राजनांदगांव

संसार से मिलने वाला आनंद टेम्पररी - शर्मा
06-Mar-2025 4:17 PM
संसार से मिलने वाला आनंद टेम्पररी - शर्मा

राजनांदगांव, 6 मार्च। परब्रम्हम परमात्मा से मिलने वाला आनंद कुंआ है, कुंआ चाहता है कि मेरे अंदर से जितना चाहे उतना पानी निकाले वह वापस भर जाता है। वहीं यह संसार घर की टंकी है, जिसमें समय सीमा में पानी समाप्त हो जाता है।

आनंद ही ब्रम्ह है। परमेश्वर की कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है, भगवान की महिमा ही है कि हम आज यहां कथा श्रवण कर रहे है। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंदबाबा के घर आनंद हो रहा है, उत्सव आलौकिक है। कृष्ण रूपी कुंए में कितने बार भी डुबकी लगा लें, आनंद शाश्वत उचलता रहेगा। संसार से मिलने वाला आनंद टेम्पररी है। कृष्ण कथा का आनंद परमानेंट है। अनुभव में आनंद है, वहीं परमेश्वर परमानंद है। इस आनंद को प्रकट करने अनेक ऋषि महात्मा संत हजारों वर्षो से तपस्या कर रहे हैं। विज्ञान भारत भूमि में जन्मा है। अन्य देशों की संस्कृति हजार. पंद्रह सौ वर्षो की है, किन्तु हमारी संस्कृति सनातन है। यहां संदीपनी आश्रम में भगवान कृष्ण ने, वशिष्ठ आश्रम में भगवान राम ने एवं द्रोणाचार्य के आश्रम में कौरव-पांडव ने शिक्षा ग्रहण की थी। यहां की संस्कृति लाखों-लाख वर्ष की है। उक्त उदगार मंगलवार को श्री अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह के पंचम दिवस की कथा का रसास्वादन कराते  भगवताचार्य पं. अर्पित भाई शर्मा ने व्यक्त किया।


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