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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं से सीधे संवाद किया। उन्होंने शासन की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से देश की मातृशक्ति को अवगत कराने नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम के तहत पूरे देश की महिलाओं को सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि पूरे 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार है। महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और सशक्तिकरण ही मोदी की गारंटी है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से बालिकाओं को लाभ मिला, उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना के तहत मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, हर घर नल योजना से लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है। वहीं शासन द्वारा नारी हित के लिए अन्य योजनाएं और अभियान चलाकर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने राजिम कुंभ मेला स्थल में वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विधायक रोहित साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिले की महिला समूह एवं मेला आगंतुकों ने वर्चुअल मध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को सुना। इस अवसर पर राजिम विधायक रोहित साहू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के गरीब, मजदूर, किसान सहित महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गरीब, मजदूर, किसान, युवा, महिला सहित सभी वर्गों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं की आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार अनेेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। महिलाओं की समृद्धि के साथ ही उनके लिए रोजगार व स्वरोजगार पैदा करने के लिए सरकार संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लाखों समूहों की महिलाओं से सीधे संवाद किया। यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक पल है।
राजिम, 7 मार्च। छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज धर्म नगरी राजिम में 24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला में प्रदेश सहित देश एवं विदेशों से भी सैलानी पहुंच रहे हैं। राजिम कुंभ के पहले दिन पोलैंड से विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। आज 12वें दिन फ्रांस से विदेशी दंपत्ति राजिम मेला में घूमते हुए नजर आए। मीडिया से चर्चा के दौरान फ्रासिंस दंपत्ति ब्रोनो और पास्कल ने बताया कि वे दो माह के लिए भारत भ्रमण पर आए हुए हैं। राजिम कुंभ कल्प में घूमने के आए हैं। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे यहां की सांस्कृतिक, संस्कृति और धरोहर को देखना चाहते है। वे बनारस, इलाहाबाद और बौद्ध, गया भी जाएंगे। राजिम कुंभ पहुंचकर उन्होंने साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति द्वारा चलाए जा रहे भंडारे में भगवान राजीव लोचन व राजिम माता प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर भंडारे में आए हुए लोगों को भोजन प्रसाद भी वितरण किया। उन्होंने बताया कि यहां के लोगों की आत्मिक भावना और संस्कृति से काफी प्रभावित हूं मुझे यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। कोई भी धार्मिक मेला संतों के बिना अधूरा है। इसीलिये देश में होने वाले चारों कुंभ सहित धार्मिक आयोजनों में संत समागम का होना उतना ही जरूरी है जितना भोजन में नमक। इसी प्रकार राजिम में आयोजित होने वाले कुंभ कल्प में संतो को आमंत्रित करते हुए संत समागम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। यहां पर देशभर के साधु-संत, महात्मा, शंकराचार्य, मंडलेश्वर, महामण्डलेश्वर, नागा साधु आदि संत समागम का हिस्सा बनते है और धार्मिक चर्चा में अपने उद्बोधन से आने वाले श्रद्धालुओं को कृतार्थ करते है।
वैसे भी कहा जाता है कि जहां संतों का वास या आगमन होता है, वह क्षेत्र तीर्थ बन जाता है। चूंकि राजिम स्वयं तीर्थ के रूप में स्थापित है लिहाजा यहां साधु संतो का आगमन सोने पे सोहागा की मानिद है। यहां पर पहुंचे संतों ने स्वयं स्वीकारा कि जितना मान सम्मान संतों को राजिम कुंभ कल्प मेले में मिलता है। उतना देश के अन्य क्षेत्रो में आयोजित मेलों में नहीं मिलता है। यहां पर मंत्री एवं जनप्रतिनिधि स्वयं संतों की अगवानी करते हुए उनका स्वागत करते है। उनके रहने ठहरने की उत्तम से उत्तम व्यवस्था की जाती है। पूरा प्रशासनिक अमला उनकी सेवाश्रासस में लगा रहता है।
यहां से आम आदमी की तरह संतो से मिलते है। वैसे किसी भी राज्य का मंत्री अपना प्रोटोकाल तोडक़र नहीं मिलता यही है छत्तीसगढ़ की संत संस्कृति का परिचय। छत्तीसगढ़ की धर्मपरायण जनता हर तिलकधारी को ब्राम्हण समझती है और हर भगवाधारी को संत समझकर उनका आदर करती है, जो यहां की जनता का निष्छल प्रेम का द्योतक है। छत्तीसगढ़ की मिट्टी की सीरत ही ऐसी है कि वह अपने यहां आने वाले हर किसी का बिना भेदभाव के साथ आत्मसात करते हुए। उनका स्वागत सत्कार करती है। यह दृष्य आपको राजिम आकर स्वयं दिखाई देगा कि राजिम की जनता किस आत्मिक भाव से पूरी श्रद्धा के संतों की सेवा करते है।
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राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के 12वें दिन संत समागम स्थल में वैष्णव नागाओं ने अपनी पंथ परंपरा के अनुसार निशान पूजा कर अपनी परम्परा का निर्वहन किया।
जानकारी के अनुसार भारत देश में कुल तेरह अखाड़े है जिसमें तीन अखाड़े वैष्णव संप्रदाय के है ये तीनो अखाड़ो ने राजिम कुंभ में प्रतिनिधित्व किया। जो श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा, श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़़ा के महंत नागा मौजूद थे। कालांतर में जब देश में अधर्मी आक्रांताओ ने सनातन धर्म पर हमला किए तब संतो की एक लड़ाकू फौज का गठन किया गया, जिन्हें अस्त्र-शस्त्र की विद्या से रण कौशल की दीक्षा देकर इन्हें धर्म की रक्षा का दायित्व सौंपा गया। इन दलों के पास एक विशाल छड़ी में ध्वज होता था जिसे निशान कहते है।
यह निशान अखाड़ों की मान्यता के अनुसार हनुमान जी का प्रतिनिधित्व करते है और इस निशान को हनुमान जी का आशीर्वाद मानकर उनके दिशा-निर्देश अनुसार धर्म की रक्षार्थ अक्रांताओ से युद्ध करते थे। जिससे सनातन धर्म की रक्षा किया जा सके। सदियों पुरानी यह परंपरा आज भी बादस्तुर जारी है और इस परंपरा का निर्वहन कुंभ में पूजा अर्चना कर तथा संतो द्वारा शौर्य प्रदर्शन कर किया जाता है। इसी परंपरा का निर्वहन पूरे भव्यता और विधि-विधान के साथ राजिम कल्प कुंभ में मौजूद समस्त अखाड़ों के संतों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के सानिध्य में किया गया। जिसमें महामण्डलेश्वर सर्वेश्वर दास जी, मण्डलेश्वर राधेश्याम के अलावा संस्कृति विभाग के उप संचालक प्रताप पारख, मेला आयोजन समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा, केंद्रीय समिति के विशिष्ट सदस्य लीलाराम साहू, सदस्य नागेंद्र वर्मा, अनुज राजपूत, देवेंद्र पाटकर आदि उपस्थित थे।
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राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में श्रीकुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने सांस्कृतिक मंच में स्थानीय कलाकार शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाहवाही लूट रहे हैं। मंच पर प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक, लोक कलामंच, भजन संध्या, रामायण, पंथी, सुआ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखर रही है।
मेला के 12वें दिन चौबेबांधा के श्रीराम दरबार मानस मंडली द्वारा रामायण की प्रस्तुति दी। जिसमें हनुमान जी द्वारा माता सीता को खोजने लंका जाने वाले पात्र का बताया। कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति में छुईया के चैतूराम नाचा पार्टी ने प्रहसंग और नृत्य की प्रस्तुति दी। खेमचंद यादव लोहरसी ने भजन संध्या के माध्यम से ईश्वर की स्तुति की, जिसमें प्रभु तुम चंदन..... जग में सुंदर है दो नाम.... ऐसी लागी लगन..... इन गीतों ने दर्शको को भक्ति की रास्ता दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बेमेतरा के कुंती गंधर्व ने पंडवानी के माध्यम से दर्शको को बताया कि कौरव और पांडवो के द्वारा जुआ खेला गया जिसके परिणाम के बारे में बताया। पंडरीपानी के पुरूषोत्तम बंजारा ने जस झांकी की प्रस्तुति दी गई। जिसमें माता दुर्गा के नव अवतारो का उल्लेख किया का तोला मानव दाई का तोला मानव वो..... जैसे और भी अनेक जसगीत प्रस्तुत किए। फुलझर गौकरण मानिकपुरी ने लोकमंच के द्वारा अनेक छत्तीसगढ़ी गीत के साथ नृत्य की प्रस्तुति दी। राजिम के जगन्नाथ पटेल ने नंगाड़ो के साथ और मंच पर अनेक रंग के गुलाल उड़ाते हुए फाग गीत की प्रस्तुति दी गई। जिसमें माहौल होलीमय बना दिया। कुसुमबुड़ा के ईशा रानी धु्रव ने राजा भरथरी की प्रेम कहानी की प्रस्तुति दी। प्रशान्त सोनवानी कठौली ने मानस भजन जय-जय राम, जय सिया राम.... गीतो को गाकर दर्शको को भी गुनगुनाने के लिए मजबूर किया। जयलाल परगनिहा बहेराबुड़ा गरियाबंद ने जसगीत को दर्शको को सरल बताने के लिए झांकी भी दिखाया गया। लोकनृत्य दल ने भी शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। कलाकारों का सम्मान राजिम विधायक रोहित साहू, राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष रेखा-जितेन्द्र सोनकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधयों ने स्मृति चिन्ह और गुलदस्ता भेंटकर किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में जहां मेलार्थियों के लिए भरपूर मनोरंजन का केंद्र होता है। घूम-घूमकर छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक इसके हर पल का आनंद लेते है। वहीं मेला में कई प्रकार के लोग आते है, जो अपने आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाते हैं। अपनी विभिन्न सामग्री को आकर्षक ढंग से सजाते है उसका विक्रय करते है। लेकिन मेले में कुछ ऐसे भी दृश्य दिखाई देते है जिसे देखकर आनंद की प्राप्ति तो होती ही है, लेकिन एक प्रश्न भी उठता है इतनी छोटी उम्र में अद्भुत कला को कैसे सीख लेते है?
राजिम कुंभ में नदी परिसर के पास कवर्धा से आई शीतल जो रस्सी पर बेखौफ चलकर अपने करतब से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। दोनों ओर खुंटे के बीच तनी रस्सी में वह संतुलन स्थापित करती है और वह दोनों हाथ से डंडा पकड़ी सिर पर चार कलश रखकर तेज गति से रस्सी पर जब वह चलती है और करतब दिखाती है तब दर्शकों की तालियों की गडग़ड़ाहट होती है , तो उनकी हौसलों को नई उड़ान मिलती है। पतली रस्सी में उसके पैर जरा भी नहीं लडख़ड़ाते फिल्मी गीतों की धुन में मस्त रहकर पूरे जोश से अपने कला का प्रदर्शन करती बच्ची के चेहरे में एक अलग प्रकार की चमक दिखाई देती है। उसकी मां उमादेवी ने बताया कि इस करतब को दिखाने के लिए बचपन से ही उन्हें प्रशिक्षण देते है और अलग-अलग स्थानों में जहां मेला लगता है या बड़े आयोजन होते है, वहां जाकर अपना करतब दिखाते है। उनके परिवार का यही एक मात्र कमाई का एक जरिया है। घर में कोई पुरूष न होने के कारण छोटे बच्चों को पालने के लिए हमें यह करना पड़ता है। भीख मांगकर खाने से बेहतर है कि अपने हुनर से मजबूत बने और किसी के उपर बोझ न रहकर अपनी कमाई करें। पढ़ाई करने की उम्र में इस प्रकार कार्य से उनका भविष्य अंधकारमय होता है इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ ही इस कला को अपनाये है।
हर वर्ष मेले में आते है विगत कई वर्षों से हम मेले में आ रहे है, लेकिन इस बार राजिम की भव्यता देखते ही बन रही है और इस करतब की सराहना करने के साथ-साथ दर्शक प्रोत्साहन स्वरूप रूपये दे रहे है। जिससे अच्छी कमाई हो रही है।
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गरियाबंद, 7 मार्च। तेंदूपत्ता तोड़ाई के लिए समितियों द्वारा शाख कर्तन शुरू कर दिया गया है। इस बार तेंदूपत्ता की आवक बढऩे की संभावना है। मानक बोरा दर बढ़ा दिए जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों का परिवार भी दिलचस्पी ले रहे हैं। मार्च महीने के लगते ही तेंदूपत्ता का सीजन प्रारंभ हो गया है और समितियां बूटा कटाई में जुट गई हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली तेंदूपत्ता श्रमिकों को मिल सके।
वनमंडल के उप प्रबंध संचालक जिला यूनियन अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि वन मंडल में इस वर्ष 83 हजार मानक बोरा तेंदू पत्ता का लक्ष्य निर्धारित है। मौजूदा स्थिति में बूटा छोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस वर्ष कुल 560 संग्रहण केंद्र बनाएं गए है। तेंदूपत्ता के लिए अग्रिम टेंडर 69 समितियों हो चुकी है। इस वर्ष राज्य शासन ने वनवासियों को तेंदूपत्ता संग्राहकों को 55 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाएगा।
तेंदूपत्ता छोपाई कार्य के लिए 70 समितियों में जनजागृति चलाया जा रहा है। समय-समय पर प्रबंधकों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिसके चलते 3 हजार प्रशिक्षण में शामिल हुए। उप प्रबंधक श्री श्रीवास्तव ने बताया कि 55 सौ तेंदूपत्ता संग्रहकों में काफी उत्साह है, पूर्व में 4 हजार रुपये तेंदूपत्ता संग्रहण दर दिया जाता था, वहीं वर्तमान राज्य शासन इस दफा 15 सौ रूपए की बढ़ोतरी की है।
सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य
वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए कहा कि संग्रहण के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 80 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है।
जिला यूनियन अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि वन मंडल में इस वर्ष 83हजार मानक बोरा तेंदू पत्ता का लक्ष्य निर्धारित है। मौजूदा स्थिति में बूटा छोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस वर्ष कुल 560संग्रहण केंद्र बनाएं गए है। तेंदूपत्ता के लिए अग्रिम टेंडर 69 समितियों हो चुकी है। इस वर्ष राज्य शासन ने वनवासियों को तेंदूपत्ता साख छोपाई श्रमिकों को 55 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाएगा।
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राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के संत समागम परिसर में बने डोम में प्रतिदिन धार्मिक प्रवचन, सत्संग, भजन, कीर्तन, साधु-संत और महंतों द्वारा किया जा रहा है। संतो के सानिध्य में राजिम नगरी पावन तीर्थ बना है जहां अनेक ज्ञानी महात्माओं के दर्शन और उनके आशीर्वाद मिल रहे हैं। राजिम मेले में आएं श्रध्दालु उनके अमृत वचनो का लाभ ले रहें है।
पंडित अश्वनी शर्मा ने भक्त और भगवान के बीच मधुर संबंध का वर्णन करते हुए कहा कि बिना श्रध्दा और भक्ति के भव से पार नही हों सकते। आध्यात्म से ही मानव मन को आत्मिक आनंद की प्राप्ति हो सकती है। निष्काम कर्म करते हुए उच्च नैतिक गुणों से युक्त होकर हृद्य में शुध्द भाव रखकर मानवता के कल्याण के कार्य करते रहना चाहिए। दीन-दुखी गरीब असहाय और जरूरतमंद की सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते है। परमात्मा किसी भी रूप में हमारे सम्मुख आ जाते है। जरूरत है, तो अंर्तमन से उनके दिव्य रूप को महसूस करने की। संसारिक मोह माया में जब तक लिप्त रहेंगेे तब तक कही भी शुकुन नहीं मिलेगा। अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए आत्मा को परमात्मा से जोड़ कर रखना चाहिए और मन वचन और कर्म से सात्विक रहकर सभी से मधुर व्यवहार कर सहयोग समन्वय और सामंजस्य स्थापित करना चाहिए मन के कुविचार को त्याग कर जो सच्चे मन से भगवान को याद करतें है उनकी वे प्रार्थना अवश्य सुनते है। सिर्फ कुछ मांगने के लिए ही ईश्वर की अराधना नही करनी चाहिए। अलौकिक आनंद को प्राप्त करने के लिए हर पल ईश्वर का सुमीरन करते रहना चाहिए तभी भक्त और भगवान के बीच रिश्ते मजबूत होते है।
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के 12वें दिन संत समागम परिसर में चक्र महामेरू पीठाधीश्वर सच्चिदानंद तीर्थ दंडी स्वामी जी की कुटीया में 6 मार्च को माँ सरस्वती यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे व श्रद्धालुगण शामिल होकर यज्ञ कुंड में आहुति दी।
पंडितों के मंत्रोच्चारण और पूरे विधि-विधान पूर्वक पूजन पाठ किया गया। दंडी स्वामी जी ने बताया कि आज के बच्चें समृध्द भारत की नीव है। बचपन से ही उनमें संस्कार के बीज डालनेे से वे एक आर्दश बालक के रूप में पल्लवित और पुष्पित होकर देश की सेवा करेगें। अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता को समझने की क्षमता विकसित कर पाएंगे। पाश्चात्य संस्कृति की हवा से उन्हें दूर रख धर्म, आध्यात्म और नैतिकता से जोड़ कर रखना ही इस यज्ञ का प्रमुख उददेश्य है। हवन पूजन पश्चात भोग प्रसाद वितरण किया गया। अंत में उपस्थित सभी बच्चों एवं श्रद्धालुओं ने स्वामी जी से आशीर्वाद लेकर खुशहाली की प्रार्थना किया। इस अवसर पर ज्ञानदीप शिशु विद्या मंदिर और सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा के लगभग 140 बच्चों सहित शिक्षक-शिक्षिका अलावा अनेक साधु-संत महात्मा और भक्तगण उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में ग्यारहवें दिन संत समागम परिसर में साहित्य संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन चक्र महामेरू पीठाधिपति स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ द्वारा किया गया। जिसमें अंचल के विभिन्न साहित्यकारों ने भाग लिया। आयोजन के प्रारंभ में स्वामी जी के शिष्यों व ऋषि कुमारों ने दीप प्राकट्य कर एवं मंगलाचरण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पंडित ब्रम्हदत्त जुगल किशोर शास्त्री ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प के शिल्पी पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के अथक परिश्रम से आज चारों तरफ राममय माहौल है और संतों के आगमन से यह भूमि पुन: पावन हो गई है। पांच सौ वर्षों की लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला पुन: प्राण प्रतिष्ठित हुए है उनके गुनगान करते हुए साहित्य संगोष्ठी के माध्यम से राम के संपूर्ण चरित्र को साहित्यकारों ने अपने गीत, कविता, कहानी, गजल एवं विचारो से स्पर्श करने का प्रयास किया।
राजिम के मनीष दुबे ने कहा कि आज भौतिक युग में राम के गुणों को हर घर में अपनाने की जरूरत है तभी सुख शांति व समृद्धि आ सकती है। रोहित साहू माधुर्य ने सुमधुर गीत प्रभु जी कुछ ऐसा चमत्कार हो जाये स्वच्छ भारत का सपना साकार हो जाये....... सुुनाकर स्वच्छता का संदेश दिया। मोहनलाल मानिकपन ने तोर कोरा म जनम पाके....... माता कौशिल्या पहचान बनाये, कर्णप्रिय गीत सुनाकर छत्तीसगढ़ महतारी का गुणगान किया।
कवयित्री सरोज कंसारी ने इन पंक्तियों में अपनी भावनाओ को व्यक्त किया हृदय में गुंजित वीणा की ताल, स्नेह की धुन में हो हर गान......। श्रवण कुमार साहू प्रखर ने कहा कि आने वाले वर्षो में राजीव लोचन साहित्य महोत्सव का आयोजन होना चाहिए, जिसमें अंचल के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों देखने सुनने का अवसर मिलना चाहिए। मकसूदन साहू बरी वाला ने कहा कि बेल में पानी डालो, महादेव शंकर मिलेगा, कंकड़ में पानी डालो भोले शंकर मिलेगा। डॉ रमेश सोनायटी ने कहा कि हे प्रभु श्रीराम तुम्हारी कृपा से होता है सब काम...। संजीव दुबे ने कहा कि साहित्य साधना का पथ होता है लिखने से पहले पढ़े उस पर गहन विचार करें। इससे मौलिकता आती है और हम अच्छे से लिख पाते है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संतोष सोनकर मंडल ने बड़े ही रोचक ढंग से साहित्य सडक़ को मुक्तक के माध्यम से आमंत्रित किया।
संगोष्ठी के समापन के समय आश्रम के दण्डी स्वामी विश्वानंद तीर्थ व कृष्णानंद तीर्थ ने सभी साहित्यकारो को श्रीफल एवं मिठाई का डिब्बा प्रसाद व आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया। दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की। अन्त में कवियत्री सरोज कंसारी ने आभार व्यक्त किया।
नौ देवियों के दर्शन कर श्रद्धालु हो रहे भाव विभोर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में संत समागम स्थल पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा चैतन्य नौ देवियों की झांकी की प्रदर्शनी लगाई गई है। इन नौ देवियों के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर होते रहे हैं। ब्रह्माकुमारी बहनों ने बताया की झांकी में दुर्गा देवी, काली देवी, लक्ष्मी देवी, सरस्वती देवी, गायत्री देवी, गंगा, जगदम्बा देवी, उमा देवी व ब्रह्माचारिणी देवी का साक्षात् दर्शन हो रहा है।
इस झांकी के माध्यम से वर्तमान समय में निराकार परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से सहज राजयोग की शिक्षा कैसे दे रहे हैं, उसको चैतन्य रूप में दर्शाया गया है। राजयोग के माध्यम से ये चैतन्य नौ देवियां शक्तियां ले करके अपने अपने कर्तव्य वा नाम पुष्पित कर रही हैं।
नवापारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था के तत्वाधान में लगाई गई यह झांकी शाम 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक चैतन्य संचालित होता है। झांकी देखने पहुंचे धमतरी, महासमुंद, राजिम, जेंजरा, आरंग, छुरा सहित अन्य स्थानों के लोगों ने बताया कि ऐसी सुंदर और जीवंत झांकी पहली बार देखी है। गौरव की बात है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारियों द्वारा इतना सुन्दर आयोजन राजिम कुंभ कल्प मेला में किया गया है। यहां आने के बाद व्यक्ति स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करने लगता है। आदिशक्ति के नौ रूपों की जीवंत प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने सामाजिक जागृति के कार्यों के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रयासों की सराहना की तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित प्रशासनिक अमला का आभार जताया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। जिला प्रशासन तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के तत्वधान में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा गांधी मैदान में ब्लाक स्तरीय महिला क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 09 से 18 एवं 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कबड्डी, खो-खो, व्हालीबाल, 100 मीटर दौड़, गोला फेंक, लम्बी कुद एवं रस्साकसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस दौरान नगर पालिका गरियाबंद के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके उपस्थित थे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय महिला खेलकूद आयोजन के पूर्व ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 05 मार्च को गांधी मैदान में किया गया। जिसमें 09 से 18 वर्ष आयु वर्ग में 100 मीटर दौड़ में प्रथम दिव्या पर्दे, द्वितीय रोजी खान, गोला फेंक प्रथम विभा ठाकुर, द्वितीय तुलसी धु्रव, लम्बीकुद प्रथम गीतांजली, द्वितीय रूपशिखा, व्हालीबाल प्रथम गरियाबंद, द्धितीय सेजस गरियाबंद, कबड्डी प्रथम गरियाबंद, सेजस गरियाबंद, खो-खो प्रथम कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय, द्वितीय सेजस गरियाबन्द, रस्साकसी प्रथम सेजस गरियाबंद, द्वितीय द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल गरियाबंद रही।
इसी अनुक्रम में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 100 मीटर दौड़ में प्रथम योगिता धु्रव, द्वितीय खिलेश्वरी, गोला फेंक प्रथम खिलेश्वरी धु्रव, द्वितीय अंगेश्वरी साहू, लम्बीकूद प्रथम खिलेश्वरी धु्रव, द्वितीय कुमकुम धु्रव, कबड्डी प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खो-खो प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गरियाबन्द, रस्साकसी प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गरियाबंद रहे।
इस दौरान नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि जीत-हार खेल का एक हिस्सा है। खिलाडिय़ों को असफल होने से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि दुगुने उत्साह से फिर से सफलता के लिये तैयारी करनी चाहिये तथा अपनी कमजोरी को समझ उसे दूर कर सफल होने के लिए ईमानदारी से प्रयास करना चाहिये।
इस अवसर पर ब्लॉक नोडल अधिकारी संजीव साहू, सूरज महाडिक़, गिरीश शर्मा, नितिन बखारिया, होरी साहू, छगन पचभिये, देवेंद्र पांडेय, नन्दकुमार रात्रे, देवेंद्र बंजारी, नीलेश देवांगन, चौनसिंह यादव, दानवीर साहू, लोकेश धु्रव, नंदकिशोर बान्दे, महेन्द्र यादव, रमेश कुमार, गंगोत्री साहू, श्रद्धा साहू, दीप्ति यादव, गायत्री सोनवानी उपस्थित थे।
मैनपुर, 6 मार्च। गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारिणी अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव को नियुक्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के आदेशानुसार रामकृष्ण ध्रुव को आगामी आदेश तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मैनपुर की कार्यकारिणी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति आदेश 3 मार्च को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गेन्दु द्वारा जारी किया गया। मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव ने कहा-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उस जिम्मेदारी पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करूंगा और कहा कांग्रेस पार्टी को मैनपुर ब्लॉक में और अधिक मजबूत बनाने के साथ-साथ कांग्रेस के अनुभवी वरिष्ठ बुजुर्ग कार्यकर्ताओं पदाधिकारी एवं युवाओं के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय दिलाने के लिए कार्य करेंगे। रामकृष्ण ने अपनी नियुक्ति पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज,प्रदेश प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू यादव ,जिला कांग्रेस गरियाबंद अध्यक्ष भाव सिंह साहू, बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विनोद तिवारी, जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम एवं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
ज्ञात हो कि रामकृष्ण ध्रुव पिछले 3 वर्षों से मैनपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं और लगातार कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनके नेतृत्व में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ एवं जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद द्वारा जारी निर्देशित कार्यक्रमों को शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा लगातार किया जा रहा है।
शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रामकृष्ण की सक्रियता को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व उन्हें ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मैनपुर अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पहली बार मैनपुर में युवा चेहरे को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इसके सहारे जहां एक ओर पार्टी संगठन से काफी दूर हो चले वरिष्ठ बुजुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठन में सक्रिय किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर ब्लॉक के सबसे ज्यादा युवा मतदाताओं को भी कांग्रेस पार्टी से ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाएगा। देर शाम जैसे ही रामकृष्ण ध्रुव को मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की आदेश जारी हुआ उन्हें बधाई देने की सिलसिला जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने के लिए कुलेश्वर मंदिर के समीप विशाल सांस्कृतिक मंच बनाया गया है, जिसमें 24 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक रामायण, पंड़वानी, फाग गीत, राउत नाचा, पंथी के साथ साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा इस मंच से दिया जा रहा है।
कार्यक्रम देखने बड़ी संख्या में दर्शक सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेते पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला के 11वें दिन पोंड़ के विजय वर्मा और उनके टीम द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। जिसमें फूल झरें हंासी मोती बोले बोली बैना तोर.... गीतो पर नृत्य प्रस्तुति ने जबरदस्त माहौल बना दिया। राजिम से पहुंची गीता गोस्वामी ने भजन संध्या प्रस्तुति दी। जिसमें मेरे राम आएगें ऐसे अनेक गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों के मन को जीत लिया और दर्शको ने खूब तालिया बजाई। घुटकू नवापारा के द्रौपती नेताम ने मंच पर रामायण की प्रस्तुति दी, जिसमें केंवट के द्वारा राम भगवान सहित माता सीता और लक्ष्मण को नदी के उस पार ले जाने कथा बताई गई। परसवानी के भुनेश्वरी ठाकुर ने सुगम संगीत के माध्यम से दर्शको को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हुए। सिंधौरी के हेमंत यादव ने परंपारिक वेशभूषा में और अपने हाथ में विभिन्न तरीकों से सजाए गए ड़ंड़े लेकर आएं और दोहे कह कर नाचने लगे। तौरेंगा के दौलत यादव और बुधारू ने नाचा पार्टी के माध्यम से विभिन्न संदेशो को दर्शकों तक पहुंचाया। सीता वर्मा ने इस मंच पर मानस भजन की प्रस्तुति दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 3 मार्च को संत समागम का उद्घाटन हुआ है। 3 मार्च से 8 मार्च तक चलने वाले संत समागम में देशभर से महामंडलेश्वर, महंत सहित बड़ी संख्या में साधु-संत का आगमन हुआ है।
आयोजन का मोर्चा संभाले धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माताश्री का अचानक देहावसन हो जाने के चलते मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शोक के कारण राजिम मेला में नहीं आ पाये। इस आपातकालीन विषम परिस्थिति के बावजूद मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बीच-बीच में राजिम कुंभ मेले में आकर स्थिति का जायजा लेते है। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि उनका शरीर भले ही इस मेले में नहीं था लेकिन आत्मिक रूप से वे हमेशा मेले से जुड़े थे। इन तमाम स्थिति परिस्थिति के बावजूद बृजमोहन अग्रवाल लगातार मेले में आकर व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहें अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को उचित दिशा-निर्देश देते रहें।
संत समागम उद्घाटन के बाद धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल संत, महंत एवं महामंडलेश्वरों की कुटिया में जाकर उनसे भेंट कर आशीर्वाद लिया और राजिम कुंभ कल्प 2024 के आयोजन पर उनके विचारों से अवगत हुए। बाल योगेश्वर रामबालक दास महाराज, दण्डी स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज, ब्रह्म कुमार नारायण भाई जी, पुष्पा बहन जी, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज के साथ ही प्रत्येक कुटिया और डोम में पहुंचकर वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रामोत्सव थीम पर आयोजित राजिम कुंभ को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए संत समागम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमेशा छत्तीसगढ़ की इस धरा में सुख-समृद्धि बढ़ती रहे और आप सभी संत अपना आशीर्वाद देने हर वर्ष यहाँ आए यही मेरी हार्दिक इच्छा है बिना संत के राजिम कुंभ अधूरा है।
कहते है कि राजनीति का अस्तित्व धर्म के बिना अधूरा है। धर्म ने हमेशा अपने आध्यामिक दर्शन से राजनीति का मार्ग प्रशस्त किया है। राजिम की त्रिवेणी संगम में धर्म और राजनीति का एक साथ कदम ताल हजारों लोगों ने देखा। जब राजनीति के प्रतिक बृजमोहन अग्रवाल और धर्म के प्रतिक साधु-संत एक साथ कुलेश्वर नाथ मंदिर, संत समागम स्थल पर कदम ताल करते हुए आगे बढ़ रहे थे। राजनीति को मिले धर्म के इस सानिध्य के कारण कुंभ अपनी संपूर्ण भव्यता के साथ ख्यातिपूर्ण सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।
राजिम कुंभ की साकारता बृजमोहन अग्रवाल के संकल्पित अथक प्रयास का परिणाम है जो राजिम की संगम तट पर परिलक्षित हो रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी कुशल कौशल का परिचय देते हुए ये साबित कर दिया है कि आज भी प्राचीन परंपरा के अनुसार उनकी राजनीति धर्म के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश के साथ निरंतर आगे बढ़ रहे है। यही है बृजमोहन अग्रवाल के राजनीतिक व्यक्तित्व का परिचायक। राजिम कुंभ की शुरूआत बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी सरकार के सहयोग से आज से वर्षों पहले कर दी थी, लेकिन पिछले पांच वर्षा के अंतराल के बाद धुमिल हुआ, जिसे श्री अग्रवाल ने कुंभ की भव्यता को ग्रहण से निकालकर पुन: उदितमान किया। जिससे धर्म आस्था और श्रद्धा के उज्जवल प्रकाश में ज्ञान की संगम में कुंभ के पर्व स्नान का स्वभाव पुन: छत्तीसगढ़ की जनमानस को मिला जिसके प्रति समस्त जनमानस कृतज्ञता पूर्ण भाव से बृजमोहन अग्रवाल के प्रति साधुवाद सहित आभार व्यक्त करते है।
इस कुंभ से निकलने वाली उर्जावान किरणे जब जनमानस के आशीर्वाद के साथ एक नये दिव्य उर्जा में परिवर्तित होकर अपनी संपूर्ण शक्ति का संचार बृजमोहन अग्रवाल के संकल्प में संचालित होती है, तब कुंभ जैसे महान आयोजनो का आकार साकार लेकर अपनी पूर्णता को प्राप्त करता है। आज उम्र के इस पड़ाव में बृजमोहन अग्रवाल जिस अदृश्य गतिज उर्जा के साथ काम करते है वो क्षेत्र की जनता और उनकी आत्मीय जनों का प्यार तथा संतो का आशीर्वाद तथा ईश्वर की अनुकम्पा से संभव है।
जिस आत्मीयता और सादगी के साथ बृजमोहन अग्रवाल एक-एक संतो से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछकर व्यवस्थाओ के जानकारी के साथ शिष्टाचार आत्मसम्मान से राजिम में पहुंचने वाले समस्त संत महात्मा ही नहीं अपितु आने वाले कलाकार और श्रद्धालु जनों से ले रहे है उनकी इस शिष्टता के प्रति आने वाले लोग भी कृतज्ञ भाव से उनके सम्मान में झुक जाते है। यह बृजमोहन अग्रवाल को अपनी माता से मिले संस्कार की पणिनिती है जिसके कारण आज बृजमोहन अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के लोकप्रियता के शिखर में है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला राजिम भक्तिन मंदिर समिति द्वारा भोग भंडारा का आयोजन किया गया है।
जिसमें 11वें दिन भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री रूपनारायण सिंह, प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, शारदा साहू जिला साहू संघ धमतरी के उपाध्यक्ष केकती साहू, परिक्षेत्र अध्यक्ष गिरधार साहू, किसान नेता संजीव चंद्राकर, पार्षद ओमप्रकाश आडिल, विकास तिवारी, मनोज कुमार साहू, श्याम सुंदर साहू आदि शामिल हुए। भंडारा की शुरूआत अतिथियों द्वारा राजिम भक्तिन माता के प्रतिमा की पूजा अर्चना कर किया गया।
भोग भंडारा में श्रद्धालुओं को चावल, सब्जी में सोया बड़ी, आलू, कढ़ी, लाल भाजी के साथ में आचार परोसा गया। परोसगारी में समिति के अध्यक्ष लाला साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, लोकनाथ साहू, कोषाध्यक्ष भोला साहू, संगठन मंत्री डॉ ओंकार साहू, राजू साहू, नगर अध्यक्ष भवानी शंकर साहू सहित समाज के लोगों ने सहयोग दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भंडारे की व्यवस्था की गई है। राइस मिल एसोसिएशन द्वारा नेहरू घाट से श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग में विशाल पंडाल लगाया गया है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रसादी दिया जा रहा है।
भंडारे के प्रबंधन व्यवस्था में पीबीएस ऑयल प्लांट धमतरी, सीता ऑयल प्लांट दुर्ग, रामदेव ऑयल प्राइवेट लिमिटेड ब्रम्हबपुरी (महाराष्ट्र), प्रहलाद अग्रवाल, स्व. दीपा धामेजानी की स्मृति में संदीप धामेजनी, फूलचंद अग्रवाल की स्मृति में मनमोहन अग्रवाल, प्रतीक पूजा अग्रवाल एवं श्री दिगंबर जैन समाज, श्री श्वेताम्बर जैन समाज, स्व. ओम प्रकाश खेमका, स्व. प्रभादेवी खेमका जूनागढ़ सहित अन्य समाजों एवं सामाजिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है।
राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरधारी अग्रवाल ने बताया की भंडारे में एसोसिएशन के सदस्यों का लगातार सहयोग मिल रहा है। भंडारे में प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बना कर आए हुए श्रद्धालुओं को बैठा कर भोजन कराया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि भण्डारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भोजन ग्रहण कर रहे हैं। भोजन में पूरी शुद्धता, स्वच्छता तथा पवित्रता का ख्याल रखा जा रहा है। पूरे समय प्रसादी वितरण में विजय गोयल, मनमोहन अग्रवाल, मोहन अग्रवाल, निर्मल जैन, ललित पांडे, प्रणय अग्रवाल, प्रतीक अग्रवाल, नयन अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, राजू सुंदरानी, भगवान दास सुंदरानी, संदीप गोयल, यश अग्रवाल, अक्षत अग्रवाल, सतीश बोथरा, प्रतीक भंसाली, डॉ. दिलीप शाह, अजीत सुंदरानी, अनिल सुंदरानी, अनिल, आलोक, कमलेश बच्छावत, राजा झाबक एवं अन्य सामाजिक लोगों तथा स्वयं सेवकों का सहयोग मिल रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने वाले साधु-संतों एवं लोगों के लिए स्वास्थ्य कैंप लगाकार निशुल्क रक्त जांच किया जा रहा है। भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के समीप लगे इस शिविर में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का स्वास्थ्य की जांच भी किया जा रहा है। राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त समाजसेवी डॉ.प्रियंका बिस्सा ब्यास एवं नेहरू युवा केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मगरलोड एवं छत्तीसगढ़ नर्सिंग कॉलेज रायपुर के सहयोग से शिक्षा एवं जागरूकता अभियान के तहत इस शिविर का शुभारंभ 3 मार्च को किया गया, जो 8 मार्च महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।
आयोजिका डॉ. बिस्सा ने बताया कि रक्तवीर मुहिम हमारी चिकित्सा टीम द्वारा चलाई जा रही है। मेले में पहुंचे सभी साधु-संतों, महंतों और महामण्डलेश्वरों के साथ ही मेला घूमने आए अन्य श्रद्धालुओं के लिए यह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है। अभी तक कुल सात हजार से अधिक लोगों का रक्त जांच किया गया है। जिसमें ब्लड ग्रुप, सिकल सेल रोग, हीमोग्लोबीन, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, एचआईवी की जांच की जा रही है।
डॉ. प्रियंका ने बताया कि जांच के दौरान कई लोगों में शुगर, बीपी और अन्य बीमारियां पाई गई। जिसकी वजह से उनकी शरीर पर दबाव पड़ रहे है और उन्हें कमजोरी थकान महसूस हो रही है। जांच कराने पहुंचे साधु-संतो ने बताया कि आज तक वे किसी भी प्रकार की डॉक्टरी जांच नहीं करवाये है। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी देने के लिए और विभिन्न रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए यह आयोजन किया गया है, जो बहुत ही सराहनीय पहल है। रक्त जांच के बाद तुरंत उन्हें आवश्यक दवाई दी जा रही है। डॉ. प्रियंका ने बताया कि 2018 मेंं 11 हजार मरीजो के नि:शुल्क रक्त जांच किये थे। इस बार 15 हजार का टारगेट लेकर वर्ड रिकार्ड बनाने की योजना है। शिविर में जांच करवाने के लिए असीमित भीड़ थी, जिनके लिए यह पंडाल छोटा पड़ रहा था। इस अभियान में डॉक्टरों की टीम लगी हुई है। शिविर में डॉ. योगेन्द्र डहरिया, नोगेन्द्र साहू, डॉ.वेदना नेताम, डॉ.विभा नियमित रूप से सेवा में लगे हुए है।
इसके साथ ही लगभग 150 स्वयंसेवक कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रही है। राजिम कुंभ में आने वाले दर्शनार्थियों को भी इस स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता अभियान का लाभ मिल रहा है। इस सराहनीय कदम के लिए सभी स्वास्थ्य टीम की प्रशंसा कर रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में संत समागम परिसर में सहज योग के अभ्यास की प्रदर्शनी लगी है जहां तनाव शारीरिक, मानसिक भावनात्मक व्याधियो की मुक्ति के लिए एवं पारिवारिक जीवन में सुख शांति एवं सामंजस्य स्थापित करने के लिए सहजयोग करने के लिए प्रेरित कियाा जा रहा है।
बताया गया कि सहजयोग करने के लिए कुछ भी छोडऩे की आवश्यकता नहीं है। आत्म साक्षात्कार द्वारा ही हम जीवन की विविध चुनौतियों को पार कर सकते है। इसके लिए ध्यान करना अति आवश्यक है। बताया गया कि माताजी श्री निर्मलादेवी की मानवता को एक महान देन हैं। सहजयोग यह आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल एवं सहज ध्यान-पद्धति है। यह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति से जुडऩे का एकमात्र सरल एवं सिध्द मार्ग है। अधिकतर लोग जानते हैं कि परमात्मा का निवास हमारे अंदर है, परन्तु बहुत कम लोगों ने इसका अनुभव किया है। परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति का प्रतिबिम्ब कुण्डलिनी के रूप में हर व्यक्ति के मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) के निचले छोर पर स्थित पवित्र त्रिकोणाकार अस्थि में सुप्तावस्था में विद्यमान है, इस ईश्वरीय शक्ति के जागृत होने पर मानव को सुंदर एवं सृजनात्मक व्यक्तित्व, उत्तम स्वास्थ, तथा परमात्मा द्वारा पथ-प्रर्दशन प्राप्त हो जाता है, और परिणामत: मानव तनाव रहित जीवन, नि:स्वार्थ प्रेम एवं आनंद की स्थिति में आ जाता है। सहजयोग से हम स्वयं के आंतरिक तंत्र को जान सकते है और आंतरिक तंत्र को समझकर सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है। सर्वागीण विकास एवं संतुलित जीवनयापन भ्रष्टाचार, दुराचार एवं अनैतिकता रहित समाज के निर्माण के लिये आध्यात्मिक जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सहज योग आज के आधुनिक जीवन सैली में बहुत आवश्यक है। इससे तनाव रहित जीवन तथा तनाव से उत्पन्न होने वाले रागों से मुक्ति मिलती है।
दव्र्यसनों से स्वत: छुटकारा आनंदमय, शांतिपूर्ण जीवन की प्राप्ति चित्ता की एकाग्रता, स्मरणशक्ति की प्रबलता, सृजन शक्ति का विकास आत्मविश्वास में वृध्दि एवं स्व-निर्णय लेने की क्षमता का विकास सर्वसामान्य गृहस्थ जीवन बिताते हुये गहन आध्यात्मिक अवस्था की प्राप्ति होती है। हम आप सभी को इस अद्वितीय ध्यान-योग पध्दति को पाने एवं अनुभव करने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। छत्तीसगढ़ में सहजयोग ध्यान के केन्द्र रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, धमतरी, जगदलपुर, राजिम और भी अन्य स्थान पर है। राजिम कुंभ में 8 मार्च महाशिवरात्रि तक सहजयोग केंद्र में आकर इसका लाभ मेलार्थी ले सकते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 11वें दिन छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध ढोला मारू के गायिका रजनी रजक ने राजा ढोला मारू की प्रेमकथा को संगीत के माध्यम से प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाह वाही लूटी। इसके साथ ही उनकी टीम द्वारा छत्तीसगढ़ी और जसगीत की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नौ महिना ले कोख म रखथे..... दुनिया के देवता देवत हो नेवता..... जैसे गीत शामिल है।
मंच पर बसंत वीर उपाध्याय के टीम ने केवट के राम की मंच पर संगीत व गीत के माध्यम से केवट और राम के संवादों को बताया। साथ ही इस संवाद के माध्यम से ये भी बता दिया कि राम ने केवल उसी केवट को क्यों बुलवाया इस रहस्य को विशाल सांस्कृतिक मंच में राम भक्त दर्शकों को रहस्य जानने का मौका मिला। राजनांदगाव के संतोषी नेताम महतारी लोकमंच ने अपनी पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से की। इसके बाद मैइया फूल गजरा...... गीत ने सभी दर्शको को जगतजननी की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बाध्य कर दिया। जगतजननी के स्मरण के बाद जवांरा गीत की प्रस्तुति देकर भक्तिमय माहौल बना दिया। छत्तीसगढ़ महतारी टाइटल गीत के साथ बारहमासी गीतों की जबरदस्त प्रस्तुति दी। जिसमें छत्तीसगढ़ में बारह महीनों में पढऩे वाले त्यौहारो को एक-एक करके दर्शाया गया। रायपुर के प्रसिद्ध लोक संध्या विवेक शर्मा ने भी अपने अंदाज में उनका सबसे अधिक प्रसिद्ध गीत मोला बेटा कहिके बुला न...... महाकाल का दिवाना....... मन के मनमोहनी....... मतौना जैसे गीतो ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कलाकारों का सम्मान विधायक रोहित साहू सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों सहित विशिष्ट जनों ने गुलदस्ते और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने की सराहना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के संत समागम उद्घाटन अवसर पर बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचे। इस अवसर पर डॉ.प्रियंका बिस्सा व्यास की टीम नेहरू युवा केंद्र द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड एवं के.बी.टी. के सहयोगी युवा साथियों द्वारा वृहद स्तर पर नि:शुल्क रक्त प्रशिक्षण शिविर रक्तवीर स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
विराट संत समागम के उद्घाटन में अनंत विभूषित ज्योतिष मठ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज एवं अनंत श्री विभूषित ज्योतिष मठ बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने टीम प्रियंका बिस्सा के रक्तवीर अभियान की सराहना करते हुए उनका सम्मान किया।
डॉ. प्रियंका बिस्सा ने बताया कि देश के 69.6 प्रतिशत लोगों को ब्लड गु्रप, हीमोग्लोबिन, सिकलिंग, एचआईवी व अन्य बीमारियों की जानकारी नहीं है। इस रक्तवीर अभियान के तहत नि:शुल्क रक्त जांच कर ब्लड टेस्ट कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा व अन्य जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके पूर्व 2018 में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सहयोग से यह अभियान भारत का पहला ब्लड टेस्ट कार्ड बना, जिसमें 11,551 लोगों की रक्त जांच कर उन्हें कार्ड उपलब्ध कराया गया। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा हुई। राजिम कुम्भ कल्प मेला 2024 में इस रक्तवीर अभियान को विश्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का भी प्रयास हो रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के विराट संत समागम अवसर पर जोधपुर से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गाय माता सनातन धर्म की धुरी है। कोई भी शुभ कार्य गाय के बिना नहीं होता। ये बात सद्ग्रंथ वेद, पुराण, उपनिषद ने डंका बजाकर कहा। उन्होंने कहा कि गाय पूरे विश्व की मां है और पूजनीय है। प्राणी मात्र के लिए जैसे राम मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है, वो भगवान है। ठीक वैसे ही गाय प्राणी मात्र की मां है। गाय को पशु कहने वाले गाय की गरिमा को नहीं पहचाना इसलिए गाय को पशुओं के नाम पर कत्लखानों में कत्ल हो रहा है। हम सरकार से निवेदन करते है कि इसे गाय के नाम से ही पुकारा जाए। मवेशी या कैटल का शब्द का प्रयोग पूर्ण बंद हो। यह हमारी पहली मांग है। जिस प्रकार मोर और ऊंट को मारने पर सजा का प्रावधान है। हिरण को मारने पर जेल हो सकती है। उसी प्रकार गौ हत्या करने वालो पर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। गाय को राष्ट्रीय धरोहर का सम्मान दिलाया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में चक्र महामेरू पीठाधीश्वर सच्चिदानंद तीर्थ दंडी स्वामी की कुटिया में बुधवार 6 मार्च को सुबह 9 बजे मां सरस्वती यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के बच्चों सहित श्रद्धालु भाग लेंगे। दंडी स्वामी महाराज जी ने बताया कि इस पवित्र यज्ञ का उद्देश्य भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाना तथा समाज, परिवार व राष्ट्र के लिए एक आदर्श नागरिक का निर्माण करने के साथ-साथ धर्म, अध्यात्म व नैतिकता का विकास करना है उन्हें और उनके आत्म-सम्मान को विकसित करना। संस्कृति का परिचय कराना है। यज्ञ के माध्यम से बच्चों को अपने धर्म व संस्कृति का महत्व पता चलता है। स्वामी जी ने बताया कि यज्ञ की पूरी तैयारी कर ली गयी है। यज्ञ के बाद भाग लेने वाले सभी बच्चों को प्रसाद एवं प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के साथ-साथ इस साल का कुंभ रामोत्सव राजिम कुंभ के नाम से आयोजित करने की अनुमति दी है। साधु-संतों के आगमन और आशीर्वाद से कुंभ सफल होता है। मातृशोक के कारण मेरा शरीर मंच पर नहीं है, पर मेरी आत्मा एक महीने से यहीं है। पिछले 20 सालों में सबसे भव्य कुंभ इस बार हो रहा है। राजिम कुंभ तब तक पूरा नहीं होता जब तक साधु संत नहीं आते साधु संतों की अमृतवाणी से ही यह राजिम कुंभ कल्प सफल होता है। पूरे देश में चार कुंभ के होते हैं, ये चार कुंभ तो 12 साल में एक बार होते हैं, लेकिन राजिम कुम्भ कल्प पहला कुंभ है जो हर साल होता है।
सांसद श्री चुन्नीलाल साहू स्वागत ने भाषण देते हुए कहा कि राजिम केवल तीन नदियों का संगम नहीं है। तीन जिलों और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी संगम है। महामंडलेश्वर यतिन्द्रानंद गिरी जी महाराज ने कार्यक्रम में कहा कि पांच वर्ष बाद राजिम कुंभ भव्य और दिव्य स्वरूप में दिख रहा है। भारत सहित पूरी दुनिया में इस समय सनातन संस्कृति का पुर्नजागरण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत को विश्वगुरू बनाना है तो हम सब को एक होना होगा। राजीव लोचन महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म पर आघात होता है तब संतो और साधुओ पर प्रतिबंध लगाया जाता है। धर्म का स्तंभ हमें स्थापित करना होगा। जिस प्रकार से राम जन्मभूमि में राजा विक्रमादित्य का नाम जुड़ा है।
इसी प्रकार राजिम कुंभ से बृजमोहन अग्रवाल का नाम जुड़ा हुआ है। जब-जब कुंभ का नाम दिया जायेगा बृजमोहन को याद किया जायेगा। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन राजिम विधायक रोहित साहू ने किया। कार्यक्रम में विधायक इंद्र कुमार साहू, संपत अग्रवाल, पूर्व विधायक रूप कुमारी चौधरी, अमितेश शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा जितेन्द्र सोनकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और देशभर से आए साधु-संत तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
राजिम, 5 मार्च। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू के बड़े पिता रामदीन साहू (96) का सोमवार 4 मार्च को ग्राम टेका में निधन हो गया है। वे सेवानिवृत्त प्राचार्य हेमलाल साहू, त्रिभुवन लाल साहू, रामाधार साहू के पिताजी एवं पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, मोतीलाल साहू के बड़े पिताजी थे। उनके अंतिम संस्कार में जनप्रतिनिधि, सामाजिक जन सहित सैकड़ों ग्रामवासी शामिल हुए।