‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 11 जून। दस जून 2024 को बलौदाबाजार के इतिहास में काला दिन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अमरगुफा में जैतखाम को लेकर उपजे तनाव ने इतना विकराल रूप लिया कि बेकाबू भीड़ ने जिला मुख्यालय की सबसे सुरक्षित इमारत कलेक्टोरेट में ही आगजनी कर दी। इस घटना में कई सरकारी दस्तावेज समेत गाडिय़ां खाक हो गई. कुल 278 गाडिय़ां जलाई गई। उग्र भीड़ में से कुछ लोगों के हाथों में पेट्रोल बम भी थे.जिन्हें देखते ही कलेक्टोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया, वहीं जैतखाम विवाद की घटना को एक साल हो चुके हैं,लेकिन अब भी न्यायिक जांच पूरी नहीं हो सकी है।
एसपी भावना गुप्ता ने कहा कि, एक साल पहले बलौदाबाजार में हिंसक घटना हुई थी, उसके आधार पर पुलिस प्रशासन और सामान्य प्रशासन के द्वारा कानूनी कार्यवाही की गई है।
घटना के एक साल बाद के हालात
ृइस घटना में 278 वाहन जलकर राख हुए. जिनमें से सिर्फ 56 वाहनों को बीमा क्लेम मिला यानी 80त्न लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.इस घटना के बाद पुलिस ने 191 लोगों को गिरफ्तार किया.लेकिन किसी को भी सजा नहीं हुई.आज सभी जमानत पर बाहर हैं.वहीं केस में 14 स्नढ्ढक्र दर्ज की गई लेकिन अब तक कोई खास प्रोग्रेस नहीं देखने को मिला है.घटना की जांच करने वाली कमेटी की अवधि 4 बार बढ़ाई जा चुकी है.इस बार 12 अक्टूबर 2025 को नई तारीख मिली है.
प्रशासन ने तब पीडि़तों से फौरी राहत का दावा किया था. पड़ताल में पता चला कि ज्यादातर लोगों को आज भी मदद नहीं मिल पाई है.पुलिस के आंकड़ों की मानें तो उस दिन कैंपस में कुल 278 गाडिय़ों आग में जलाई गई थीं. एक दमकल वाहन समेत 17 गाडिय़ां सरकारी थीं. बाकी 261 निजी थी.इनमें 208 बाइक के अलावा 53 कारें शामिल थीं.
आरटीओ के मुताबिक, अब तक 56 गाडिय़ों को ही बीमा क्लेम दिलवा पाए हैं. 205 गाडिय़ों मतलब 80 फीसदी मामलों में बीमा क्लेम मिलना बाकी है. उधर, पुलिस ने 14 एफआईआर दर्ज की थी. ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 191 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया. हालांकि, बाद में बेल मिलने के बाद सब जेल से बाहर हैं.जिला मुख्यालय के जरिए सीधे सरकार पर हमला करने जैसी बड़ी घटना के लिए पुलिस किसी को भी कड़ी सजा नहीं दिलवा पाई.
चार बार बढ़ा आयोग का कार्यकाल
वहीं, अमरगुफा में जैतखाम को नुकसान पहुंचाने की न्यायिक जांच भी आज तक अधूरी है. इसकी तारीख 4 बार बढ़ाई जा चुकी है. जांच आयोग गठन की अधिसूचना पहली बार 13 जून 2024 को जारी हुई. काम पूरा न होने होने पर अगस्त से अक्टूबर, फिर अक्टूबर से फरवरी और फरवरी से जून तक कार्यकाल बढ़ाया. अभी सरकार ने इसी 5 जून को आदेश निकालकर आयोग का कार्यकाल 13 जून से 12 अक्टूबर तक 4 महीने फिर बढ़ाया है.
कबाड़ में बदल रहीं जली गाडिय़ां
अग्निकांड में जो गाडिय़ां जलकर खाक हुई, उन्हें भाटापारा रोड में वन विभाग के लकड़ी डिपो के पीछे डंप किया है. इस कबाड़ के साथ उन 80 प्रतिशत लोगों की उम्मीदें भी सड़ रही हैं, जो बीमा क्लेम न मिलने पर किसी सरकारी मदद की आस में थे. इन पीडि़तों में ज्यादातर छोटे वर्ग के कर्मचारी या उस दिन जरूरी काम लेकर शहर-गांवों से आए आम लोग हैं।
बचाव के लिए पुख्ता किए गए इंतजाम
10 जून की घटना लेते हुए कलेक्टोरेट की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.कलेक्ट्रेट के दोनों ओर की मुख्य सडक़ों पर लोहे ऊंचे और भारी गेट लगवाए हैं. अब किसी भी अप्रिय स्थिति में इन्हें बंद कर रोड पूरी तरह ब्लॉक किया जा सकता है. कलेक्ट्रेट से जनपद पंचायत चौराहे तक पूरी सडक़ पर पिछले साल से ही धारा 14 प्रभावशील है. रैली, प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित है. धार्मिक, राजनीतिक रैलियों और प्रदर्शन के लिए एसडीएम की मंजूरी का सख्ती से पालन कराने पर जोर है. वहीं पुलिस सोशल मीडिया पर अतिरिक्त चौकसी बरत रही है. ताकि इंटेलिजेंस में पहला जैसा फैल्योर न हो.
बेकसूर लोगों को जेल में डाला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में कहा कि साल भर पहले जैतखाम काट दिया गया, समाज की डिमांड थी कि आप जांच नही कर पा रहे हैं तो ष्टक्चढ्ढ को सौप दें, अभी तक जो जैतखाम काटे हैं वो अपराधी पकड़ा नहीं गया. 186 लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिये, सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत हुई. बेकसूर लोगों को पीट-पीटकर जेल में डाल दिये जो वहां थे ही नही.
एक वर्ष होने को हैं, तमाम जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, और जो ऑर्गनाइजेशन हैं उनसे संबंध स्थापित किया गया हैं. कॉमिनीटी में कॉन्फ्रेंस बिल्ड की गई हैं. इस प्रकार की घटना रिपीट न हो इसके लिए सभी प्लेटफार्म में सतत निगरानी रखी जा रही हैं, लगातार मॉनिटरिंग की जा रही हैं- भावना गुप्ता,एसपी
पुलिस रिकॉर्ड जल गए थे रिकवरी कैसे की गई? इस पर एसपी भावना गुप्ता ने कहा कि रिकवर करना बहुत चैलेंजिंग था. क्योकि पूरा जल चुका था टूट चुका था, जो हमारे डुप्लीकेट थे उसके आधार पर रिकन्ट्रक्सन किया गया हैं. फिलहाल सभी मैटर्स अंडर ट्रायल हैं न्यायालयीन प्रक्रियाधीन हैं उसी के आधार पर जो भी कार्यवाही होगा वो सामने आएगा।