महासमुन्द

महज एक किताब से कैसे देंगे तिमाही परीक्षा ?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 जुलाई। शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद से ही स्कूली बच्चे और शिक्षा विभाग दोनों समस्याओं के दौर से गुजर रहा है। शुरुआत में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया की वजह से शिक्षा विभाग को शिक्षकों के विरोध व आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। स्कूलों के मर्ज होने के कारण भी कई क्षेत्र में समय पर स्कूल नहीं खोले जा सके। इसके बाद बड़ी चुनौती अब किताब वितरण को लेकर आ पड़ी है। नया शिक्षा सत्र के लिए 16 जून से स्कूल खोले जाने के 40 दिन बीत गये लेकिन स्कूली बच्चों तक किताबें नहीं पहुंची हैं। अगले महीने सितंबर के पहले हफ्ते से बच्चों की तिमाही परीक्षा होने वाली है।
शुरुआत से अब तक पुस्तक वितरण के मामले में कई गड़बडिय़ां सामने आ रही है। किसी स्कूल में खाली हाथ बच्चों को महज एक किताब देकर महीने भर पढ़ाई जा रही है। जिले के स्वामी आत्मानंद स्कूलों में हिंदी की जगह अंग्रेजी और अंग्रेजी की जगह हिंदी माध्यम की किताबें भेज दी गईं हैं। हालांकि शिकायत मिलने पर किताबों को लौटाया गया है।
जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले भर में 2221 स्कूलों में कुल 9 लाख 60 हजार 147 पुस्तकों का वितरण करना था। लेकिन विभाग अब तक 6 लाख 85 हजार पुस्तकें वितरीत होने का दावा कर रहा है। इनमें 1 लाख 43 हजार 824 बच्चों को अलग-अलग विषयों की 4 लाख 18 हजार 859 पुस्तकें बांटी गई हैं। जबकि स्कूलों में हिंदी, पर्यावरण, विज्ञान और अंग्रेजी विषयों की पुस्तकें अब तक नहीं पहुंची हैं। इसी तरह कुल 2 लाख 75 हजार 147 किताबों का वितरण अभी बाकी है। विभाग की बात करें तो अब तक 84 फीसदी किताबें स्कैन की जा चुकी हैं।
सूत्रों के मुताबिक किताब वितरण के मामले में स्कैनिंग का नियम भारी पड़ रहा है। सर्वर डाउन की समस्या के चलते समय पर किताबों की स्कैनिंग नहीं हो पाई है। यही वजह है कि किताबों के वितरण में विभाग काफी पिछड़ गया है। 1लाख,45 हजार 728 किताबों का स्कैन हुआ लेकिन वितरण नहीं किया जा सका है। 6लाख,72 हजार किताबें जिले के स्कूलों में वितरित किये जाएंगे। लेकिन आज दिनांक तक 4लाख,18 हजार 859 विद्यार्थियों तक ही किताबें पहुंची हैं और 5लख, 64 हजार 587 किताबें स्कैन तो हुई हैं लेकिन बच्चों के हाथ में नहीं पहुंची हैं।
इस बारे में डीईओ विजय लहरे ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल से और किताबें अभी नहीं आई है। अब तक जितनी आई थीं,उनमें से अधिकांश का वितरण किया जा चुका है। विभाग के पोर्टल में तकनीकी त्रुटिवश हिंदी की जगह अंग्रेजी और अंग्रेजी की जगह हिंदी माध्यम की पुस्तकें शो हो रही थी। जिसे बाद में सुधार लिया गया है। स्कूल और बच्चों तक पुस्तकें शीघ्र पहुंचाई जाएंगी।