राजनांदगांव

कांग्रेस का दावा राजीव का सपना हुआ पूरा, भाजपा बोली पीएम मोदी ने वादे किए पूरे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 सितंबर। महिला आरक्षण विधेयक बिल को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेत्रियों ने स्वागत किया है। एक ओर कांग्रेस से जुड़ी महिला नेत्रियों ने बिल को सदन में रखने पर कहा कि राजीव गांधी के सपने अब पूरे हुए हैं। वहीं भाजपा नेत्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पीएम मोदी अपने वायदे को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं। ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते दोनों दल की प्रमुख नेत्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन मोदी सरकार ने राज्यों की विधानसभा चुनाव से पहले बिल को प्रस्तुत कर राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि नौ साल पहले यह बिल पास हो जाना था। 2024 में देश की महिलाओं को इसका लाभ मिलता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीति और नियत आरक्षण को लेकर स्पष्ट नहीं है। चुनावी हार के डर से पीएम ने महिलाओं को बिल की आड़ में छलने का काम किया है।
भाजपा पार्षद मधु बैद ने कहा कि यह बिल महिलाओं के उत्थान के लिए कारगर साबित होगा। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेकर महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम किया है। देश के कई प्रधानमंत्री बिल को लेकर सिर्फ चर्चा करते थे, लेकिन पीएम मोदी ने अपने वादे को पूरा कर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है।
शहर महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष माया शर्मा ने कहा कि आज राजीव गांधी का सपना पूरा हुआ। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने बिल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 9 साल पहले मोदी सरकार को यह बिल पास कर देना था, लेकिन उन्होंने ऐसा वक्त चुना, जब विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिलने की उम्मीद बनी। उन्होंने कहा कि परिसीमन, गणना और अन्य तकनीकी वजहों से तत्काल बिल का फायदा महिलाओं को नहीं मिलेगा। मोदी सरकार ने बिल के जरिये महिलाओं को धोखा देने का कुत्सिक प्रयास किया।
भाजपा पार्षद मणिभास्कर गुप्ता ने कहा कि कई सालों यह यह बिल लंबित था। अब महिलाओं को राजनीति में आगे बढऩे का भरपूर और गौरवशाली अवसर मिलेगा। लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाएं पुरूषों के समकक्ष राजनीतिक तौर पर प्रतिनिधित्व करती सदन में नजर आएंगी।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री और पूर्व पार्षद शारदा तिवारी ने कहा कि राजीव गांधी ने हमेशा महिलाओं को उचित सम्मान दिलाने के लिए बिल का समर्थन किया था। किन्हीं कारणों से बिल पास नहीं हो पाया। अब केंद्र सरकार को तत्काल बिल को लागू करने के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करने चाहिए। पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अजा और अजजा वर्ग की महिलाओं को भी बिल का लाभ मिलना चाहिए।
भाजपा की पूर्व पार्षद रेखा मेश्राम ने कहा कि कांग्रेस के 50 साल के शासनकाल में यह बिल लागू होना था। यह सवाल खड़ा होता है कि कांग्रेस ने इस दिशा में प्रयास क्यों नहीं किया। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में बिल को लेकर सामने आए। आज देश की महिलाएं इस बिल के जरिये अपना भविष्य उज्जवल मान रही हैं।
राजनांदगांव जनपद पंचायत राजनांदगांव जनपद सदस्य रोशनी वैष्णव ने लोकसभा राज्यसभा में पारित महिला आरक्षण का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, वह स्वागत योग्य है। त्रिस्तरीय पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी अच्छी है, परंतु विधानसभा लोकसभा राज्यसभा में उनकी भागीदारी कम है। जनगणना सन 2026 के आधार पर महिला आरक्षण लागू होगा, उसे वर्तमान में विधानसभा लोकसभा चुनाव से लागू करने सभी दल सहमति बनाकर चुनाव लागू करें। जिसमें महिलाओं आरक्षण संबंधी लाभ मिले।
पूर्व पार्षद जमुना देवी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल से देश की बहन-बेटियों को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सुरक्षा मिलेगी। राजनीति में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी यह बिल मील का पत्थर साबित होगा।
छग प्रदेश महिला कांग्रेस की सचिव कुसुम दुबे ने महिला आरक्षण विधेयक पर कहा कि नारी शक्ति की सहभागिता लोकतंत्र में सुनिश्चित होगी, इसलिए कांग्रेस की यूपीए सरकार ने मजबूती से 2010 में राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पास कराया था और कांग्रेस ने अपने संगठन में पूर्व से ही महिला आरक्षण को लागू कर प्राथमिकता दी है, क्योंकि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जो महिला आरक्षण की प्रबल व प्रथम समर्थक है।
वर्तमान विधेयक में एससी, एसटी सहित ओबीसी आरक्षण अल्पसंख्यक की भी स्थिति साफ होनी चाहिए। जिसका वर्तमान विधेयक में अभाव है। साथ ही बिना जनगणना, परिसीमन से विधेयक लागू पर भ्रांति बनी हुई है। सरकार को चाहिए कि यह विधेयक 2024 में ही लागू हो इस पर केंद्र सरकार को अविलंब कार्रवाई करते पारदर्शिता स्पष्ट करनी चाहिए।