‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 3 दिसंबर। राज्य शासन और जिला प्रशासन द्वारा दंतेवाड़ा के दिव्यांग बच्चों के लिए सक्षम संस्थान का बेहतर संचालन किया जा रहा है। दिव्यांग छात्रों द्वारा प्रशासन की सुविधाओं का बेहतर उपयोग कर दंतेवाड़ा का नाम रोशन किया जा रहा है
विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर गीदम के जावंगा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ बच्चों के मटकी फोड़ प्रतियोगिता से की गई। जिसे मौजूद दर्शकों द्वारा उत्सुकता के साथ देखा और तारीफ की गई।
इस मौके पर विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि आज का दिन आप सभी के लिए खास है, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से दिव्यांगजनों की प्रतिभा, साहस और क्षमता को सम्मान देने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि ईश्वर किसी को भी अधूरा नहीं बनाता, हर व्यक्ति के भीतर नायाब गुण और असाधारण क्षमताएं होती हैं। किसी व्यक्ति में एक कमी होती है तो विधाता कमी की भरपाई विशेष शक्तियां प्रदान कर करते हैं। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने जिले के सक्षम विद्यालय के दिव्यांग छात्रों द्वारा घुड़सवारी में जिले का नाम रोशन किया जाना, साथ ही जिले के ही दिव्यांग छात्रों का देश के प्रधानमंत्री के समक्ष अपने हुनर का प्रदर्शन करना काबिले तारीफ है।
उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों द्वारा मटका फोड़, जलेबी दौड़ की प्रस्तुति की प्रशंसा की और इसे दिल को छू लेने वाला अनुभव बताया। उन्होंने कहा, संगीत, तबला और ढोलक को इन बच्चों ने जिस खूबसूरती से बजाया है, वह अद्भुत है। अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, मुझे यह देखकर खुशी हुई कि ये बच्चे इशारों के माध्यम से संवाद और काम कर रहे हैं। यह भगवान द्वारा दी गई एक अनोखी कला है, जो वास्तव में प्रशंसनीय है। इन बच्चों ने यह दिखा दिया कि प्रतिभा और आत्मविश्वास के प्रस्तुति में विपरीत शारीरिक परिस्थितियां बाधक नहीं है।
समाज न करें भेदभाव - नंदलाल
अध्यक्ष, जिला पंचायत, नंदलाल मुड़ामी ने संबोधन में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति शुभकामनाएं देते हुए कहा यह बच्चे किसी भी प्रकार से कम नहीं हैं, बल्कि इनकी अंदरूनी प्रतिभा को निखारने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
समाज का दायित्व है कि इन्हें समान अवसर, सम्मान और आत्मविश्वास प्रदान किया जाए।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत जयंत नाहटा ने बच्चों की हौसला अफजाई की।ये बच्चे किसी भी सामान्य बच्चे से कम नहीं हैं। बस आवश्यकता है सही मार्गदर्शन, सहयोग और अवसर की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे के भीतर कोई न कोई विशिष्ट गुण होता है, जिसे निखारकर समाज के सामने लाना हमारा सामूहिक दायित्व है। श्री नाहटा ने अपने संबोधन में कहा कि समाज विभिन्न वर्गों और क्षमताओं से मिलकर बनता है। हर व्यक्ति की अपनी एक विशेष भूमिका होती है और उन्हीं भूमिकाओं से समाज मजबूत बनता है।
उन्होंने बताया कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनके लिए हर दिन संघर्ष का दिन होता है, फिर भी वे अपने सपनों और मुस्कान को कभी फीका नहीं होने देते। ऐसे वीर बच्चों को सम्मान देना और उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराना ही समावेशी विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए शासन और प्रशासन द्वारा निरंतर योजनाएं और सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे शिक्षा, कला, खेल और अन्य सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। आज अनेक दिव्यांग बच्चे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि क्षमता किसी शारीरिक कमी की मोहताज नहीं होती।
उल्लेखनीय है कि समग्र शिक्षा एवं समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में यहां विविध गतिविधियों और कार्यक्रमों जैसे मटका फोड़, बुच्ची बाल, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, के अलावा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और बौद्धिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पंचायत उपाध्यक्ष अरविन्द कुंजाम और डीएमसी हरीश गौतम प्रमुख रूप से मौजूद थे।