स्मारक पर पहुंचकर ध्यानचंद को अर्पित किया श्रद्धासुमन
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अगस्त। खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं जिला हॉकी संघ राजनांदगांव तथा समस्त खेल संघ के संयुक्त तत्वावधान में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती खेल दिवस के रूप में नगर के खेलप्रेमियों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाई गई।
सुबह 7.30 बजे अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम से खिलाडिय़ों ने रैली निकालकर विभिन्न मार्गों से होते हुए गौरवपथ स्थित मेजर ध्यानचंद स्मारक पहुंची। यहां मेजर ध्यानंचद, एरमन आर. बेस्टियन (ओलंपियन) एवं आरएन पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। तत्पश्चात रैली अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम पहुंची, जहां संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया। संगोष्ठी सभा में मुख्य अतिथि सांसद संतोष पांडे व अध्यक्षता महापौर मधुसूदन यादव ने की। विशेष अतिथि के रूप में छग हॉकी संघ अध्यक्ष फिरोज अंसारी, आईटीबीपी कमांडेंट मनोज कुमार भागुन, अंतर्राष्ट्रीय व्हालीबाल खिलाड़ी रेखा पदम, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह, अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी लुमेन्द्र साहू शामिल थे।
इस अवसर पर सांसद श्री पांडे ने कहा कि मेजर ध्यानचंद जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है, का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था और उनका निधन 3 दिसंबर 1979 को हुआ। उन्होंने भारतीय हॉकी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते और उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है और भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार, उनके नाम पर है।
उन्होंने बताया कि अपने असाधारण गेंद नियंत्रण और खेल के तरीके के कारण उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है। मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने 1928, 1932 और 1936 में लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने अपने करियर में 570 से अधिक गोल किए।
अध्यक्षता करते महापौर श्री यादव ने कहा कि जो बच्चे आज इस खेल से जुड़े हैं, वो अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाकर खेले। जिससे वह अपने शहर का नाम पूर देश में रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद को आदर्श मानकर खेल भावना से खेले। छग हॉकी अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का आगमन सन् 1971 में राजनांदगांव की धरती पर हुआ था। हॉकी की नर्सरी की उपाधि राजनांदागांव को मेजर ध्यानचंद द्वारा दी गई थी तथा उनको नगर भ्रमण कराया गया, जहां उन्हें राजनांदगांव के हर गली में हॉकी खेलते बच्चे को देखा था। साथ ही दादा ध्यानचंद के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दादा की खेल कौशल की बदौलत भारत को ओलपिंक में 4 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए थे।
संगोष्ठी सभा पश्चात 'मोर खेल मोर गौरवÓ के तहत तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन का शुभारंभ किया गया। जिसमें सीनियर हॉकी खिलाड़ी तथा जूनियर व सब-जूनियर खिलाडिय़ों के बीच मैच खेला गया। पहला मैच सीनियर मॉर्निंग ग्रुप विरूद्ध डीएचए (सीनियर वर्ग) के मध्य खेला गया। जिसमें सीनियर मार्निग ग्रुप ने 3-2 गोल से जीत हॉसिल की। दूसरा मैच खेलो इंडिया सेंटर विरूद्ध डीएचए राजनांदगांव के मध्य खेला गया। जिसमें 4-1 गोल से डीएचए राजनांदगांव ने जीत हासिल की। तीसरा मैच सांई सेंटर राजनांदगांव विरूद्ध खेलो इंडिया राजनादगांव के मध्य खेला गया। जिसमें सांई सेंटर राजनांदगांव ने 3-1 गोल से जीत हासिल की। विजेता एवं उपविजेता टीम को सांसद द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया। साथ ही एशिया कप प्रो लीग में प्रतिनिधित्व करने वाले लुमेन्द्र साहू को और खुशाल यादव राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर ए. एक्का, विजय कुमार, शिवनारायाण धकेता, नीलम चंद जैन, भूषण साव, आशा थॉमस, छोटेलाल रामटेके, बालमुकुंद पटेल, महेंद्र सिंह ठाकुर, गुणवंत पटेल, प्रिंस भाटिया, शिवा चैबे, सब्बीर हैदरी, अब्दुल कादिर, राजू रंगारी, अबिद बेक, संध्या पदम, गुणवंत पटेल, प्रियंका ई. दिव्या धरावत, सुखदेव राउत, प्रदीप शर्मा, आर्चना देवी, शकील अहमद, योगेश द्विवेदी, अशोक नागवंशी, भागवत यादव, किशोर धीवर, मेहबूब भाई, कमल चौरसिया, संदीप यादव, खेमराज सिन्हा, आशोक देवांगन, जिम्मी साहू, दुर्गेश नगपुरे, संदीप यादव, सचिन खोब्रगढे, अभिनव मिश्रा, खेमराज सिन्हा, सुखदेव निर्मलकर, तौफिक अहमद, आशीष सिन्हा, राजेश निर्मलकर, संदीप यादव, सचिन खोब्रागड़े, अभिनव मिश्रा, हारून खान, कृष्णा यादव प्रेरणा राणे, प्रियंका चौरिया, उमेश साहू, रूपेन्द्र साहू आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र तिवारी तथा दिव्या धरावत ने आभार प्रदर्शन किया।