महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 जुलाई। संसाधन नहीं तो काम नहीं जैसे 17 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के 6 तहसीलदारों और 10 नायब तहसीलदारों ने जिला मुख्यालय महासमुंद में सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। इसके चलते तहसीलों में न्यायालयीन प्रक्रिया, राजस्व, आय, जाति, निवास,नामांतरण, बंटवारा, त्रुटि सुधार समेत कई कार्य प्रभावित हुए। लोगों को निराश होकर बिना काम कराए ही वापस लौटना पड़ा।
तहसीलदार और नायब तहसीलदार, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले ये हड़ताल कर रहे हैं। दो दिन अवकाश के बाद सोमवार को जिले के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने हड़ताल के पहले दिन लोहिया चौक पर इक_े होकर जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया। तहसीलदार जुगल किशोर पटेल व श्रीधर पंडा ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं। जिला स्तरीय प्रदर्शन के बाद वे मंगलवार 29 जुलाई को संभाग स्तर और 30 जुलाई को प्रांत स्तर पर हड़ताल हैं। जानकारी अनुसार मंगलवार को संगठन का प्रतिनिधिमंडल शासन-प्रशासन से मुलाकात करेगा। उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। हड़ताल को लेकर पहले से ही तहसीलदार व नायब तहसीलदार छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले 17 सूत्रीय मांग के संदर्भ में शासन को आवेदन देकर अवगत कराया गया था। चेतावनी दी गई थी कि 26 जुलाई तक मांग पूरी नहीं की गई तो हड़ताल करेंगे। मालूम हो कि महासमुंद जिले के 6 तहसीलों में कुल 16 नायब तहसीलदार व तहसीलदार हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से राजस्व का काम ठप हो गया है। त्रुटि सुधार करवाने पहुंचने वालों का कल काम नहीं हुआ। तहसील कार्यालय त्रुटि सुधार करवाने पहुंचे किसुन पटेल ने बताया कि झलप से तहसील ऑफिस त्रुटि सुधार करवाने आया था। यहां आया तो पता चला कि साहब हड़ताल में चले गए हैं। अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।
संगठन की प्रमुख मांगों में सभी तहसील में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पर पदोन्नति प्रक्रिया में 50-50 अनुपात, नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने, ग्रेड पे में शीघ्र सुधार, शासकीय वाहन की उपलब्धता, निलंबन से बहाली, न्यायालयीन आदेशों पर एफआईआर नहीं, न्यायालय में उपस्थिति के लिए व्यवस्था, मानदेय में बढ़ोत्तरी की मांंंंंंगें शामिल हैं।