‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 मार्च। आज शाम चांद दिखने पर कल राजधानी में ईद मनाई जाएगी। अन्यथा परसों। इसे देखते हुए राजधानी के दोनों ईदगाह और मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज के समय तय कर दिए गए हैं । कल राजधानी में 56 जगह नमाज पढ़ी जाएगी। बड़ी ईदगाह (लाखेनगर) में सुबह 10बजे,बैरन बाजार ईदगाह में 9.30 बजे,छोटापारा मस्जिद में सुबह 6.45,और 11बजे, बैजनाथ पारा 7.30 और ,10.45बजे जामा मस्जिद हलवाई लाइन 10.45, ईदगाह रिसाला नाका 9 बजे, संजय नगर ईदगाह मस्जिद 7.30-9.30 बजे 7,9बजे,फातेशाह मस्जिद नूरानी मस्जिद राजातालाब 9,10बजे मोवा मस्जिद 9, मोवा ईदगाह 7बजे, बीरगांव गाजीनगर में 7.30 बजे पढ़ी जाएगी।
गर्मियों में रमजान अब नहीं, अगले 11साल सर्दियों में
कल ईद के साथ ही गर्मियों में रमजान का सिलसिला पूरा हो जाएगा। और अब अगले 11 साल सर्दियों में रमजान के रोजे होंगे।गर्मियों में रमजान का सिलसिला 2007 से शुरू हुआ था जो इस साल मुकम्मल हुआ। अब 2026 से 2036 तक रोजेदारों को तपिश से निजात मिलेगी।
19 साल रोजेदारों ने सूरज की तपिश, उमस भरी गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच खुदा की इबादत की। अब आने वाले 11 साल तक रमजान का महीना सर्दियों के बीच ही गुजरेगा। इस्लामिक कैलेंडर का यह पाक महीना पिछले 19 वर्षों में मार्च से सितंबर के बीच गुजरा।
इस बीच रोजेदारों का सामना अप्रैल-मई की झुलसा देने वाली तपिश से हुआ तो कभी जून, जुलाई, अगस्त में उमस भरी गर्मी से। मार्च और सितंबर ने भी रोजेदारों का इम्तिहान लिया। इस दौरान मार्च, अप्रैल, मई, जुलाई, अगस्त में तीन-तीन रमजान गुजरे।
दो-दो बार जून और सितंबर में रमजान की शुरुआत हुई। अब रमजान का महीना खिसक कर सर्दियों में पहुंचने वाला है। आने वाले 11 साल रमजान की आमद ठंडे मौसम में होगी। इसकी शुरुआत 2026 से होगी। यह सिलसिला 2036 तक चलेगा।
के मुताबिक रमजान नौवां महीना होता है। इसकी रमजान की तारीखें इस्लामी कैलेंडर से तय होती हैं। जो एक हिजरी चांद कैलेंडर है। जिसमें 12 चांद महीने होते हैं। हर महीना अर्द्धचंद्र के दिखने के साथ शुरू होता है। चांद महीना 29 या 30 दिन का होता है, जिससे एक चांद वर्ष करीब 354 दिन का हो जाता है। ऐसे में सौर गणना आधारित ग्रेगोरियन वर्ष 10 से 12 दिन छोटा हो जाता है। इस अंतर के कारण रमजान हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में पहले शुरू होता है और हर 33 साल में एक समय मौसमी चक्र को पूरा करता है।
2030 में दो बार मुबारक महीना दो बार
मुसलमानों के लिए वर्ष 2030 खास रहेगा। इस साल उन्हें माह-ए-रमजान का तोहफा दो बार मिलेगा। मुबारक महीना दो बार पड़ेगा। एक साल की शुरुआत में दूसरा साल के अंत में। वर्ष 2030 में जनवरी और दिसंबर में रमजान का आगाज होगा।
2033 में दो बार होगी ईद
वर्ष 2030 में रहमत और बरकत का महीना रमजान दो बार पड़ेगा। वहीं तीन साल बाद वर्ष 2033 में मुसलमानों को दो बार ईद मनाने का मौका मिलेगा। एक ईद जनवरी में होगी तो दूसरी दिसंबर में मनाई जाएगी।
अगले दस वर्ष चांद आधारित रमजान के महीने
2026 18 फरवरी से 19 मार्च तक। 2027 आठ फरवरी से नौ मार्च तक। 2028 28 जनवरी से 26 फरवरी तक। 2029 16 जनवरी से 14 फरवरी तक। 2030 6 जनवरी से चार फरवरी तक। 2030 26 दिसंबर से 24 जनवरी 2031 तक। 2031 15 दिसंबर से 13 जनवरी 2032 तक। 2032 4 दिसंबर से दो जनवरी 2033 तक 2033 23 नवंबर से 22 दिसंबर तक। 2034 12 नवंबर से 11 दिसंबर तक। 2035 2 नवंबर से एक दिसंबर तक। 203621 अक्तूबर से 19 नवंबर तक।
(यह चांद के आधार पर संभावित है)