‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 20 जून। युक्तियुक्तकरण की नई नीति के विरोध में कांग्रेस के प्रदेश व्यापी चरणबद्ध आन्दोलन ‘शिक्षा-न्याय’ के तहत आज जिला कांग्रेस कमेटी ने जिलास्तरीय रैली निकाल जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव किया।
शिक्षा न्याय आन्दोलन के तहत आज जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन से पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में कांग्रेस की विशाल जिलास्तरीय रैली जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के घेराव के लिए रवाना हुई। रैली में पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत भी शामिल हुए।
इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाजिक दायित्व निर्वहन करने के बजाय पैसे बचाने में लगी हुई है। इसी उद्देश्य से युक्तियुक्तकरण की नई नीति को लाया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कुल बजट का 6 प्रतिशत और स्वास्थ्य में 3 प्रतिशत खर्च करना चाहिए। इस बजट में सरकार ने इससे कम राशि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रखा है। अब सरकार वो पैसे उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है तो इस बजट में भी कटौती की जा रही है। विधानसभा में तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के भर्ती की बात कही थी, लेकिन अब तो सरकार अपनी नई नीति की आड़ में 45 हजार शिक्षकों के पद समाप्त करने जा रही है, जो बेहद निराशजनक है।
उन्होंने कहा कि नई नीति में अब प्राईमरी स्कूल में 1 से 5 तक की कक्षा को पढ़ाने के लिये एक प्रधान पाठक और 1 शिक्षक का पद दिया गया है। प्रधानपाठक पढ़ाने के साथ ही स्कूल के प्रशासनिक कार्य भी करते हैं। ऐसे में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को जिन्हें 18 विषय पढ़ाये जाते हैं उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता का क्या होगा।
नई नीति को औचित्यहीन और दोषपूर्ण बताते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, ग्रामीण अंचलों में स्कूल खोल, शिक्षकों की भर्ती कर इतने लंबे अर्से में किये गये शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर इस कदम से पानी फिर जायेगा। सरकार अपने घोषणापत्र में शिक्षा के गुणवत्ता की बात करती है और याथार्थ में स्कूलों को बंद कर रही है और शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है, जिसे समाज स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण आबादी में जमीन आसमान का अंतर है। इन क्षेत्रों में इसी अंतर को ध्यान रख स्कूल खोले गये और शिक्षकों का सेटअप तैयार किया गया। कई स्कूल सूदूर और वनांचल में स्थित हैं। वहां का सेटअप इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया।
लेकिन आज सरकार एक अव्यवहारिक निर्णय लेकर सभी क्षेत्रों के स्कूलों को आबादी के एक तराजू में तौलते हुए नया सेटअप ला रही है जो कि अनुचित है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो आर्थिक स्त्रोंतो का प्रबंध नहीं कर पा रही है, जबकि उसने डबल इंजन के नाम पर वोट मांगा था। इसका खामियाजा प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों का विसंगतीपूर्ण एवं अव्यवहारिक तबादला किया जा रहा है। महिला शिक्षकों का दूसरे जिलों में तबादले की खबर है जो कि बेहद गंभीर है।
भारी बारिश के बावजूद कांग्रेस ने इस जिला स्तरीय रैली-और घेराव के लिये जिले के सभी सांगठनिक विकासखंडों से पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटे। इनमें अजय अग्रवाल, डॉ. अजय तिर्की, शफी अहमद, जेपी श्रीवास्तव, द्वितेन्द्र मिश्रा, राकेश गुप्ता, विक्रमादित्य सिंहदेव, हेमंत सिन्हा, विनय शर्मा, तिलक बेहरा, प्रदीप गुप्ता, बलराम यादव, वायुश्री सिंह, मधु सिंह, अनीमा केरकेट्टा, सीमा सोनी, अमित सिंहदेव, सिद्धार्थ सिंहदेव, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, रणविजय सिंह, विकल झा, आशीष जायसवाल, शुभम जायसवाल सहित सैकड़ों की संख्या जनप्रतिनिधी, पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल हुए।
राज्यपाल के नाम 5 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका के नाम पर पांच सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा, जिसमें युक्तियुक्तकरण की नई नीति को वापस लेने का अनुरोध किया गया है। अतिशेष के नाम पर शिक्षकों के अव्यवहारिक एवं विसंगतिपूर्ण तबादलों को समाप्त करने की मांग की गई है। नई नीति के नाम पर बंद एवं समायोजित स्कूलों को पुन: प्रारंभ करने का अनुरोध किया गया है। 2008 के नीति को आधार बनाते हुए सरकार के वायदे के अनुरुप 57000 शिक्षकों के भर्ती की मांग की गई है, साथ ही घोषणापत्र के वायदे के अनुरुप शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की मांग की गई है।