बलौदा बाजार
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बलौदाबाजार जिला बनने के 9 साल बाद भी नहीं मिल सका संग्रहालय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 जुलाई। ऐतिहासिक धरोहर के धनी और पुरातात्विक दृष्टि से प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण स्थल माने जाने वाले बलौदाबाजार जिले का अपना विशेष महत्व है, लेकिन जिले की पुरातात्विक धरोहर को संभाल कर रखने के लिए जिला बनने के महज 9 साल बाद भी जिले में एक भी संग्रहालय नहीं है, बल्कि पांचवीं सदी में बसाये गए इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुरातात्विक अवशेष बिखरे पड़े हैं। आज भी जिले के विभिन्न स्थलों में इनके अवशेष देखने को मिलते हैं, लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में यहां तो वे अवशेष नष्ट कर दिया गया है या पर्यटकों द्वारा उन्हें क्षतिग्रस्त करने के साथ ही चुरा लिया गया है ऐसे में आवश्यकता है जिला मुख्यालय में इन अवशेषों को संग्रहित कर उत्कृष्ट संग्रहालय बनाने की।
यहां बन सकता है संग्रहालय
नगर में डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा, शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा, विधायक बंसराज तिवारी चौक पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया जा चुका है और स्थल भी निर्धारित हो चुका है, ऐसे में यदि नगर के जिला कार्यालय प्रांगण में या फिर दशहरा मैदान स्थित क्लब ग्राउंड में संग्रहालय की स्थापना की जाती है तो यह नगर के गौरव में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाएगी 2 वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने की थी पहल
2 वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने पुरातत्व समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा था कि जिले में पुरातात्विक महत्व के जितने भी ज्ञात स्थल हैं और यहां आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा या तो खुदाई कर तत्कालीन आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के विशेष प्राप्त किए गए या जिन अवशेषों को आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा अधिकृत कर संरक्षित कर लिया गया है, उन्हें एक ही स्थान पर सुरक्षित कर लिया जाए। इससे जिले के इतिहास और पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण जानकारियां पर्यटकों प्रवासियों अथवा शोध कार्य करने वाले को आसानी से मिल सके।
सीमेंट संयंत्रों से ली जा सकती है मदद
बलौदाबाजार जिले में छह विश्व स्तरीय सीमेंट संयंत्र हैं, जो यहां के बेशकीमती प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन कर रहे हैं। प्रशासन यदि चाहे तो इन पर भी दबाव बनाकर विशाल संग्रहालय बना सकता है, लेकिन प्रशासन इस दिशा में ठोस पहल नहीं कर रहा है, इसकी वजह से जिला निर्माण के 9 वर्ष बाद भी जिले में संग्रहालय की सुविधा नहीं मिल सकी है।
जिले में तुरतुरिया समेत अनेक ऐतिहासिक स्थल
बलौदा बाजार तहसील का डमरु ग्राम देवरी, रामपुर, पलारी नगर में बालसमुंद तालाब किनारे स्थित सिद्धेश्वर मंदिर के पास रखें पुरातात्विक अवशेष, कसडोल तहसील में स्थित नारायणपुर में प्राप्त अवशेष, इसी तहसील के तुरतुरिया में उपलब्ध पाषाण मूर्ति अवशेष आदि ऐसे अनेक स्थल हैं, जहां प्रवासी अध्ययनरत छात्र या पर्यटक आसानी से नहीं जा सकते, उनके लिए एक स्थान पर इन सबका अवलोकन अध्ययन और ऐतिहासिक पूरा पुरातात्विक महत्व को समझना आसान हो जाएगा।
वनगमन पथ गिधौरी तुरतुरिया मार्ग का होगा कायाकल्प
बलौदा बाजार जिले की है एक और उपलब्धि को दर्शाना प्रासंगिक होगा शिवरीनारायण की रोड की दूरी से कसडोल और तुरतुरिया स्थित वाल्मीकि आश्रम होते हुए राजिम की और भगवान श्री राम वन गमन पथ निर्धारित कर इसी मार्ग के सुंदरीकरण का सडक़ किनारे पौधारोपण पेयजल विश्राम गृह तथा प्रसाधन की सुविधा उपलब्ध कराने राज्य शासन द्वारा बजट में करोड़ों रुपए की राशि का प्रावधान रखा गया। सीतामढ़ी से शुरू और यह मार्ग रामगढ़ शिवरीनारायण तुरतुरिया चंदखुरी राजीव सिहावा जगदलपुर और राम राम गांव तक है। बलौदा बाजार जिले में यह मार्ग गिरफ्तारी से तुरतुरिया तक है। पर्यटक इस मार्ग को भी देखने बलौदा बाजार मुख्यालय होकर जब जाएंगे, तो नगर में स्थित संग्रहालय उनके लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
संग्रहालय के लिए जल्दी बनेगी रूपरेखा कलेक्टर
मामले में कलेक्टर सुनील कुमार जैन का कहना है कि संग्रहालय का यह सुझाव अच्छा और महत्वपूर्ण है। इस दिशा में स्थल चयन से लेकर संग्रहालय निर्माण तक की रूपरेखा जल्दी तैयार कर ली जाएगी।