‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 14 जुलाई। जिला प्रशासन द्वारा जिले में जिद खेती को जैविक खेती को प्रोत्साहित करने विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान का मूल उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को व्यापक रूप से अपनाना है।
जिले में बड़े स्तर पर वैज्ञानिक तरीके से श्री विधि एवं कतार रोपा विधि को अपनाकर धान की खेती को नया आयाम देने का संकल्प लिया गया है। अभियान के अंतर्गत 6000 हेक्टेयर क्षेत्र में उन्नत विधियों से खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में विशेष रूप से श्री विधि को लागू किया जा रहा है।
श्री विधि धान उत्पादन की एक आधुनिक, वैज्ञानिक एवं पर्यावरण-संवेदनशील पद्धति है, जिसके माध्यम से कम संसाधनों के उपयोग से अधिक उत्पादकता प्राप्त की जाती है।
इस विधि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है 12 से 15 दिन की आयु के स्वस्थ पौधों का कतार में एकल रोपण, जिससे प्रत्येक पौधे को पर्याप्त स्थान, पोषण और प्रकाश मिल पाता है नियमित निंदाई-गुड़ाई द्वारा वायु संचार को बढ़ावा, जिससे पौधों की जड़ प्रणाली मजबूत होती है। खरपतवार नियंत्रण होता है। जैविक पोषक तत्वों जैसे जीवामृत, गोमूत्र, वर्मी कम्पोस्ट, हंडी खाद आदि का समुचित उपयोग, जो मिट्टी की उर्वरता एवं पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। संतुलित सिंचाई प्रणाली, जिसमें खेत में स्थायी जल भराव के स्थान पर आवश्यकतानुसार जल प्रदान किया जाता है, जिससे जल संरक्षण संभव हो पाता है।
श्री विधि से समृद्धि
सीईओ, जयंत नाहटा विकासखंड गीदम के ग्राम सियानार के खेतों मे सोमवार को पहुंचे। उन्होंनें अधिकारियों के साथ श्री विधि से रोपा लगाया। श्री विधि लगाने वाले किसान के खेत में रोपा लगाकर सीईओ श्री जयंत नाहटा ने किसानों के साथ संवाद करते हुए उन्हें वैज्ञानिक एवं जैविक विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती और श्री विधि जैसे नवाचार आज की आवश्यकता हैं, जो न केवल उत्पादन को बढ़ाते हैं, बल्कि हमारे जल, मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा भी करते हैं। आज का किसान तभी सशक्त बनेगा जब वह ज्ञान, नवाचार और परंपरा के संतुलन के साथ खेती करेगा। जिले के सभी किसान इस अभियान से जुड़ें और जैविक दंतेवाड़ा को कृषि के क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करें।