महासमुन्द

अफसरों के लौटने के बाद न पुलिस थी न 112, घायलों को 2 घंटे बाद अस्पताल पहुंचाया जा सका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 जुलाई। सिरपुर स्थित गंधेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए कांवर यात्रा कर पहुंचे कांवरियों के बीच रामायण कार्यक्रम सुनते किसी बात को लेकर बहस हो गई जो थोड़ी देर बाद मारपीट में तब्दील हो गई और इससे बागबाहरा के तीन कांवरिये गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ ही सिरपुर के 5 ग्रामीणों को भी गंभीर चोटें आई हंै।
आठ कांवरियों के गंभीर होने को जिला प्रशासन की गंभीर चूक कही जा रही है। यह घटना गंगा आरती के बाद की बताई जा रही है। जबकि शाम 7 बजे तक गंगा आरती में अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस के आला अधिकारी तथा काफी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही। लेकिन गंगा आरती होते ही समस्त प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल वहां से रवाना हो गए। इसके बाद हालात यह थी कि मंदिर के आसपास पेट्रोलिंग भी नहीं की गई थी। यहां तक 112 की ड्यूटी भी नहीं लगाई गई थी।
इस मामले में जिला पंचायत के पूर्व सभापति अमर अरूण चंद्राकर ने जिला प्रशासन पर सिरपुर में कांवरियों व ग्रामीणों की सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सावन के तीसरे सोमवार को भगवान गंधेश्वर नाथ के जलाभिषेक करने सिरपुर में रविवार तक 15 हजार से अधिक कांवरिये पहुंचे थे। लेकिन इन कांवरियों व ग्रामीणों की सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन की बड़ी विफलता दिखी। ऐतिहासिक पुरातत्व नगरी की सुरक्षा में इस तरह की लापरवाही प्रशासन की गंभीर चूक है।
घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। रविवार को दोपहर में विधायक समेत भाजपा के जिला स्तर के नेता भी सिरपुर पहुंचे थे। उसके बाद भी प्रशासन द्वारा पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रशासन सिरपुर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम तत्काल करें। शाम 7 बजे तक गंगा आरती में अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस के आला अधिकारी तथा काफी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही। लेकिन गंगा आरती होते ही समस्त प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल वहां से रवाना हो गए।
सिरपुर में कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन विफ ल-अमर अरूण चंद्राकर
पूर्व जनपद सदस्य अमर अरूण चंद्राकर ने बताया कि रविवार रात गंगा आरती के बाद रात 12 बजे तक रामायण कार्यक्रम चल रहा था। रात 10 बजे के आसपास कांवरियों में विश्राम करने हेतु जगह को लेकर विवाद हुआ। इस बीच वहां समझाने आए ग्रामीणों व कांवरियों के बीच बहस हो गई तथा मामूली विवाद खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। यदि पुलिस बल गंधेश्वर नाथ मंदिर के आसपास मौजूद रहती तो यह घटना नहीं होती।
बताया कि पुलिस ने मंदिर के आसपास पेट्रोलिंग भी नहीं की थी। यहां तक 112 की ड्यूटी भी नहीं लगाई गई थी। रविवार रात को हुए बलवा में बागबाहरा के तीन कांवरिये गंभीर रूप से घायल हो गए तथा सिरपुर के 5 ग्रामीणों को भी गंभीर चोटें आई हंै। इन घटनाओं का जवाबदार जिला प्रशासन है। जिला प्रशासन द्वारा न ही पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई न ही एंबुलेंस की व्यवस्था थी। 112 टीम की तैनाती भी नहीं की गई थी।
श्री चंद्राकर ने बताया कि गंभीर रूप से घायल कांवरियों व ग्रामीणों को 2 घंटे तक घायल अवस्था में रहना पड़ा। पूरे 2 घंटे बाद एंबुलेंस आने पर पहले तुमगांव सीएससी ले जाया गया। उसके बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए महासमुंद जिला अस्पताल में रेफर किया गया।इस घटना को लेकर शासन- प्रशासन जान-बूझकर अनजान बने रहे। हजारों कांवरियों की भीड़ तथा ग्रामीणों में इस तरह से झड़प होना प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रशासन द्वारा सिरपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात करना था। उन्होंने बताया कि बागबाहरा के एक 27 वर्षीय कांवरिया, 14 वर्ष का एक बालक के सिर व एक अन्य कांवरिया के जांघ में चोट आई हंै। वहीं सिरपुर के युवकों पर प्राणघातक हमले हुए हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन पूरी तरह असफल दिखा।