सरगुजा

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा पूरे सरगुजा संभाग में 90 फीसदी भूमि को असिंचित घोषित कर दिया गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 18 जून। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने कहा कि खरीफ सीजन के शुरुआती दौर में किसानों को डीएपी खाद की कीमत से जूझना पड़ रहा है, जो कि चिंताजनक है। स्थिति यह है कि किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रहा है और वह खेती-बाड़ी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। सरगुजा संभाग में खरीफ फसल के लिए 24000 टन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 17 जून तक मात्र 3940 टन की ही उपलब्धता है। यूरिया भी 50 प्रतिशत से कम उपलब्ध हो पाया है। पूरे सरगुजा संभाग में डीएपी खाद मात्र 16.44 प्रतिशत ही उपलब्ध है।
प्रेस वार्ता में सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा के 12 समितियां में 3450 क्विंटल की उपलब्धता है, जो कि 16 प्रतिशत उपलब्धता के बराबर है ।या यू कहें 12 में से 8 समितियां में एक बोरा इफको और डीएपी की उपलब्धता नहीं है।व्यवस्था इतनी लाचार है की किसानों को जो सूटेबल खाद की उपलब्धता चाहिए सरकार उसे भी पूरा नहीं कर पा रही है,किसानों के साथ नाइंसाफी हो रही है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की चार योजना-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन,राष्ट्रीय कृषि विकास योजना,जैविक खेती एवं परंपरागत कृषि विकास योजना में खरीफ 2025 मे से इन योजनाओं से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।विभाग बजट के अभाव में कोई प्लानिंग नहीं किया है।चेम्प योजना में भी केवल ट्रैक्टर हार्वेस्टर का ही वितरण बड़े किसानों को पूरे वर्ष किया गया,लघु और सीमांत कृषकों को इस योजना से भी कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है।
10 फीसदी जमीन को ही सिंचित दर्शाया गया
श्री सिंह देव ने प्रेस वार्ता में कहा कि श्याम घूंघूटा, कुंवरपुर जलाशय,बरनई वह अन्य जलाशयों से 13900 हेक्टेयर भूमि सिंचित मानी जाती है लेकिन इस बार सरगुजा संभाग की संपूर्ण भूमि को असंचित दर्शाया गया है,केवल 10 प्रतिशत भूमि को ही सिंचित दर्शाया गया है,उक्त जानकारी एचडीएफसी फसल बीमा कंपनी के पोर्टल में पूरे जिले व संभाग को असंचित कर दिया गया है।इस मामले को लेकर राजस्व,कृषि विभाग,जल संसाधन विभाग व विद्युत विभाग मौन साधे हुए हैं।श्री सिंह देव ने आशंका जताते हुए कहा कि धान खरीदी भी कहीं सिंचित और असंचित में प्रभावित न हो जाए।
सिंह देव ने कहा कि सिंचित और असंचित के कारण किसानों का केसीसी कार्ड भी प्रभावित हो रहा है और इससे किसानों को बड़ा नुकसान होगा।सरकार द्वारा अनैतिक तरीके से पैसा बचाने का कार्य हो रहा है,जिन किसानों को 50 हज़ार प्रति हेक्टेयर मिलना चाहिए इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार लगातार कहती है कि किसानों के ऋण के लिए बड़ी मात्रा में राशि उपलब्ध करेंगे लेकिन उन्हें क्या लाभ मिल रहा है किसानों से जानकारी ले सकते हैं।
श्री सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा संभाग में समिति के कामकाज कैसे चल रहा है य़ह किसी से छुपा नहीं है,अनियमितता जारी है इसका उदाहरण बलरामपुर में नकली खाद बीज का मामला सामने आया था जिसमें 26 करोड रुपए की धोखाधड़ी हुई है,इसमें 11 अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत की भी बात सामने आई है,इसकी जांच होनी चाहिए।भाजपा सरकार कहती है कि किसानों की आय दुगनी करेंगे लेकिन एएसपी की राशि में कुछ रुपए ही बढ़ाकर किसानों से धोखाधड़ी की गई है।
मीडिया के दायित्व को सीमित किया जा रहा है
प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने कहा कि सरकार ने मीडिया पर स्वास्थ्य शिक्षा विभाग में कवरेज को लेकर प्रतिबंध लगाया है, यह निर्णय मीडिया के दायित्व को सीमित करने वाला है। मीडिया अस्पताल के अंदर ऑपरेशन थिएटर के अंदर जाकर कवरेज थोड़े न करता है। यह कौन सी बात हुई कि एक व्यक्ति आएगा और मीडिया को घटना या मामले की जानकारी देगा। इससे सबसे पहला नुकसान मरीज का होगा, अगर कोई कमी है और मीडिया उसको उठा रही है तो इसमें क्या गलत है, यह निर्णय मीडिया के दायित्वों को सीमित करने का है जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है।
प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक,श्रम कल्याण मंडल के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद,पूर्व महापौर डॉक्टर अजय तिर्की,पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जेपी श्रीवास्तव,अजय अग्रवाल द्वितेंद्र मिश्रा,आशीष वर्मा,अनूप मेहता सहित अन्य मौजूद थे।