गर्मी के शुरूआती दिनों में पेयजल समस्या लगी गहरानेे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 मार्च। मार्च के पहले सप्ताह में जीवनदायिनी शिवनाथ नदी लगभग सूख गई है। शहर के शिवनाथ स्थित मोहारा एनीकट में पानी गायब है। गर्मी के शुरूआती दिनों में पेयजल संकट गहराने लगा है। आने वाले दिनों में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। हालांकि, जल्द ही मटियामोती जलाशय से पानी की खेप एनीकट में पहुंचने का दावा पेयजल अधिकारी कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने इस बार भीषण गर्मी बढऩे की भविष्यवाणी की है। ऐसे में पानी की समस्या का बढऩा तय है। शहर में कहीं-कहीं पेयजल संकट का प्रारंभिक झलक दिख रहा है। शहर की प्यास बुझाने के लिए मोंगरा जलाशय में भी पानी रिजर्व है। पानी की बढ़ती खपत के साथ मोंगरा से भी खेप रिलीज होगी।
शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ एनीकट समेत नदी भी एक तरफ से सूख गई है। यहां शिवनाथ नदी के सिर्फ एक हिस्से में ही पानी नजर आ रहा है। जबकि एक तिहाई हिस्से से पानी सूख चुकी है और रेत ही रेत दिखाई दे रही है। एनीकट में भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होने से शहर में पानी गहराने का संकट के आसार नजर रहे हैं। जिसके चलते नगर निगम द्वारा अन्य जलाशय से गर्मी में पेयजल आपूर्ति को देखते पानी लिया जा रहा है। इधर गर्मी के शुरूआती दिनों में ही नदी किनारे बसे गांवों में पानी सूख चुकी है। जगह-जगह से नदी की धार भी कट गई है।
बताया जा रहा है कि रातापायली क्षेत्र में शिवनाथ नदी पूरी तरह से सूखी हुई है। चारो ओर से रेत ही रेत नजर आ रहा है। शिवनाथ नदी के किनारे बसने वाले गांव के लिए यह नदी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस नदी में ही लोग अपनी निस्तारी करते हैं। नदी सूख जाने के चलते सैकड़ों गांव में निस्तार की समस्या भी हो रही है।
शहर में गहरा सकता है पेयजल संकट
जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के सूखने से शहर में पेयजल संकट गहरा सकता है। वहीं शिवनाथ नदी में निस्तारी के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ शिवनाथ नदी के जल पर निर्भर और सिंचाई करने वाले किसानों की भी चिंता बढ़ गई है। इधर नगर निगम प्रशासन ने लोगों की प्यास और शहर में जलसंकट से उबरने की तैयारी शुरू कर दी है।
सप्ताहभर पहले छोड़ा गया था पानी
शिवनाथ नदी मोहारा एनीकट का जल स्तर कम होने के कारण रॉ वाटर प्रदाय के लिए कलेक्टर एवं प्रशासक संजय अग्रवाल के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा द्वारा कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग बालोद को मटियामोती जलाशय से नगर निगम राजनांदगांव के लिए आरक्षित पानी मेें से पानी छोडऩे सप्ताहभर पहले पत्र लिखा गया था। जल विभाग के अधिकारी पानी छोड़ाने मटियामोती जलाशय पहुंचे और मटियामोती जलाशय से प्रथम चरण में 50 एमसीएफटी पानी को छोडऩे की कार्रवाई की गई थी।
गर्मी में कुंओं और हैंडपंपों का सहारा
गर्मी के शुरूआती दिनों में ही शिवनाथ नदी के सूखने से जलसंकट के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं लोगों को अब हैंडपंप और कुंओं का ही सहारा लेना पड़ सकता है। शहर के अलग-अलग इलाकों में निर्मित कुंओं और हैंडपंप ही गर्मी में लोगों का सहारा बन सकता है। हालांकि जमीन में वाटर लेबल गिरने से कुछेक हैंडपंपों में पानी ही नहीं चढ़ पाता। ऐसे में कुछ हैंडपंप सूख गए हैं, जहां से पानी ही नहीं निकल पा रहा है। इसके अलावा कुछ कुंओं की सालों से सफाई नहीं होने से उसकी हालत बदतर हो गई है। हालांकि कुछ कुंओं के पानी का उपयोग लोगों द्वारा निस्तारी के लिए किया जा रहा है।
तालाबों में निस्तारी के लिए बढ़ेगी भीड़
गर्मी के तेवर को देखकर लोग निस्तारी के लिए तालाबों और सरोवरों की ओर रूख कर सकते हैं। शहर के प्राचीन तालाब रानीसागर, मोती तालाब, बूढ़ासागर तालाब, शंकरपुर तालाब, कौरिनभाठा स्थित तालाब, चिखली तालाब में निस्तारी और स्नान के लिए लोगों की भीड़ बढ़ सकती है।