचायत कोटा में जमा करने के साथ ही पेशी तारीख को उपस्थित होने को कहा गया है, अन्यथा उनके उपर छ.ग. पंचायत अधिनियम 1993 की धारा 92 की उपधारा 2 के तहत शासकीय धनराशि गबन के लिए सिविल जेज में परिरूद्ध रखने की कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले में जनपद पंचायत सीईओ युवराज सिन्हा का कहना था कि पंचायत की शिकायत के बाद जांच हुई थी जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई थी। मामला एसडीएम कार्यालय कोटा में है वहीं से आदेश निकला है आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी ।
बहरहाल, ये पहला पंचायत नहीं है, जहां ऐसी अनियमितता हुई है ,ऐसे कई पंचायत है, जहां भारी घालमेल हैं यदि निष्पक्ष जांच हो तो शासन को करोड़ों रूपए वापस मिल सकते हैं।
एनटीपीसी स्कूल व डेंटल कॉलेज में चेतना अभियान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 जुलाई। बिलासपुर पुलिस द्वारा ‘चेतना अभियान’ के तहत साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सीपत के बाल भारती स्कूल एनटीपीसी और सकरी के न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
सीपत के बाल भारती स्कूल एनटीपीसी में आयोजित साइबर की पाठशाला में करीब 500 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने छात्रों को बढ़ते साइबर अपराधों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन से होने वाले साइबर अपराधों के प्रति सतर्क किया और नवीन कानूनों के संबंध में भी जागरूक किया। छात्रों ने इस सत्र में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और पुलिस अधीक्षक से कई सवाल पूछे, जिनका उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा ने पीपीटी के माध्यम से साइबर अपराधों के प्रकार और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने अपराध होने पर संपर्क किए जाने वाले टोल फ्री नंबर और वेबसाइट की जानकारी दी और सोशल मीडिया के उपयोग में बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया।
कार्यक्रम में एनटीपीसी सीपत के सीजीएम विजय कृष्ण पांडेय, एचआर एचओडी जयप्रकाश सत्यकाम, ब्रह्माकुमारी बिलासपुर की अध्यक्ष स्वाती दीदी, लायंस क्लब एंबेसडर कमल छाबड़ा, बाल भारती पब्लिक स्कूल के प्राचार्य शलभ निगम और थाना प्रभारी सीपत निलेष पाण्डेय सहित अन्य स्टाफ उपस्थित थे।
इसी तरह सकरी के न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज में आयोजित साइबर की पाठशाला में मेडिकल छात्रों और फैकल्टी को साइबर अपराधों से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक उमेश गुप्ता ने छात्रों को साइबर अपराधों की बारीकी बताई। उन्होंने छात्रों को चेताया कि वे किसी अनजान व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, मोबाइल में आए किसी भी संदिग्ध लिंक को न खोलें और ओटीपी को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें।
इस कार्यक्रम में डेंटल कॉलेज के डीन राणा वर्गीस, कॉलेज परिषद के सचिव डॉ. आर के खेत्रपाल, सूर्या पुष्पा फाउंडेशन के अध्यक्ष गौरव शुक्ला, सदस्य टिकेश्वर साव, समस्त प्रोफेसर और मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। थाना प्रभारी निरीक्षक दामोदर मिश्रा और थाना सकरी स्टाफ ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। कॉलेज प्रबंधन ने बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे साइबर पाठशाला की सराहना की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 जुलाई। पुलिस ने रेलवे संपत्ति और एल्यूमीनियम कबाड़, जिसकी अनुमानित कीमत 1 लाख 80 हजार है, को एक पिकअप वाहन सहित जब्त किया है।
मुखबिर से सूचना मिलने पर तारबाहर थाना और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने तारबाहर अंडर ब्रिज के पास खड़ी एक पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 10 बी एन 6816 को चेक किया। वाहन में करीब 10 क्विंटल रेलवे और एल्यूमिनियम का कबाड़ मिला। वाहन चालक पोर्टर खोली चुचुहियापारा का लालमन सिंह ( 25 साल) कबाड़ रखने के संबंध में वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा और बताया कि यह सामान तिफरा के कबाड़ी फिरोज मेमन का है। आरोपी लालमन सिंह को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। यह कार्रवाई रेलवे संपत्ति अधिनियम के तहत की गई है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी, आरपीएफ इंचार्ज इंस्पेक्टर राजेश वर्मा व उनकी टीम शामिल रही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 जुलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ के तत्वावधान में बीजापुर जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि व संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण सहित18 मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
स्वास्थ्य मंत्री के बीजापुर प्रवास के दौरान विभाग के संविदा कर्मचारियों ने अवगत कराया कि अपने लंबित पुरानी मांगों को लेकर लगातार माँग पत्र मंत्री एंव विधायक को दे रहे हैं। पिछले जुलाई 2023 के अनुपूरक बजट में सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों को 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा किया गया था। जिसमें 37000 हजार संविदा कर्मचारियों के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन बहुत से विभागों को 27 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त हो चुका है। जिसमें मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन आदि किंतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों को अब तक 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है । जिसके कारण संविदा स्वास्थ्य एनएचएम कर्मचारियों में लगातार रोष व्याप्त होते जा रहा है।
इस अवसर पर मुकेश शर्मा, हरि नायडू,सरिता तोकल, अनिमा अक्का, मनकु कवासी, नरसिंग रत्नाकर, चंद्रशेखर के बी सहित स्वास्थ्य विभाग के संविदा अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जुलाई। सीपत थाना इलाके के नवाडीह में बीती रात एक सराफा दुकान में लगभग 30 लाख रुपये के आभूषणों की चोरी हो गई। बाहर से लौटकर दुकानदार ने चोरों को भीतर देखा तो आवाज लगाई, इस पर उन्होंने दुकानदार पर हमला कर दिया।
सीपत थाने के नवाडीह चौक पर दामोदर गुप्ता की ज्वेलरी की दुकान है। दुकान का मालिक अपने परिवार के साथ एक शादी में शामिल होने बिलासपुर आया था। देर रात जब लौटे तो उन्होंने देखा कि दुकान की शटर खुली हुई है और भीतर 3-4 नकाबपोश घुसे हुए हैं। उसने चोरों को ललकार लगाई तो चोरों ने पलटकर ईंट पत्थर से हमला कर दिया। उनसे बचने के लिए अपनी गाड़ी के साथ व्यवसायी आगे बढ़ गया और उसने सीपत पुलिस को फोन किया। मगर इसी बीच आरोपी गहने लेकर फरार हो गए। घटनास्थल के पास उनकी एक बाइक छूट गई है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। सीपत पुलिस की टीम डॉग स्क्वाड व फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जुलाई। सिविल जज प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान शामिल किया है। इसे शामिल करने का लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा। विध विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। स्थानीय युवा जो सिविल जज की परीक्षा दिलाने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए यह फायदेमंद होगा।
विधि विधायी विभाग ने एक और संशोधन कर सिविल जज परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के लिए विधि में स्नातक की डिग्री के साथ ही राज्य अधिवक्ता परिषद् में पंजीयन को अनिवार्य कर दिया है। संशोधन छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है।
एक अन्य आदेश में न्यायिक अधिकारियों को त्यागपत्र देने के तीन पहले विधि विधायी विभाग को इस संबंध में तीन माह पहले सूचना देनी होगी। समयावधि में सूचना नहीं दे पाए तो ऐसी स्थिति में तीन महीने का वेतन सरेंडर करना होगा। नए नियम को तत्काल प्रभाव से छत्तीसगढ़ में लागू कर दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जुलाई। गला घोंटकर पत्नी की जान लेने के एक मामले में हाई कोर्ट ने साक्ष्य का परीक्षण के बाद मामले को दहेज हत्या का माना। हाई कोर्ट ने अपीलकर्ता को आजीवन कारावास से कम करते हुए दहेज हत्या के आरोप में सजा 10 वर्ष कर दी है।
मुंगेली सिटी कोतवाली क्षेत्र के फास्टरपुर चौकी के ग्राम लगरा निवासी पुलिस कर्मी राजकुमार सोनकर पत्नी बदन बाई से दहेज में मोटरसाइकिल व अन्य सामान की मांग करता था। 5 जुलाई 2013 को उसने पत्नी का गला घोंटकर जान ले ली। मृतक नवविवाहिता के पिता ने दामाद राजकुमार सोनकर के विरुद्ध दहेज के लिए बेटी की गला घोटकर हत्या करने की रिपोर्ट लिखाई।
पीएम रिपोर्ट में गला घोटने से मौत की पुष्टि हुई। पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर किया। पति राजकुमार, सास, ससुर को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया गया। पुलिस ने आगे की विवेचना व गवाहों के बयान के बाद मामले में धारा 304 बी जोड़ कर न्यायालय में चालान पेश किया। सत्र न्यायाधीश ने सुनवाई के उपरांत आरोपी पति के खिलाफ पत्नी की हत्या के आरोप में धारा 304 बी व विकल्प में धारा 302 का चार्ज फ्रेम किया। गवाह व साक्ष्य का प्रतिपरीक्षण उपरांत अदालत ने सास, ससुर को संदेह का लाभ देते हुए रिहा किया व पति को धारा 304 बी व 302 दोनों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
निर्णय के विरुद्ध आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की। इसमें कहा गया कि मामला दहेज हत्या का है व धारा 304 बी में सजा 7 वर्ष होनी चाहिए। आरोपी 10 वर्ष से जेल में है। उसे रिहा करने की मांग की गई।
हाई कोर्ट ने आरोपी को किस धारा में सजा होनी चाहिये इस पर विचार करने अदालत की सहायता के लिए अधिवक्ता आशीष तिवारी को न्याय मित्र नियुक्त किया। न्याय मित्र ने विभिन्न हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत को पेश किए। उन्होंने मृतका के पिता व अन्य गवाहों के बयान के आधार पर मामले को दहेज हत्या का बनना बताया।
सजा के प्रश्न पर दहेज हत्या के दुर्लभ मामले में आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों के तर्क व न्यायदृष्टांत को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा आरोपी पुलिस कर्मचारी था और अपराध में अंकुश लगाने के बजाय खुद शामिल हो गया। इसलिए मामले में गंभीरता से विचार करना होगा। दुर्लभ मामला होने पर आरोपी को आजीवन कारावास हो सकता है किंतु यह दुर्लभ नहीं है। न्याय की पूर्ति के लिए आरोपी की धारा 304 बी की 7 वर्ष की सजा को बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया। आरोपी 30 सितंबर 2013 से जेल में बंद है। कोर्ट ने 10 वर्ष पूरा होने पर उसे रिहा करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जुलाई। दो साल पहले छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर पुराना बस-स्टैंड की जमीन के एक हिस्से को कांग्रेस भवन के लिए आवंटित किया गया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में कलेक्टर को दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा है। याचिका आवंटन रद्द करने के लिए लगाई गई थी।
ज्ञात हो कि पुराना बस स्टैंड की बेशकीमती जमीन को अगस्त 2022 में कांग्रेस भवन के लिए जिला कांग्रेस कमेटी को तत्कालीन सरकार ने आवंटित की थी। इसके खिलाफ रजनीश ताम्रकार ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ नगर निगम (अचल संपत्ति का हस्तांतरण) नियम, 1994 के नियम 3-बी (2) का उल्लंघन करते हुए यह जमीन कांग्रेस को आवंटित की जा रही है। एक ही उद्देश्य के लिए दो बार जमीन का आवंटन नहीं किया जा सकता। पूर्व में कांग्रेस भवन बनाने के लिए जमीन दी जा चुकी है। इसके अलावा राज्य परिवहन निगम की यह जमीन सार्वजनिक प्रयोजन के लिए होना चाहिए, किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं। यहां बनाए गए हॉस्पिटल के लिए अतिरिक्त जमीन दी जानी चाहिए। राज्य शासन की ओर से कहा गया कि जमीन का आवंटन नगर निगम भूमि अंतरण नियम के तहत नहीं बल्कि भू राजस्व संहिता के अनुसार किया गया है। अस्पताल को आवश्यकता के अनुसार जमीन आवंटित की जा चुकी है। उसने लिखकर दिया है कि उसे और जमीन की आवश्यकता नहीं है।
सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने बिलासपुर कलेक्टर को कांग्रेस की तरफ से दिए गए आवेदन पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही जनहित याचिका निराकृत कर दी गई है।
इधर, बिलासपुर के कलेक्टर ने जिला कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखकर जमीन आवंटन के एवज में भू भाटक सहित अन्य शुल्क के रूप में एक करोड़ 70 लाख रुपए जमा करने कहा गया है। यह राशि पीसीसी द्वारा जमा की जानी है। उधर, कांग्रेस ने फरवरी 2024 में पत्र लिखकर रकम जमा करने समय मांगा था। इस पर अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि आवंटन की शर्तों के अनुसार 2 साल में रकम जमा नहीं करने पर आवंटन स्वतः निरस्त हो जाएगा। सरकार के अनुसार यह अवधि अगस्त में पूरी हो जाएगी। याचिकाकर्ता के वकील अभिजीत सरकार का कहना है कि चूंकि यह फैसला मेरिट के आधार पर नहीं हुआ है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
हर वार्ड में लगेंगे शिविर, समस्याओं का यथासंभव मौके पर ही होगा निराकरण
उप मुख्यमंत्री साव ने नगरीय निकायों के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सक्रिय भागीदारी की अपील की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जुलाई। प्रदेश सहित जिले के सभी नगरीय निकायों में आगामी 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर स्थानीय समस्याओं का निदान किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मंत्रालय से जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के संबंध में सभी आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी किया गया है।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से राज्य की सभी 184 नगरीय निकायों में स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनका मौके पर ही निराकरण के निर्देश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिए हैं। उन्होंने इन शिविरो में नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के महापौरों, अध्यक्षों, पार्षदों और अन्य जन प्रतिनिधियों को भी उपस्थित रहने की अपील की है, ताकि आमजन की भागीदारी में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि वार्डवार शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निराकरण होगा और नागरिकों को जरुरी सुविधाएं मिलेंगी। समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से होने से शहरी सरकार के प्रति लोगों में सद्भाव भी बढ़ेगा।
विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा अपने क्षेत्र के नागरिकों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य दायित्व है। स्थानीय नागरिक समस्याएं यथा नल कलेक्शन, राशन कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र, नामांतरण, स्वरोजगार के प्रकरण तथा कई विविध छोटे-छोटे कार्य होते हैं, जिनका निराकरण शीघ्र अपेक्षित होता है।
परिपत्र में कहा गया है कि नल लीकेज, नलों में पानी न आना, नालियों व गलियों की सफाई, सार्वजनिक नलों के प्लेटफार्म से पानी बहना, कचरे की सफाई व परिवहन, टूटी-फूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों के गड्ढे पाटना, स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना आदि समस्याएं भी हैं। ये सारे कार्य आम नागरिकों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं और कार्यों से संबंधित है। इन समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से किए जाने से अपने नगरीय निकाय के प्रति नागरिकों का सद्भाव बढ़ेगा। वहीं स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का निराकरण भी शीघ्र हो सकेगा। विभाग ने जनसमस्या निवारण शिविरों में महापौरों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्षों, पार्षदों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे आमजन की भागीदारी में बढ़ोतरी हो।
विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिविरों में करदाताओं को करों के भुगतान की सुविधा वार्ड में ही उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग ने वार्डवार शिविरों के आयोजन के संबंध में वार्ड एवं नगर में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिक शिविर का पूरा लाभ प्राप्त कर सके। शिविरों में संकलित जानकारी राज्य शासन को भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं।
एक ही दिन में 8 लाख 31 हजार प्रकरण समझौते से हल हुए, 230 करोड़ के अवार्ड पारित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 जुलाई- राज्य में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई को किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुडक़र इनकी कार्रवाई का निरीक्षण किया और जिला न्यायाधीशों तथा खंडपीठ के पीठासीन अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया और उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रोत्साहित किया।
रायगढ़ के एक प्रकरण, जिसमें एक उम्रदराज पति पत्नी के मध्य घरेलू हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे और लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। चीफ जस्टिस ने पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की और दंपति को शुभकामनाएं दी।
जस्टिस सिन्हा ने उच्च न्यायालय में गठित दो खंडपीठों का भी भ्रमण किया और कार्रवाई का जायजा लिया।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्रवाई का निरीक्षण किया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिये प्रोत्साहित किया। इससे नेशनल लोक की पारदर्शी विश्वसनीयता बनी।
सभी जिलों का निरीक्षण करने की चीफ जस्टिस की पहल से लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहन मिला। साथ ही पक्षकारों में लोक अदालत की प्रमाणिकता बढ़ी।
छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में 13 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत के लिए कुल 605 खंडपीठों का गठन किया गया था। अंतिम आंकड़ों में 7 लाख 66 हजार 629 प्री- लिटिगेशन प्रकरण तथा 65 हजार 129 लंबित मामलों का निराकरण हुआ। इस प्रकार कुल 8 लाख 31 हजार 848 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 अरब 30 करोड़ 09 लाख 55 हजार 219 रुपये का अवार्ड पारित किया गया।
जस्टिस सिन्हा ने लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपने पोर्टफोलियो के जिलों में जाने वाले हाईकोर्ट जजों को, हाईकोर्ट की पीठ के जजों को तथा सभी जजों व न्यायिक अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने की महाप्रबंधक के साथ बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष एम. वेंकटेशन ने रेलवे जोन मुख्यालय में सफाई कर्मचारियों की स्थिति तथा कल्याणकारी गतिविधियों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। इस बैठक में महाप्रबंधक, नीनु इट्टियेरा, अपर महाप्रबंधक, सभी विभागाध्यक्ष, मंडल रेल प्रबंधक एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति रेलवे एसोशियेशन तथा अन्य पिछड़ा वर्ग रेलवे कर्मचारी एसोशियेशन ने सफाई कर्मचारियों के अधिकार एवं कल्याण पर अध्यक्ष के समक्ष विभिन्न मुद्दे रखे। अध्यक्ष ने सभी मुद्दों पर दिशा-निर्देश दिए।
वेंकटेशन ने सफाई कर्मचारियों के लिए बेहतर स्वच्छता सुविधाओं, सुरक्षात्मक गियर के प्रावधान और नियमित स्वास्थ्य जांच सहित बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की आवश्यकता पर जोर दिया। वेतन के समय पर भुगतान, वेतनमान में संशोधन और सफाई कर्मचारियों को चिकित्सा बीमा, छुट्टी, बोनस जैसे अतिरिक्त लाभ के संबंध में भी उन्होंने चर्चा की।
चेयनमैन ने सफाई कर्मचारियों के विभिन्न पहलुओं जैसे-कार्यस्थलों पर यौन उत्पीडऩ की रोकथाम, जूते की उपलब्धता, बरसात के मौसम में रेन-जैकेट और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने ‘श्रमिक कल्याण पोर्टल’ में अनुबंध कर्मचारियों के डेटा को अनिवार्य रूप से अपडेट करने का निर्देश दिया। बैठक में सफाई कर्मचारियों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए रेलवे कर्मचारियों के बीच जागरूकता और संवेदीकरण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया।
अध्यक्ष ने रेलवे में कार्य कर रही विभिन्न ठेका कंपनियों तथा उनके प्रतिनिधियों से भी सफाई कर्मचारियों के कल्याण एवं देय भत्तों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। अध्यक्ष ने सफाई कर्मचारियों से सीधे संपर्क कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की और उनकी समस्याओं एवं कार्य के दौरान उत्पन्न चुनौतियों का ब्यौरा प्राप्त किया।
उन्होंने ठेका सफाई कर्मचारियों द्वारा प्रदान किये जा रहे आईकार्ड, ड्रेस, मेडीकल चेकअप की सुविधा, सेफ्टी इक्विपमेंट आदि के बारे में भी विस्तृत रूप से सर्व संबंधित से चर्चा की।
कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी, डॉ. दर्शनीता बी. अहलूवालिया ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
कलेक्टर ने प्रेस क्लब में प्रशासनिक कामकाज और करियर पर चर्चा की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 जुलाई। कलेक्टर अवनीश शरण का मानना है कि शहर की ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है। पेयजल संकट का शहर में काफी कुछ हल निकाल लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे विवाद में जमीन दलालों का हाथ ज्यादा है। बिलासपुर रहने के लिए सबसे अच्छा शहर है और वे रिटायरमेंट के बाद यहीं बसना चाहते हैं।
बिलासपुर प्रेस क्लब के हमर पहुना कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा करते हुए शरण ने कहा कि आईटीएमएस प्रणाली शुरू हो जाने के बाद ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों के खिलाफ जुर्माने की रकम एक करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है, पर लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। शहर में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए नए रिंग रोड की आवश्यकता है। 10-12 साल में शहर की काफी विकास हुआ है। इस दौरान बिलासपुर हर लिहाज से बेहतर हुआ है। नगर निगम में नए क्षेत्र शामिल हुए हैं, जिनकी समस्याएं अलग तरह की हैं। अमृत मिशन योजना आने के बाद शहर में पेयजल संकट का काफी हद तक निदान हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन संबंधी विवाद जरूर हैं, पर इसकी वजह कई स्थानों का नक्शा नहीं मिलना है। इसके अलावा जमीन दलाल भी विवाद खड़ा करते हैं। कलेक्टर ने कहा कि वे सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करना चाहते हैं और इन योजनाओं से बिचौलियों को हटाना चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बुनियादी समस्याओं का अभाव है, जिन्हें वे दूर करना चाहते हैं। शरण ने इस दौरान स्कूल की पढ़ाई के दौरान औसत परीक्षा परिणाम लाने की चर्चा करते हुए कहा कि परिश्रम से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने प्रशिक्षु आईएएस के रूप में बिलासपुर से ही शुरुआत की। अपनी सर्विस का अधिकांश समय एडीएम, नगर निगम आयुक्त आदि के पदों पर यहीं दिया है। बिलासपुर रहने के लिए सबसे अच्छी जगह है। वे रिटायरमेंट के बाद यहीं बसने का इरादा रखते हैं।
करगीरोड (कोटा ), 13 जुलाई। कोटा ब्लॉक में बिजली की आंख मिचौली से आम जनता परेशान हैं। ज्ञात हो कि कोटा ब्लॉक मुख्यालय में विधायक अटल श्रीवास्तव के धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी।
गौरतलब है कि कोटा नगर में हर आधे घंटे में बिजली बिना कोई सूचना के बंद कर दी जाती है, बिजली दिन हो या रात, कभी तो हल्की बारिश होने से बंद कर दी जाती है, बिजली बंद होने से बरसात के समय में रात को काफी परेशानी होती है।
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव का कहना है कि छत्तीसगढ़ की बिजली को उद्योगपतियों को दिया जा रहा है, इसी कारण पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर में बिजली कटौती की समस्या है।
कोटा ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी आदित्य दीक्षित ने कहा कि कोटा नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग के मनमाने तरीके बिजली कटौती सभी परेशान हैं। इस संबंध में प्रभारी जे ई रतनपुर राजेन्द्र जगत ने कहा कि बिजली बंद जरूरत होने पर ही, बंद किया जाता है। या कर्मचारी के कार्य करने पर बिजली बंद किया जाता है। ज्ञात हो कि बरसात के मौसम में मौसमी जीव जंतु, पहाड़ी इलाकों में सांप निकलने से चारों तरफ़ अंधेरा और बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं समय पर बारिश नहीं होने उमस भरी गर्मी से परेशान हैं, बिजली विभाग द्वारा मनमजऱ्ी से बिजली आपूर्ति बंद होने से नगर सहित आस पास ग्रामीण जन परेशानी उठाना पड़ रहा है।
नगर पंचायत हो या ग्राम पंचायत सबसे बड़ी समस्या है पेयजल आपूर्ति। नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों में पानी टंकी में पानी भरने से ही सप्लाई हो पाएगा, वहीं समय में टंकी में पानी बिजली कटौती से नहीं भरने से समय पर टंकी से पानी सप्लाई होना संभव नहीं है।
कोटा ब्लाक मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन हर आधे घंटे में बिजली कटौती की समस्याओं को देखते हुए कोटा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने 8 जुलाई को कोटा एसडीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करके कोटा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से कोटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अटल श्रीवास्तव, ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आदित्य दीक्षित सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी महिला एवं युवक कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन में शामिल होकर बिजली विभाग की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था, लेकिन इसके बाद भी कोटा नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती करना बंद नहीं हुआ न कोई सुधार किया गया है। अभी बिजली विभाग की मनमानी रवैया जारी है।