‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 जुलाई। जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग,भारत सरकार द्वारा स्वच्छता फिल्मों के अमृत महोत्सव का आयोजन 16 अप्रैल, 2021 से प्रारंभ किया गया है। जिसमें स्वच्छता एवं ओडीएफ प्लस के विभिन्न घटकों जैसे जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, गोबरधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रे-वाटर प्रबंधन, फिकल स्लज मैनेजमेंट, व्यवहार परिवर्तन आदि विषयों में किये गये सर्वोत्कृष्ट प्रयासों पर लघु फिल्म का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाएगा। उत्कृष्ट लघु फिल्म को प्रथम पुरस्कार 1 लाख 60 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 60 हजार रुपये, तृतीय पुरस्कार 30 हजार रुपये प्रदान किया जायेगा। तैयार की गई लघु फिल्म को यू ट्यूब में अपलोड करना होगा। अपलोड की गई फिल्म की यू-ट्यूब लिंक को एचटीटीपीएस श्लेस इनोस्टिव इंडिया डॉट माय जीवोवी डॉट इन स्लेश एसबीएमजी इनोस्टिव चैलेंज https://innovateindia.mygov.in/sbmg-innovationchallenge लिंक के प्रतिभागिता फार्म भरकर प्रविष्ट करना होगा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की अंतिम तिथि 15 अगस्त,2021 निर्धारित है।
प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य ओ.डी.एफ.स्थायित्व को निरंतरता एवं ओ.डी.एफ.प्लस की ओर ध्यान केन्द्रित करना, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से संपूर्ण ग्रामीण स्वच्छता को सुनिश्चित करना, विशिष्ट आई.ई.सी.अभियान के माध्यम से ओ.डी.एफ.प्लस पर जन जागरूकता निर्मित करना, ओ.डी.एफ.प्लस के घटक जैसे जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन,फिकल स्लज प्रबंधन एवं गोबरधन के संचार को सरलीकृत करना एवं ओ.डी.एफ. प्लस को जन आंदोलन बनाने हेतु जनता से लघु फिल्मों का संकलन करना है।
लघु फिल्म निर्माण हेतु बायो-डिग्रेडेबल वेस्ट मैनेजमेंट अंतर्गत सडऩे वाले कचरे का उचित निपटान जैसे नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट, किचन पिट,सेग्रिगेशन शेड, जैविक खाद निर्माण एवं विक्रय, नवाचार, गोबरधन अंतर्गत बायोगैस प्लांट, स्लरी का उपयोग, बायोगैस का उपयोग एवं संधारण, बायोगैस से आय आदि नवाचार, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट अंतर्गत वेस्ट प्लास्टिक का पुन: उपयोग, पुन: चक्रण, सामग्री निर्माण,सेग्रिगेशन शेड आदि नवाचार, ग्रे-वाटर मैनेजमेंट अंतर्गत अपशिष्ट जल का उचित प्रबंधन,सोख्ता गड्डा, लीच पिट, किचन गार्डन, स्थरीकरण तालाब,अन्य ट्रीटमेंट प्लांट, नवाचार, फिकल स्लज मैनेजमेंट अंतर्गत फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रेंच, नवाचार एवं व्यवहार परिवर्तन अंतर्गत व्यवहार परिवर्तन हेतु किये जा रहे कार्यों को सम्मिलित किया जावेगा। भौगोलिक विषय में मैदानी क्षेत्र एवं पहाडी क्षेत्र के संबंध में भी लघु फिल्म तैयार की जा सकती है। जिसके लिये प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1 लाख 20 हजार रुपये तृतीय पुरस्कार 80 हजार रुपये प्रदान किया जावेगा। जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ फरिहा आलम सिद्की ने बताया कि अमृत महोत्सव लघु फिल्म प्रतियोगिता में दस वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिक प्रतियोगिता में भाग ले सकते है। संस्थागत श्रेणी में ग्राम पंचायत, समुदाय आधारित संगठन, गैर-शासकीय संगठन,स्वयं सहायता समूह भाग ले सकते है।फिल्म की अवधि 1 मिनट से 5 मिनट के मध्य होनी चाहिए। सभी भारतीय एवं प्रादेशिक भाषाओं में फिल्म बनाई जा सकती है। केवल ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित फिल्मों को ही प्रतियोगिता हेतु मान्य किया जायेगा। फिल्म को क्रियाशील ईमेल आई.डी. के माध्यम से सर्वप्रथम यू-ट्यूब पर अपलोड करना होगा। अपलोड की गई फिल्म की यू-ट्यूब लिंक को डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट माय जीवोवि डॉट इन 222.द्व4द्दश1.द्बठ्ठ पोर्टल के प्रतिभागिता फार्म में भरकर प्रविष्ट करना होगा।