'छत्तीसगढ़' संवाददाता
कसडोल, 16 जुलाई। नगर कसडोल के समीप मोहतरा में एक भालू जंगल से भटककर आ गया। लोगों की भीड़ व हो-हल्ला में झाडिय़ों के बीच दुबक गया। वन विभाग एवं पुलिस जानमाल की रक्षा के लिए दिन भर निगरानी करती रही और रात का इंतजार करना पड़ा। रात होते ही मशाल जलाकर भालू को भगाया गया।
बलौदाबाजार वन मंडल के परिक्षेत्र सोनाखान सर्कल देवतराई के जंगल से करीब 15 किमी दूर कसडोल से सटे मोहतरा में 15 जुलाई को सुबह 5 बजे एक भालू को गांव के नजदीक देखा गया, जिसकी खबर आग की तरह फैल गई। लोगों के हो हल्ला और भीड़ को देख भालू जान बचाने जंगल की ओर जाने के बजाय गांव के बीच स्थित पूर्व सरपंच रोशन मिश्रा के बाड़ा में घुस गया और झडिय़ों के बीच दुबक गया।
इसकी सूचना तत्काल सोनाखान परिक्षेत्र कार्यालय कसडोल को दी गई। जिस पर वन विभाग की बचाव (रेस्क्यू) टीम तथा पुलिस बल तत्काल गांव पहुंची। तब तक सैकड़ों की तादाद में स्थानीय तथा आसपास के लोग बाड़ा के पास पहुंचने लगे। रेस्क्यू टीम को लगातार लोगों को बाड़ा के नजदीक जाने से मना करना पड़ा। वन विभाग की टीम दिन भर निगरानी में रही और भगाने रात का इंतजार करना पड़ा।
भालू को बचाने पहुंची वन विभाग की टीम में देवतरई डिप्टी रेंजर जयकिशन यादव, कोसमसरा डिप्टी रेंजर संतोष साहू, नवागांव डिप्टी रेंजर योगेश साहू, वनरक्षक राकेश चन्द्रा अश्वनी साहू, हरगोविंद जायसवाल प्रभुराम कंवर, दिलेश्वर कंवर आदि पहुंचे थे, जो रात भर निगरानी में लगे रहे।
रेस्क्यू टीम ने बताया कि जंगल से भटककर भालू मैदानी इलाके में गांव तक पहुंचा है। भालू पुन: जंगल की ओर प्रस्थान करता, इसके पहले सुबह हो जाने पर लोगों की भीड़ एवं हो हल्ला से डरकर जान बचाने गांव के समीप बाड़ा में घुस आया था। बाड़ा भी विस्तृत क्षेत्र में फैला था जिसमें झाडिय़ों की अधिकता से छिपने का मौका मिल गया।
बताया गया कि भालू झाडिय़ों के बीच ऐसा दुबका था कि किसी को दिखाई नहीं पड़ रहा था। बचाव टीम को मजबूरन रात का इंतजार करना पड़ा, जिसमें जगह-जगह बाड़ा में आग लगाकर निकलने का प्रयास सफल हुआ। इसकी सूचना सुबह ही वनमंडल अधिकारी केआर बढ़ई, उपवनमण्डल अधिकारी कसडोल विनोद सिंह ठाकुर, अधीक्षक बार नवापारा आर एस मिश्रा को दे दी गई थी। जिसके निर्देशन में रेस्क्यू टीम पहुंची थी। रात्रि 8 बजे करीब उक्त अधिकारी भी रेंजर लवन एन के सिन्हा, पंचुराम राम यदु देवपुर, आसिफ खान बिलाईगढ़ के साथ घटनास्थल गांव मोहतरा पहुंच गए थे। जिनके समक्ष मशाल जलाकर भालू को भगाया गया।
वन विभाग की बचाव टीम का कहना है कि बाड़ा से निकल कर जंगल की ओर जाने की संभावना व्यक्त की गई है। चूंकि जंगल की दूरी 10 से 15 किलोमीटर है, अत: अधिकारियों के निर्देशन पर निकलने के बाद रास्ते में पडऩे वाले गांवों चांटीपाली दर्रा गोर्ध, कोसमसरा, सेमरिया, बैगनडबरी, कुर्रह, हतौद, असनीद, खरहा, बम्हनी आदि में रात को ही पतासाजी किया गया।
बताया गया है कि संभवत: भालू जंगल चले गया है। बताया गया है कि रास्ते में पडऩे वाले उक्त 8 से 10 गांवों को सतर्क कर दिया गया है, जिसमें संयोग से भालू के दिखने पर सूचना देने कहा गया है।