बिलासपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 फरवरी। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के बयान को लेकर जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जिला कमेटी ने निष्कासित करने की सिफारिश भेजी है, वहीं जिले के दूसरे कांग्रेस विधायक मस्तूरी के दिलीप लहरिया पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों सीमा रवि श्रीवास और सुकृता खुटे ने विधायक लहरिया को हार का जिम्मेदार ठहराया है।
सीमा रवि श्रीवास ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी को पत्र लिखकर शिकायत की कि उन्हें क्षेत्र क्रमांक 14 से पार्टी प्रत्याशी के रूप में अधिकृत किया गया था, लेकिन इसके बावजूद विधायक दिलीप लहरिया ने किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक के पुत्र अरविंद लहरिया ने कार्यकर्ताओं को फोन कर बागी उम्मीदवार किरण संतोष यादव को समर्थन देने का निर्देश दिया।
इसी तरह, क्षेत्र क्रमांक 13 की कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सुकृता खुटे ने भी विधायक लहरिया पर चुनाव में निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि वे नहीं चाहते थे कि उन्हें टिकट मिले। लेकिन जब पार्टी ने प्रत्याशी बनाया, तब भी उन्होंने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने विधायक के लिए काम किया था, लेकिन चुनाव में पिता-पुत्र ने मिलकर उनकी हार सुनिश्चित कर दी।
दूसरी ओर विधायक दिलीप ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए छवि और सक्रियता आवश्यक होती है। उन्होंने कहा कि यदि मैं क्षेत्र क्रमांक 12 में महेंद्र गंगोत्री के प्रचार के लिए गया था, तो वहां दामोदर कांत कैसे विजयी हुए? जीतने के लिए प्रत्याशी का जनाधार मजबूत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीमा रवि श्रीवास गैर-कांग्रेसी हैं और पहले पार्टी से निष्कासित की जा चुकी हैं। उन्हें दोबारा पार्टी में कब शामिल किया गया, इसकी जानकारी नहीं है। वहीं, सुकृता खुटे के आरोपों पर उन्होंने सफाई दी कि स्वयं उन्होंने उनके चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि सुकृता ने अपने एजेंट को समय पर भुगतान नहीं किया, जिससे चुनाव में कठिनाई हुई। लहरिया ने कहा कि मस्तूरी क्षेत्र में कांग्रेस को पांच में से तीन सीटों पर सफलता मिली, जो संगठन की उपलब्धि है।