बलौदा बाजार

341 गांव में जल जीवन मिशन योजना पहुंची ही नहीं, 469 में अभी काम जारी
पाइप बिछाकर पैचवर्क नहीं, गलियों के बीच खुदी सीसी सडक़ें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 जून। जिले में जल जीवन मिशन 2019 से चल रहा है। कुछ एक जगह को छोड़ दे तो पूरे बलौदाबाजार में योजना का बुरा हाल हैं। आलम यह है कि पाइपलाइन बिछ गई तो पानी टंकी नहीं बनी। जहां टंकी बन गई, वहां जल स्रोत नहीं है। कुल मिलाकर लोगों को पानी तो नहीं मिला लेकिन पाइप बिछाने के लिए खोदे गड्ढों में कुछ दिन बाद बारिश का कीचड़ भरा जरूर मिलेगा।
टीएल बैठकों में कलेक्टर लगातार जल जीवन मिशन का जिक्र करते आए हैं। योजना में कोताही बरतने पर अफसर से लेकर ठेकेदारों को सीधे कार्यवाही की चेतावनी भी देते रहते हैं। मौजूद इसके जिले में योजना गड्ढे से नहीं उभर पा रही।
सरकारी आंकड़ों की ही बात करें तो प्रशासन 395 गांव में पानी पहुंचाने का दावा करता हैं। जबकि 341 गांव में योजना पहुंची ही नहीं। 469 गांवों में काम अब भी जारी हैं। वहीं 279 ऐसे गांवों ऐसे हैं जहां 100 प्रतिशत काम होने के बाद भी अलग-अलग वजहों से वाटर सप्लाई शुरू नहीं हो पाई हैं। सरकारी प्रगति रिपोर्ट से इधर देखें तो हालात और भी ज्यादा खराब नजर आती हैं।
पानी के लिए लोग पूरी गर्मी पारंपरिक साधनों कुआं, हैंडपंप पर निर्भर रहे। मिशन के तहत गांव में पाइप बिछाने जो गड्ढे खोदे गए उन्होंने कुआं, हैंडपंपों तक पहुंचने में परेशानी और बढ़ा दी। यह हालत ज्यादातर जगहों की हैं। ठेकेदारों ने गांव की सीसी सडक़ खोदने के बाद प्रॉपर पेचवर्क नहीं किया। बारिश को लेकर लोगों में इसी बात से सबसे ज्यादा परेशान हैं कि कीचड़भरे गड्ढों से कैसे निपटेंगे। गुरुवार को छत्तीसगढ़ पड़ताल में पता कि यह हालत केवल दूर छिटके गांव की नहीं हैं। जिला मुख्यालय के आसपास ही बहुततेरे गांव इस समस्या से जूझ रहे हैं।
बलौदाबाजार से 4 किमी दूर उत्तर में लटुवा दक्षिण में लमाही का हाल
लटुवा में जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई पानी टंकी एक डेढ़ साल से तैयार खड़ी हैं। आज तक इस पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया हैं। गांववालों का कहना है कि ठेकेदार ने काम अब तक पूरा ही नहीं किया हैं। मुरूम पटिंग नहीं हुई। पाइपलाइन विस्तार के लिए जिन गलियों की खुदाई की गई थी वहां अब तक क्रांटीकरण नहीं हुआ।
टिकम कनोजे से लेकर कौशल कनोजे, हेमंत कनोजे, दीपक कनोजे और अश्वनी यादव के घर के पास की सडक़े अब भी अधूरी हैं। अश्वनी यादव के घर के सामने गड्ढे में सिर्फ मिट्टी डाल दी गई हैं। सतनाम चौक से लेकर राजिम टंडन के घर तक की पूरी सडक़ भी मिट्टी से भरी हैं। हल्की बारिश के बाद पूरी गली कीचड़ से सन गई हैं। ग्रामीण आज भी हैंडपंप और कुएं से ही पानी की जरूरत पूरी कर रहे हैं।
इधर 90 फीसदी घरों में कनेक्शन पहुंचने पर पानी की एक बूंद तक नहीं आई
लिमाही में भी जल जीवन अधूरा हैं। यह पूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल का गृहग्राम हैं। गांव में डेढ़ साल पहले लाखों की लागत से पानी टंकी बनाई गई थी। टंकी बनने के बाद 90 फिसड्डी घरों तक कनेक्शन भी पहुंच गए। हालांकि इन नालों की टोटियों से आज तक पानी की एक बूंद तक नहीं निकली हैं।
बताते हैं कि पीएचई विभाग ने जिस जगह टंकी बनवाई है वहां आज तक जल स्रोत ही नहीं मिल पाया हैं। ऐसे में पूरी योजना धरी रह गई। घरों के सामने लगाए गए नल महज शोपीस बनकर रह गया हैं। लोग उसका इस्तेमाल अब गोबर के छेने सूखने और मवेशियों का चारा रखने के लिए कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया की टंकी बनने के बाद से अब तक ना तो कोई अधिकारी आया नहीं ठेकेदार ने कनेक्शन चालू करने की कोशिश की।
जिम्मेदार ने पहले पेमेंट रोकने की बात कही
लटुवा लिमाही में जल जीवन के बुरे हाल पर पीएचई के कार्यपालन अभियंता मनोज ठाकुर ने हफ्ते भर पहले ठेकेदार का भुगतान रोकने की बात कही थी। उनके मुताबिक जिस गांव में पाइपलाइन की टेस्टिंग नहीं हुई, वहां क्रांकीटीकरण नहीं हुआ होगा, अगर टेस्टिंग हो चुकी और क्रांकीटीकरण नहीं किया गया है तो यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठेकेदारी का पेमेंट रोक दिया जाएगा। जब तक काम पूरा नहीं हो जाएगा हालांकि गुरुवार को इस मामले में उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
डॉ. गजेंद्र नायक सरपंच लटुवा का कहना है कि गांव के कई लोगों में पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा है पानी टंकी बनी है वहां बोर नहीं हैं। दूसरे बोर से जुगाड़ लेकर टंकी भरी फिर भी लोगों को पानी नहीं मिला।
संजय ध्रुव सरपंच लिमाही का कहना है कि पानी टंकी अब तक ग्राम पंचायत को हैडओवर नहीं की गई हैं। कनेक्शन भी नहीं चालू हुए हैं। लोग हैंडपंप और कुएं से पानी भरने को मजबूर हैं।