महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 29 जुलाई। समीप के ग्राम लाखागढ़ के युवाओं ने एक बार फिर छोटे बच्चों के स्कूल के सामने तोड़े गए अतिक्रमण के मलबे को हटाने की मांग स्थानीय प्रशासन से की है।
ज्ञात हो कि उक्त स्कूल के ठीक सामने एक अवैध निर्माण को प्रशासन द्वारा विगत वर्ष तोड़ा गया था, जिसका मलबा अब तक हटाया नहीं गया है। वहीं लाखागढ़ निस्तार तालाब में एक उद्योगपति का अवैध निर्माण करना भी तालाब के क्षेत्रफल को प्रभावित करने लगा है। ग्राम लाखागढ़ युवा समिति के प्रमुख पोमल कोसरिया ने बताया कि लाखागढ़ के प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल के साथ आंगनबाड़ी केंद्र के ठीक सामने विगत वर्ष प्रशासन ने एक अवैध कब्जा तोड़ा था। जिसका मलबा अब तक बच्चों के शिक्षा मंदिर के सामने गन्दगी के रूप में पड़ा है। अब वहां बारिश के कारण घास फूस उग आए हैं, जिसमें अक्सर जहरीले जीव-जंतुओं ने अपना डेरा बना लिया है। जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
इसकी शिकायत उन्होंने सुशासन तिहार कैम्प में भी की थी, परन्तु अब तक आवेदन का निराकरण नहीं किया है। इसके अलावा इसी स्कूल के साथ एक जर्जर अनुपयोगी पानी टँकी भी खड़ी है, जो कि कभी भी भरभरा कर गिर सकती है।
निस्तार तालाब भी खतरे में
श्री कोसरिया ने बताया कि अब लाखगढ़ का निस्तार तालाब भी मात्र एक उद्योगपति का कब्जा बरकरार रखने के लिए खतरे में पड़ गया है। इस तालाब में एक उद्योगपति द्वारा ट्रैक्टर शोरूम संचालित किया जा रहा है। तालाब के बीच बना यह निर्माण प्रारम्भ से चर्चा में है। इस निर्माण की आड़ में अब तालाब के पिथौरा की ओर वाले क्षेत्र में भी तेजी से अवैध निर्माण हो रहे हंै। अवैध निर्माणकर्ता उद्योगपति के निर्माण को ही अपनी ढाल बना कर निश्चिन्त है। बहरहाल, हमेशा से चर्चा में रहने वाला लाखागढ़ इस बार बच्चों के स्कूल एवं निस्तार तालाब को लेकर पुन: चर्चा में है।