बलौदा बाजार

रोका-छेका सिर्फ कागजों पर
08-Jul-2021 7:10 PM
रोका-छेका सिर्फ  कागजों पर

लावारिस मवेशियोंं से हो रहे हादसे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 8 जुलाई।
शहर के प्रमुख मार्गों एवं गली मोहल्लों में मवेशियों से प्रतिदिन व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। आए दिन दुपहिया सवार लावारिस मवेशियोंं को बचाते दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। 

राज्य सरकार द्वारा रोका छेका अभियान के तहत योजना प्रारंभ किया गया है, लेकिन इसका असर सिर्फ  कागजों में नजर आ रहा है। गांव हो या शहर लावारिस पशुओं के सडक़ पर बैठे रहने से वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं

पशु मालिक पशुओं को सडक़ों पर छोड़ देते हंै जिससे राहगीरों को कई तरह के तकलीफों का सामना करना पड़ता है। प्रमुख सडक़ों पर सैकड़ों की तादाद में पशु बैठे रहते है। आवारा पशुओं से मुख्य सडक़ पर आये दिन जाम से लोग हलाकान हैं। 

इसी तरह विश्रामगृह से तरेंगा नाका तक सडक़ पर यातायात का बोझ बहुत ज्यादा है और सडक़ पर पशु अनियंत्रित बैठे रहते है। वाहनों को काफी मुश्किल के बाद वहां से निकालना पड़ता है, जिससे हमेशा वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, विभिन्न मार्गों पर बहुतायत संख्या में सडक़ पर पशुओं का डेरा होने से यातायात बाधित हो रहा है।  लोगों का कहना है कि उक्त गंभीर समस्या को देखते हुए पालिका प्रशासन पुलिस प्रशासन, यातायात को सुधारने संयुक्त मुहिम शीघ्र चलाने की आवश्यकता है ताकि  आवारा पशुओं के कारण होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके।
 


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