महासमुन्द

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना बदहाल स्कूल खुलने के 7 माह बाद भी जिले के 156 स्कूलों की मरम्मत अपूर्ण
23-Oct-2024 2:29 PM
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना बदहाल  स्कूल खुलने के 7 माह बाद भी जिले के  156 स्कूलों की मरम्मत अपूर्ण

आरईएस, हाउसिंग बोर्ड को मिला था काम नगरीय निकाय चुनाव में काम पुन: अटक जाएंगे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 23 अक्टूबर। शिक्षा सत्र के 7 माह बीतने के बाद भी 594 जर्जर स्कूलों में मात्र 438 स्कूलों का जीर्णोद्धार हो सका है। 156 स्कूलें अब भी अपूर्ण है। पिछले 7 माह में तिहामी, छमाही परीक्षाएं भी हो चुकी है। महज 4 माह बाद से वार्षिक परीक्षाओं की भी तैयारियां प्रारंभ हो जाएगी। हाल ही में सामने अब नगरीय निकाय चुनाव है। फलस्वरूप जिन भवनों के जीर्णोद्धार की राशि नहीं आई है, वे काम पुन: अटक जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत जिले भर की स्कूलों का जीर्णोद्धार मरम्मत कार्य किया जाना है, लेकिन इसकी कछुवा गति है। इसमें हाउसिंग बोर्ड तथा आरईएस निर्माण एजेंसियां है। इन निर्माण कार्यों को स्कूल के पूर्ण ही होना था। लेकिन समय पर राशि नहीं पहुंचने की वजह से कार्य कछुवा गति पर है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा सत्र शुरू होने के पूर्व ही इसे पूर्ण निर्माण करने के निर्देश थे, पर राशि आवंटन और टेंडर में देरी की वजह से काम प्रभावित हुआ।  शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 594 स्कूलों में मेंटेनेंस व अतिरिक्त कक्ष निर्माण जैसे कार्य कराए जा रहे हैं। इसके लिए 52 करोड़ 69 लाख 63 हजार रूपए स्वीकृत किये गए थे। अब तक 438 स्कूलों में कार्य पूर्ण हो गया है। वहीं 156 स्कूलों में कार्य अभी भी चल रहा है। विभाग का कहना है कि शासन की महत्वपूर्ण योजना विद्यालय निर्माण व मरम्मत कार्य के लिए अधिकारियों ने निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान लंबित निर्माण कार्यों को विशेष प्राथमिकता के साथ नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने से पहले पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया था। इससे और बच्चों को पूर्ण और सुरक्षित भवन अन्य मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो सके। निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्यों को पर समय पूर्ण नहीं करने पर उच्च अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर कर लेव समय सीमा में पूर्ण करने के लिए निर्देश 50 दिए थे।

समय सीमा की बैठक में 31 मई तक मरम्मत कार्य पूरा करने पर जोर दिया गया था। जिन स्कूलों में निर्माण अधूरा है, वहां कार्य अंतिम पड़ाव पर है। स्कूलों में मेंटेनेंस, अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य तीन चरणों में हुआ है। पिछले साल मई में पहले चरण का कार्य शुरू हो गया था। इसके बाद राशि जारी होने के साथ-साथ दूसरे और तीसरे चरण का कार्य भी पूर्ण कराया गया। पहले चरण में टेंडर और राशि आवंटन में देरी होने के कारण कार्य प्रभावित हुआ। इसकी लेटलतीफी से अब अन्य चरणों के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। मॉनिटरिंग के अभाव में निर्माण एजेंसियां सुस्ती दिख रही है। फलस्वरूप निर्माण कार्य कछुवा चाल पर है। 31 मई 2024 तक काम को पूर्ण किया जाना था। पर अब भी काम अधूरे पड़े हैं। खास तौर पर वन ग्रामों की स्कूलों में चल रहे निर्माण कार्यों को कोई भी अधिकारी देखने नहीं जाता। जिसकी वजह से यहां के कार्य और विलंब से चल रहे हैं।

महासमुंद के जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत का कहना है कि  काम प्रगतिरत हैं। कार्य हाउसिंग बोर्ड तथा आरईएस कर रही है। युवा संसद कार्यक्रम की वजह से मैं दुर्ग आया हुआ हूं। वर्तमान स्थिति आकर ही बता पाउंगा।


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