बिलासपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 फरवरी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ ने स्पष्ट किया है कि हायर सेकंडरी स्कूलों में कृषि विषय के व्याख्याताओं की भर्ती के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य होगी।
न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों के तहत राज्य सरकार इस योग्यता में कोई ढील नहीं दे सकती। अदालत ने इस संबंध में नियमों में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर सुनवाई करते हुएं यह निर्णय दिया।
याचिका अशोकानंद पटेल, परमानंद साहू, आंचल सहाने और महेंद्र पटेल सहित अन्य बीएड धारकों द्वारा दाखिल की गई थी।
एडवोकेट अजय श्रीवास्तव के माध्यम से दायर इस याचिका में 5 मार्च 2019 को जारी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें व्याख्याता कृषि के पदों पर भर्ती के लिए बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि एनसीटीई के 12 नवंबर 2017 के निर्देशों के अनुसार, मिडिल और हाई स्कूल शिक्षकों के लिए बीएड डिग्री आवश्यक है।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी इसी तरह के एक मामले में राज्य सरकार की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था, और सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था। मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कृषि शिक्षकों के लिए बीएड अनिवार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और अन्य बनाम जय भारत कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी और अन्य के एक मामले में कहा था कि राज्य सरकार पात्रता मानदंड में अतिरिक्त योग्यता जोड़ सकती है, लेकिन वह एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदंडों को कमजोर नहीं कर सकती।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार एनसीटीई के नियमों को कमजोर करने का अधिकार नहीं रखती। सुप्रीम कोर्ट के 2021 के एक निर्णय का संदर्भ देते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार अतिरिक्त योग्यता जोड़ सकती है, लेकिन न्यूनतम योग्यता को समाप्त नहीं कर सकती। इसके आधार पर, हाई कोर्ट ने 2019 के नियमों में कृषि शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता को हटाने के निर्णय को असंवैधानिक ठहराया।
अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि कृषि शिक्षक भर्ती में बीएड को अनिवार्य किया जाए और एनसीटीई के 2014 के नियमों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।