राजनांदगांव
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पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा ने महापौर यादव और मंडल के अफसरों संग किया निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 अप्रैल। शहर के ऐतिहासिक बूढ़ासागर तालाब और शीतला माता मंदिर को नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सोमवार को मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने महापौर मधुसूदन यादव के अलावा अधिकारियों की टीम के साथ दोनों स्थान का मुआयना किया। मंडल की पहल से दोनों के मौजूदा स्थिति में काफी बदलाव होंगे। पर्यटन मंडल अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद शर्मा ने राजनांदगांव जिले के मुख्य केंद्रों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का संकल्प लिया था। इसी कड़ी में आज उन्होंने बूढ़ासागर और शीतला मंदिर परिसर का निरीक्षण कर नया रूप देने की पहल शुरू कर दी है। पर्यटन मंडल की टीम के भ्रमण से जिले में सैलानियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं जहां मिलेगी। वहीं सरकार को राजस्व भी मिलेगा। टीम ने बूढ़ासागर की दूषित जल को शुद्ध करने के लिए भी जल्द कार्य करने का आश्वासन दिया है।
मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कहा कि अब यहां एक पर्यटन सूचना केंद्र की स्थापना कर रहे हैं, ताकि राजनंादगांव में जो टूरिस्ट आते हैं, जैसे यहां मंदिर, तालाब व अन्य स्थानों जो देखने के लायक है उसका भी सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में भी कई ऐसे हिडन स्पाट हैं, जहां लोग जाते हैं, टूरिस्ट के रूप में, वहां घूमेंगे-फिरेंगे, लेकिन किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। उन्होंने कहा कि उसने पदभार ग्रहण करने के बाद चार घंटे एक डिपार्टमेंटल बैठक किए हैं। जिसमें राजनंादगांव जिले में कौन-कौन से स्पाट हैं। जिसको हमें रेखांकित कर पर्यटन केंद्र बना सके। इसके अलावा आज जो शुरूआत हमने किया है राजनंादगांव के शीतला माता मंदिर से। इसके बाद डोंगरगढ़ में भी प्रसाद योजनांतर्गत केंद्र को लेकर भ्रमण किया जाएगा।
महापौर मधुसूदन यादव ने कहा कि पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने यहां अवलोकन किया है कि पर्यटन मंडल के दृष्टिकोण से यहां क्या-क्या संभावना है। पर्यटन मंडल, संस्कृति विभाग, पुरातत्व विभाग और निगम विभाग ये चारों विभाग मिलकर इस क्षेत्र को बेहतर बना सकते हैं, जो एक दार्शनिक स्थल हो सकता है, जिसे पर्यटन की दृष्टिकोण से लोग स्वीकार करेंगे। इसकी योजना बनाने का काम करेंगे, जिस विभाग का जो दायित्व होगा, वह विभाग उसको पूरा करने का प्रयास करेंगे।
एमडी पर्यटन और डायरेक्टर कल्चर पुरातत्व विभाग विवेक आचार्य ने कहा कि राजनांदगांव और डोंगरगढ़ में हमारी क्या-क्या पर्यटन की संभावना है, उस पर हम फील्ड विजिट करेंगे और आगे चलकर हम प्रोजेक्ट बना सके। साथ ही नगर निगम आयुक्त से बात हुई है, तो एक डीपीआर तैयार किया जाएगा और डीपीआर के माध्यम से राजनांदगांव शहर के विकास के लिए पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उस पर विचार किया जाएगा। इसके लिए भी पुरातत्व विभाग के माध्यम से और पर्यटन विभाग के माध्यम से यहां की जो जानकारी है, वह हम पर्यटन विभाग के माध्यम से पूरे राज्य और देशभर में पहुंचाने का प्रयास करेंगे।