‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,5 अक्टूबर। जनजाति गौरव युवा समाज, सरगुजा द्वारा महारानी दुर्गावती जयंती पर जयंती समारोह का आयोजन मुंडा भवन, दर्रीपारा अंबिकापुर में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में मंजूषा भगत महापौर नगर निगम अंबिकापुर और मुख्य वक्ता के रूप में इंदर भगत प्रदेश अध्यक्ष जनजाति गौरव युवा समाज छत्तीसगढ़ उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निरूपा सिंह ने कहा कि महारानी दुर्गावती, चंदेलों की बेटी थी, गोंडवाने की रानी थी, चंडी थी रणचंडी थी, वह दुर्गावती भवानी थी। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जनजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चाहें बिरसा मुंडा हों, या गुंडाधुर हों, वीरनारायण सिंह हो इन सब बलिदानी महापुरुषों के बलिदान से देश स्वाधीन हुआ।
साथ ही इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि हमारे देश की परंपरा नारियों के सम्मान की है। शास्त्रों में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता:। गढ़ मंडला की महान वीरांगना का जन्म दुर्गाष्टमी में होने के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया, उनमें साक्षात दुर्गा जैसे गुण विद्यमान रहे और मुगलों से सतत संघर्ष करके गोंड साम्राज्य की रक्षा की।
जनजाति गौरव युवा समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष इंदर भगत जी ने कहा महारानी दुर्गावती के जीवन और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि वे गोंडवाना राज्य की महारानी थीं जिन्होंने मुगलों के खिलाफ बहादुरी से युद्ध किया और अपने राज्य की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया ।
उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, और उनके इस बलिदान को आज भी याद किया जाता है महारानी दुर्गावती जनजातीय गौरव का प्रतीक हैं। उनका देश प्रेम और संघर्ष हम सबको प्रेरणा से भर देता है।
महारानी दुर्गावती जयंती समारोह में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक नए स्तर पर पहुंचाया। इस अवसर पर लोगों ने महारानी दुर्गावती के जीवन और उनके कार्यों को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।