दन्तेवाड़ा
लग चुके थे 3 डोज, चौथे डोज से पहले तबियत बिगडऩे पर डिमरापाल भेजा गया था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 14 जुलाई। कुत्ते के काटने व 3 डोज लगने के बाद भी एक ग्रामीण की मौत हो गई। जिससे गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। जानकारी के अनुसार 13 जुलाई रविवार को भांसी निवासी राजू यादव की मौत हो गई।
मृतक की बेटी सुनीता यादव ने बताया कि उनके पिता को 17 जून को कुत्ते के काटने के कुछ घंटों के भीतर इंजेक्शन लगाया गया था। इस तरह से तीन इंजेक्शन लगाये गए थे, अगला 15 जुलाई को लगना था, लेकिन 10 जुलाई को तबियत बिगड़ गई, हाथ-पैर सुन्न हो गये। जिसके बाद अपोलो अस्पताल लाया गया। उनकी तबियत बिगडऩे पर डिमरापाल रेफर कर किया गया। एडमिट करने के बाद वहां पर पुरानी पर्ची मांगी गई जो हमारे पास नहीं था, हम लोगों ने यहां के स्टाफ से इलाज की पर्ची मांगी, मगर उन लोगों ने नहीं दी।
डिमरापाल के डॉक्टरों का कहना था कि पहले जो इंजेक्शन लगा और क्या इलाज हुआ है, वह पर्ची लाने से ही इलाज करेेंगे, वहां कुछ होता न देख फिर हम लोग वापस बचेली अस्पताल लेकर आए और पापा को बचेली अपोलो भर्ती कर दिए, जहां उनकी मौत हो गई। सुनीता का कहना है कि हम लोग कल से पुरानी पर्ची मंाग रहे हैं, लेकिन यहां के डॉक्टर नहीं दे रहे हंै। बहुत हंगामा करने के बाद डॉक्टर ने पर्ची दी। जब वहां से इलाज नहीं हो पाया तो वापस बचेली लाया गया।
इधर जानकारों का कहना है कि मरीज को जब रेफर किया जाता है तो रेफर पेपर में सारी चीज डॉक्टर के द्वारा मेंशन किया जाता है, जो भी तरह का इलाज या दवाई दी गई होती है वह सारा उसे रेफर पर्ची में लिखा होता है।
बताया जा रहा है कि इन मरीजों को डिमरापाल अस्पताल जगदलपुर से एंबुलेंस सेवा भी नहीं दी गई, वहां से किराया करके वापस बचेली आये। साथ ही बचेली अपोलो से जो रेफर पर्ची दिया गया था उसे डिमरापाल अस्पताल ने अपने पास रख लिया।
मौत के बाद ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविंद कुंजाम, करन तामो, गोविंद कुंजाम और भांसी सरपंच मीरा भास्कर बचेली अपोलो पहुुंचे। एनएमडीसी के अधिकारी, अस्पताल प्रबंधन, सरपंच में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि के बीच एक बैठक हुई, इस तरह की लापरवाही न हो, इस संबंध में चर्चा हुई। अपोलो अस्पताल के व्यवस्था पर ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए।
इस संबंध में अपोलो चिकित्सा प्रशासक डॉ. श्यामली रॉय का कहना है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही हमारे द्वारा नहीं की गई है, तबियत बिगडऩे के कारण ही अच्छा इलाज हो, इसलिए रेफर किया गया था।


