सरोना-रायपुर के बीच मिली दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को यह उपलब्धि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 दिसंबर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सिग्नल और टेलीकॉम विभाग ने ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता का परिचय देते हुए लगातार तीसरे वर्ष 100 किलोमीटर से अधिक ऑटोमेटिक सिग्नलिंग कमीशनिंग का नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर एस. के. सोलंकी के नेतृत्व में यह उपलब्धि सरोना-रायपुर दोहरी लाइन खंड में 6 किलोमीटर अतिरिक्त ऑटोमेटिक सिग्नलिंग की स्थापना के साथ हासिल की गई। इसमें अप और डाउन लाइनों पर 3-3 स्वचालित सिग्नल लगाए गए हैं।
यह ऑटोमेटिक सिग्नलिंग इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग आधारित है, जिसके तहत रायपुर स्टेशन पर इंटरलॉकिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। इसके अलावा सटीकता के लिए 36 डिटेक्शन पॉइंट्स लगाए गए और स्वचालित सिग्नलों की निगरानी के लिए ऑटो और स्टैंडबाय वीडीयू भी जोड़े गए।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का यह कीर्तिमान आधुनिक तकनीकी उपायों का सफल क्रियान्वयन है। ऑटोमेटिक सिग्नलिंग रेल परिचालन को अधिक संरक्षित और कुशल बनाती है। दावा है कि यह यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा अनुभव को भी बेहतर करती है। प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर ने इस उपलब्धि के लिए अपनी टीम को बधाई दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 दिसंबर। संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश नवा रायपुर ने उप-अभियंता मयूर गेमनानी की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। उन्हें उनके मूल विभाग, मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, विकास आयुक्त कार्यालय, रायपुर को वापस सौंपा गया है।
गेमनानी को संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर में वरिष्ठ योजना सहायक के पद पर दो वर्षों के लिए अस्थायी रूप से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया था। यह प्रतिनियुक्ति सीधी भर्ती या अन्य प्रक्रिया से पद पूर्ति होने तक जारी रहने की शर्त पर आधारित थी।
कलेक्टर अवनीश शरण ने लगातार शिकायतें मिलने के बाद आज उन्हें उनके मूल विभाग लौटाने का आदेश दिया। संचालनालय के आदेश के तहत यह निर्णय लिया गया है।
अनेक सकारात्मक गतिविधियों से भी कैदियों को जोड़ा जा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 दिसंबर। छत्तीसगढ़ की जेलों में बंदियों के बीच आपराधिक घटनाओं को रोकने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जेल मुख्यालय के निर्देश पर बिलासपुर स्थित सेंट्रल जेल में भी कदम उठाए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए क्यू.आर.टी. (क्विक रिएक्शन टीम) का गठन किया गया है। इन टीमों को नियमित मॉक ड्रिल और रिहर्सल के जरिए तैयार किया जा रहा है।
जेल में बंदियों की व्यवहार प्रोफाइलिंग तैयार कर उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि और समूहों से संबंधों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, उनकी रचनात्मकता और सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्हें शैक्षणिक एवं व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण तथा जीवन कौशल संबंधित कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, काउंसलिंग और थेरेपी के साथ-साथ मनोरंजन की गतिविधियों और खेल सुविधाओं में शामिल किया जा रहा है। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी के अनुसार इन प्रयासों से बंदियों के बीच तनाव में कमी आई है और टीम वर्क व सहयोग की भावना विकसित हुई है। बंदियों को उनके परिवारों के साथ स्वस्थ रिश्ते विकसित करने में मदद की जा रही है। इसके साथ ही, सामाजिक समर्थन प्रणालियाँ प्रदान कर रिहाई के बाद उनके पुनर्वास की संभावनाओं को मजबूत किया जा रहा है। जेल प्रशासन ने निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी और अन्य तकनीकी उपायों को अपनाया है। जेल कर्मियों को नियमावली का पालन सुनिश्चित करने और ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। अधीक्षक मंडावी ने बताया कि जेल डीजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर बिलासपुर सर्कल की सभी जेलों में क्यू.आर.टी. का गठन किया गया है। आसूचना तंत्र को मजबूत किया गया है ताकि किसी भी संभावित घटना की जानकारी समय पर मिल सके।
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बिलासपुर, 31 दिसंबर। फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नियुक्ति पाने वाली कोटा ब्लॉक के जरगाडीह आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता सरस्वती यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
एकीकृत बाल विकास परियोजना कोटा के परियोजना अधिकारी ने बताया कि सरस्वती यादव ने सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर से फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र बनवाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए आवेदन दिया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सरस्वती यादव अपने पति और 3 माह के बच्चे के साथ रहती है। सचिव ने लिखित में बयान दिया कि प्रमाण पत्र पर उसका हस्ताक्षर नहीं है। गांव के लोगों ने भी लिखित में शिकायत की, जिससे फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। 13 दिसंबर को परियोजना स्तरीय मूल्यांकन समिति ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सरस्वती यादव को बर्खास्त करने का अनुमोदन किया। सेवा समाप्ति के साथ, उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई करने के लिए कोटा थाना प्रभारी को पत्र भी भेजा गया है।
दो लाख रुपये नगद बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 दिसंबर। शहर के चर्चित होटल हेवेंस पार्क में अवैध गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बार का लाइसेंस निलंबित होने के महज 24 घंटे बाद ही होटल में जुए का खेल जारी मिला। शनिवार रात पुलिस ने छापा मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया और मौके से करीब दो लाख रुपये नकद और ताशपत्तियां बरामद कीं।
तारबाहर थाना और सिविल लाइन पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। होटल संचालक आकाश जीवनानी और मैनेजर मुकेश कुमार निषाद को भी हिरासत में लिया गया है। सभी के खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
बीते 6 दिसंबर को आबकारी विभाग ने होटल के बार में छापा मारकर हरियाणा की शराब बरामद की थी। इसके बाद कलेक्टर ने 15 दिनों के लिए बार का लाइसेंस निलंबित कर शनिवार सुबह बार को सील कर दिया था। बावजूद इसके, रात में अवैध गतिविधियां जारी पाई गईं। गिरफ्तार आरोपियों में रसीद बक्श (54), जरहाभाठा शाहिल मौर्य (29), शनिचरी ऋषभ शर्मा (35), रामाग्रीन सिटी सुमित पंजवानी (24), कपिल नगर मनीष पंजवानी (29), धान मंडी विशाल अंचनतानी (26), सकरंडा शरद यादव (41), चांटापारा अभिनव तिवारी (40), नेहरूनगर आकाश जीवनानी (36), (होटल मालिक) तथा मुकेश कुमार निषाद (26), (होटल मैनेजर) शामिल हैं।
बिलासपुर, 30 दिसंबर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने वर्ष 2024 के आखिरी रविवार को आयोजित धरने में अब तक के कार्यों की समीक्षा करते हुए नए साल 2025 के लिए बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के विकास के ठोस लक्ष्य तय किए। इन लक्ष्यों में देश के चारों दिशाओं में महानगरों तक सीधी उड़ानों की शुरुआत, एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा का पूरा होना और 4सी एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत शामिल है।
समिति ने कहा कि फिलहाल बिलासपुर से दिल्ली और कोलकाता के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं, लेकिन ये सप्ताह में केवल दो दिन ही संचालित होती हैं। दिल्ली के लिए अन्य चार दिनों की उड़ान वाया जबलपुर और प्रयागराज होकर जाती है, जबकि सीधी उड़ानों की मांग हो रही है। इस दौरान यात्री संख्या में भारी बढ़ोतरी भी हुई है। समिति ने मांग की कि दिल्ली के लिए पूरे सप्ताह सीधी उड़ान उपलब्ध होनी चाहिए, जो वाया उड़ानों से अलग हो।
इसी तरह कोलकाता के लिए सप्ताह में दो दिन की उड़ान को बढ़ाकर कम से कम चार दिन किया जाए। साथ ही, दक्षिण भारत में हैदराबाद और बेंगलुरु तथा पश्चिम भारत में मुंबई के लिए सीधी उड़ानों की कनेक्टिविटी आवश्यक है। समिति ने बताया कि इसके लिए एयरलाइन कंपनियों से संपर्क और राज्य सरकार से ओपन टेंडर की मांग की जाएगी।
मालूम हो कि बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए पिछले दो वर्षों से काम चल रहा है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दक्षिण कोरिया से उपकरण मार्च में पहुंचने की उम्मीद है, जिसके तीन महीने बाद यह सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
इसके अलावा समिति ने एयरपोर्ट को 4सी मानक में परिवर्तित करने के लिए रनवे के विस्तार, डीपीआर निर्माण, भूमि हस्तांतरण, और वित्तीय स्वीकृति जैसे कार्यों को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। प्रस्ताव के मुताबिक रनवे की लंबाई को 1500x30 मीटर से बढ़ाकर 2200x45 मीटर किया जाएगा, ताकि बड़े विमान जैसे एयरबस और बोइंग उतर सकें। साथ ही, 500 यात्रियों की क्षमता वाला नया टर्मिनल भवन बनाने की योजना है।
समिति ने 2025 को इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समर्पित वर्ष घोषित करते हुए सभी सहयोगी संगठनों और जागरूक नागरिकों से आंदोलन को मजबूती देने की अपील की।
रविवार के धरने में अनिल गुलहरे, रवि बनर्जी, प्रेमदास मानिकपुरी, नवीन तिवारी, शेख अल्फाज, मनोज श्रीवास, संदीप बाजपेयी, सुदीप श्रीवास्तव और अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
कहा- विभागीय जांच में हस्तक्षेप का अधिकार सीमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस बीडी गुरु की खंडपीठ ने रेलवे के मेल-एक्सप्रेस गार्ड को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विभागीय जांच में न्यायिक हस्तक्षेप का क्षेत्राधिकार सीमित है। अदालत ने कहा कि नियोक्ता ने याचिकाकर्ता को पर्याप्त मौका दिया और उसका पक्ष सुनने के बाद ही निर्णय लिया।
याचिकाकर्ता, जो बिलासपुर निवासी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल में मेल-एक्सप्रेस गार्ड के पद पर कार्यरत था, की ड्यूटी 22 अगस्त 2017 को गीतांजलि एक्सप्रेस में थी। नागपुर स्टेशन पर अखबार के बंडल उतारने के लिए एसएलआर की सील नहीं खोली गई। इस पर शिकायत दर्ज होने के बाद रेलवे के मेडिकल अधिकारी ने एल्कोहल जांच के लिए रक्त नमूना मांगा, जिसे देने से कर्मचारी ने इंकार कर दिया।
रेल प्रशासन ने 11 अक्टूबर 2017 को रेल सेवा अनुशासन अपील नियम, 1968 के तहत चार्जशीट जारी की और विभागीय जांच शुरू की। लगभग दो वर्षों बाद, जुलाई 2019 में जांच रिपोर्ट पेश की गई। इसके आधार पर याचिकाकर्ता को पूरा पेंशन और अन्य लाभ देते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया।
याचिकाकर्ता ने इस निर्णय के खिलाफ उच्च अधिकारियों के समक्ष अपील की, लेकिन वह खारिज हो गई। इसके बाद उसने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में आवेदन दिया, जहां से भी उसकी अपील खारिज हो गई। अंतत: उसने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए याचिकाकर्ता को अपना बचाव प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया गया। ऐसे में न्यायालय को विभागीय जांच में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।
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बिलासपुर, 29 दिसंबर। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चिल्हाटी में प्राचार्य मनोज चंद्राकर की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 48 घंटे के भीतर सुलझा ली। हत्या का कारण मृतक द्वारा आरोपी के साथ किया गया अप्राकृतिक कृत्य बताया गया है। हत्या के बाद आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए महाराष्ट्र भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे डोंगरगढ़ में घेराबंदी कर पकड़ लिया गया।
बीते 26 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली कि चिल्हाटी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकान नंबर 39 में एक व्यक्ति का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा है। मृतक की पहचान मनोज चंद्राकर, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल डोंगरी, जिला जांजगीर-चांपा के रूप में हुई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एफएसएल टीम और स्निफर डॉग की मदद से जांच शुरू की।
मृतक 19 दिसंबर को अपने परिवार के साथ अपने मूल निवास बिरगहनी गया था और 22 दिसंबर को अकेले लौट आया। अंतिम बार उसे 24 दिसंबर को पड़ोसियों ने देखा था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि 24 दिसंबर को वह एक अज्ञात व्यक्ति के साथ अपने घर लौटा था।
300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के विश्लेषण और गोपनीय इनपुट से आरोपी की पहचान हरीश कुमार पैकरा (24), निवासी खम्हारडीह, जिला बलौदाबाजार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी को उसके घर से फरार पाया और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर डोंगरगढ़ से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी मृतक से मुलाकात 23 दिसंबर को रेलवे स्टेशन बिलासपुर पर हुई थी। 24 दिसंबर को मृतक ने उसे घर बुलाया और पार्टी की। नशे की हालत में मृतक ने आरोपी के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया, जिससे गुस्से में आकर आरोपी ने किचन से तवा उठाकर मृतक के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी।
मामले को सुलझाने और आरोपी को पकडऩे में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में एसीसीयू, थाना सरकंडा और चौकी मोपका की टीम ने सराहनीय भूमिका निभाई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। हरियाणा की महंगी शराब बेचने के मामले में टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित हैवंस पार्क बार का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। प्रदेश में पहली बार है जब किसी बार का लाइसेंस इतनी लंबी अवधि के लिए सस्पेंड किया गया हो। इससे पहले अधिकतम तीन दिनों के लिए लाइसेंस निलंबन के मामले सामने आए थे।
6 दिसंबर को जिला आबकारी विभाग और राज्य के उडऩदस्ते ने संयुक्त रूप से हैवंस पार्क बार में छापा मारा। जांच के दौरान बार के अंदर हरियाणा की महंगी शराब पाई गई। इस पर बार संचालक से जवाब मांगा गया। जिला आबकारी अधिकारी नवनीत तिवारी ने बताया कि बार संचालक का जवाब संतोषजनक नहीं था, जिसके आधार पर प्रकरण तैयार कर कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा गया।
बिचौलियों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया कलेक्टर ने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। मल्हार क्षेत्र के धान खरीदी केंद्र प्रभारी जगजीवन कुर्रे को धान खरीदी में गड़बड़ी और लापरवाही के आरोपों के चलते हटाने का निर्देश कलेक्टर अवनीश शरण ने दिया है। कलेक्टर ने एक बैठक लेकर अधिकारियों को दलालों और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया।
कलेक्टर ने बताया कि अब तक 37 फीसदी धान का समितियों से उठाव हो चुका है। उन्होंने फड़ से धान उठाव में तेजी लाने और किसानों की सहमति से रकबा समर्पण कराने को कहा, ताकि बिचौलियों को अनुचित लाभ न मिल सके।
बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक 3.68 लाख मैट्रिक टन धान खरीदा गया है। 78,557 किसानों को उनकी फसल का 771 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। छोटे किसानों को समिति स्तर पर माइक्रो एटीएम के जरिए 4.76 करोड़ रुपए की राशि दी गई, जिससे बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
कलेक्टर ने मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना को देखते हुए धान की सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए। सभी फड़ों पर धान की ढेरियों को कैप कवर से अच्छी तरह ढकने और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी खरीदी केंद्र प्रभारियों पर सौंपी गई है।
कलेक्टर ने कहा कि असली किसानों को शासन की धान खरीदी योजना का लाभ दिलाना प्राथमिकता है। बैठक में जिला और सहकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अटल विवि के कुल उत्सव में शामिल हुए केरल के राज्यपाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 26 दिसंबर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय ‘कुल उत्सव’ समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान 25 दिसंबर को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
समारोह में राज्यपाल खान ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘कन्हार’ के नए अंक सहित कई प्रकाशनों का विमोचन किया। केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि उपमुख्यमंत्री अरुण साव अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अटलजी की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, ‘अटलजी सच्चे जननायक और कुशल राजनीतिज्ञ थे। उनके निर्णय देशहित में प्रेरणादायक थे। वे समरसता और प्रखर राष्ट्रवाद के प्रतीक थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।’
राज्यपाल ने भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान और शिक्षा से ही सशक्त समाज का निर्माण संभव है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत को सदैव ज्ञान और प्रज्ञा के संवर्धन के लिए पहचाना गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री साहू ने अटल जी के योगदान को ‘संपूर्ण मानवता के कल्याण’ के लिए प्रेरणादायक बताया। उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि अटल जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण और संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर भारत को सशक्त पहचान दिलाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में अटलजी के योगदान भी रेखांकित किया।
कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने समारोह में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां प्रस्तुत की और अतिथियों का स्वागत पौधों के माध्यम से किया।
कार्यक्रम में कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह, नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं नागरिक उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 25 दिसंबर। महतारी वंदन योजना के कार्यक्रम में दोरनापाल पहुंचे प्रभारी मंत्री केदार कश्यप नगर पंचायत के पार्षद और नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र भदौरिया ‘मोनू’के निवास पहुंचे। इस अवसर पर भदौरिया परिवार और समर्थकों ने केदार कश्यप का आत्मीय स्वागत किया।
विदित हो कि दोरनापाल में धर्मेंद्र भदौरिया के पिता स्व. महेंद्रपाल सिंह भदौरिया की गिनती प्रभारी मंत्री के पिता और प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व सांसद बलिराम कश्यप के कट्टर समर्थकों में होती थी। कोंटा विकासखंड का दौरा हो तो स्व. कश्यप का भदौरिया निवास आना हमेशा तय रहता था। इसी क्रम को चार दशक बाद भी कश्यप परिवार ने आज भी जारी रखा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 दिसंबर। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल के राजगांगपुर स्टेशन यार्ड में एफओबी गर्डर लांचिंग कार्य के कारण मेगा ब्लॉक लिया जाएगा। इसके चलते दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा।
29 दिसंबर को गाड़ी संख्या 18110/18109, नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी-टाटानगर-नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी एक्सप्रेस रद्द रहेगी।
इसी तरह 28 दिसंबर को गाड़ी संख्या 07051, हैदराबाद-रक्सौल स्पेशल एक्सप्रेस, अपने निर्धारित समय से 4 घंटे देरी से चलेगी।
गाड़ी संख्या 17007, सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस, अपने निर्धारित समय से 1 घंटे देरी से रवाना होगी।
गाड़ी संख्या 13287, दुर्ग-आरा साउथ बिहार एक्सप्रेस, अपने निर्धारित समय से 5 घंटे देरी से रवाना होगी।
एसईसीएल के 262 निविदा कामगारों को कंबल वितरित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 दिसंबर। एसईसीएल परिवार के श्रद्धा महिला मंडल ने ठिठुरती ठंड में निविदा कामगारों को राहत पहुंचाने के लिए 262 कंबल वितरित किए। यह आयोजन नेहरू शताब्दी नगर के तुलसी उद्यान में किया गया, जिसमें मण्डल की अध्यक्ष पूनम मिश्रा ने नेतृत्व किया।
इस अवसर पर पूनम मिश्रा ने कहा, “श्रद्धा महिला मण्डल हमारे मेहनती निविदा कामगार भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमें आशा है कि यह कंबल उनकी जरूरत को पूरा करेंगे और उन्हें राहत प्रदान करेंगे।”
कंबल पाकर कामगारों के चेहरों पर राहत और खुशी की झलक साफ दिखी। लाभार्थियों ने महिला मंडल को धन्यवाद दिया और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर श्रद्धा महिला मण्डल की मार्गदर्शिका इप्शिता दास, हसीना कुमार, विनिता जैन और अन्य सदस्य भी उपस्थित रहीं।
बिलासपुर, 24 दिसंबर। पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए 55वीं अखिल भारतीय अंतर रेलवे क्रॉस कंट्री (पुरुष एवं महिला) चैंपियनशिप 2024-25 का आयोजन दिनांक 20.12.2024 को गोरखपुर में किया गया, जिसमें में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे खेल संघ के 17 सदस्यीय (14 खिलाड़ी, 02 प्रशिक्षक एवं 01 टीम प्रबंधक) ने हिस्सा लिया । पुरुष टीम में हरीश, रितेश ओहरे, प्रिंस राज मिश्रा, रवि, दिनेश, बीरेंद्र कुमार और अरविन्द यादव ने भाग लिया तथा महिला टीम कि ओर से शोभा यादव, सुप्रिया, किरण, पूजा, मुन्नी देवी, दीक्षा और पूनम दिनकर सोनुने ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का प्रतिनिधित्व किया।
संघ ने बताया कि श्रीकांत पाढ़ी, मुख्य प्रशिक्षक एवं श्री परमेश्वर भगत सहायक प्रशिक्षक के रूप में तथा श्रीमती आरती टीम प्रबंधक रहीं। इस 55वीं अखिल भारतीय अंतर रेलवे क्रॉस कंट्री (पुरुष एवं महिला) चैंपियनशिप 2024-25 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महिला टीम विजेता व पुरुष टीम उपविजेता रही साथ संयुक्त रूप से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की टीम समग्र विजेता रही। यह भी उल्लेख है कि पिछले वर्ष 2023-24 में पुरुष टीम विजेता रही थी, और पिछले लगातार 3 वर्षों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महिला टीम लगातार विजेता रही है। शानदार प्रदर्शन एवं उपलब्धि पर महाप्रबंधक सुश्री नीनु इटियेरा द्वारा बधाई दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 दिसंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद की खंडपीठ ने नवगठित नगर पंचायतों के संचालन से जुड़ी राज्य सरकार की अपील स्वीकार करते हुए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी कार्यकारी आदेश को चुनौती देने पर न्यायिक समीक्षा के दौरान यह देखना आवश्यक है कि सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो ही सरकार की कार्रवाई रद्द की जा सकती है।
राज्य सरकार ने 27 जून 2024 को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 के तहत 8 नवगठित नगर पंचायतों के कार्य संचालन के लिए विभिन्न समितियां बनाई थीं। इस निर्णय को नितेश कुमार बंजारे, महेंद्र कुमार श्रीवास, डोमेश्वर यादव और जयमानिया बैगा समेत अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि अधिनियम की धारा 5(1) के तहत संबंधित ग्राम पंचायतें तब तक कार्य करती रहेंगी जब तक विधिवत निर्वाचित नगर पंचायत नहीं बन जाती।
एकलपीठ ने मरवाही नगर पंचायत के लिए कहा गया था कि चूंकि इसे लोहरी, मरवाही और कुम्हारी ग्राम पंचायतों के विलय से बनाया गया था, राज्य सरकार को अधिनियम के अनुसार इन पंचायतों के प्रतिनिधियों को लेकर नई समिति का गठन करना चाहिए।
इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की। सरकार ने दलील दी कि अधिनियम की धारा 5(1) के दूसरे प्रावधान का प्रतिबंध केवल ‘संक्रमण क्षेत्र’ पर लागू होता है। संक्रमण क्षेत्र का अर्थ ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में बदलते क्षेत्र से है, और यह क्षेत्र तभी प्रभावी होता है जब सरकार ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में अपग्रेड करने की मंशा का नोटिफिकेशन जारी करती है।
खंडपीठ ने माना कि कोई भी कार्यकारी आदेश कानून या वैधानिक नियमों से ऊपर नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले (ललित मोहन देव बनाम भारत संघ, 1973) का हवाला देते हुए खंडपीठ ने कहा कि कार्यकारी आदेश हमेशा नियमों के अनुरूप होने चाहिए।
खंडपीठ ने एकलपीठ के निर्णय को अस्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना वैध है। इस प्रकार, सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं और सरकार की अपील स्वीकार कर ली गई।
दो उप-पंजीयकों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा कलेक्टर ने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 दिसंबर। करोड़ों की नजूल भूमि का अवैध सौदा उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने लीज पट्टा निरस्त कर दिया है। जांच में सामने आया कि लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग ने मिलकर इस सरकारी भूमि को टुकड़ों में बेच दिया था। पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद जीवन भर की पूंजी लगाकर जमीन खरीदने वालों में भी हडक़ंप मच गया है।
शहर के कुडूरंड क्षेत्र में तुलजा भवानी मंदिर के पीछे स्थित दो एकड़ 13 डिसमिल जमीन भूपेंद्र राव तामस्कर को आवासीय प्रयोजन के लिए लीज पर दी गई थी। 2015 में लीज खत्म होने के बाद इसे 2045 तक बढ़ा दिया गया था। लेकिन लीज की शर्तों का उल्लंघन कर जमीन को बिना अनुमति और लेआउट पास किए 54 टुकड़ों में बेच दिया गया।
कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम बनाई गई। जांच में पाया गया कि 30 साल के नवीनीकरण की शर्तों का उल्लंघन कर आवासीय जमीन को व्यावसायिक रूप से बेचा गया। कलेक्टर ने लीज धारक और पंजीयन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।
नजूल भूमि के 54 टुकड़ों की रजिस्ट्री बिना निरीक्षण और दस्तावेज सत्यापन के की गई। कलेक्टर ने तत्कालीन उप पंजीयकों लक्ष्मी पांडे और वीएस मिज को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा है।
नजूल भूमि के लीज निरस्त होने से 54 खरीददारों की करोड़ों की संपत्ति शासन के खाते में चली गई। अपने जीवन भर की पूंजी लगाकर जमीन खरीदने वाले अब न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
जिला प्रशासन इस भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए योजना तैयार कर रहा है। यहां गार्डन, शासकीय कार्यालय या अन्य सार्वजनिक उपयोग की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे पुलिस उप निरीक्षक डी. आर. ठाकुर के घोर नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में स्थानांतरण के आदेश पर रोक लगाते हुए गृह सचिव को स्थानांतरण नीति के तहत याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
नेहरूनगर, बिलासपुर निवासी ठाकुर वर्तमान में पुलिस थाना कुसमुंडा, जिला कोरबा में उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), रायपुर द्वारा उनका स्थानांतरण कोरबा से दंतेवाड़ा किया गया। ठाकुर ने इस आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग के 3 जून 2015 के सर्कुलर के अनुसार, 55 वर्ष की आयु से अधिक के अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुसूचित नक्सल प्रभावित जिलों में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। पुलिस स्थानांतरण नीति (एसओपी क्रमांक 30/2018) के तहत, सेवानिवृत्ति के दो वर्ष पहले उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को यथासंभव उनके गृह जिले में पदस्थ किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की उम्र वर्तमान में 60 वर्ष और 6 माह है। उनकी सेवानिवृत्ति में केवल डेढ़ वर्ष शेष है। यह स्थानांतरण, सरकार का नीति का स्पष्ट उल्लंघन है। एक अत्यधिक संवेदनशील और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तबादला उनके हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वह स्थानांतरण नीति के अनुसार याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का शीघ्र निराकरण करें।
हुडको रायपुर के पूर्व क्षेत्रीय प्रमुख की अपील खारिज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया है कि यदि किसी अपराध की साजिश ‘प्रथम दृष्टया’ छत्तीसगढ़ के बाहर रची गई हो, तो सीबीआई को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत राज्य सरकार से पूर्व स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
सुरेंद्र सिंघई हुडको (हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के रायपुर क्षेत्रीय प्रमुख के पद पर कार्यरत थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने कोलकाता स्थित सुनील मॉल, संचालक, सुनील इस्पात एंड पावर लिमिटेड, के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। इस साजिश के तहत रायगढ़ जिले के ग्राम चेराईपानी स्थित संयंत्र से 24.50 करोड़ की गड़बड़ी की गई। आरोप है कि इस साजिश का उद्देश्य हुडको और अन्य को अनुचित आर्थिक हानि पहुंचाकर स्वयं को लाभ पहुंचाना था।
जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि साजिश की शुरुआत दिल्ली में की गई थी और बाद में प्राप्त ऋण राशि का उपयोग छत्तीसगढ़ में किया गया, इसलिए राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक नहीं है। बेंच ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत, यदि अपराध का मुख्य केंद्र अन्य राज्यों में हो, तो सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार से मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह याचिकाकर्ता (सुरेंद्र सिंघई) की उस दलील को खारिज कर दिया गया जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की मंजूरी न होने के आधार पर कार्यवाही रद्द करने की मांग की थी।
हाई कोर्ट ने विशेष न्यायालय के आदेश की पुष्टि करते हुए सीबीआई की दलील स्वीकार की। कोर्ट ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऋण राशि के उपयोग से जुड़े आरोप पत्र दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर से अंबिकापुर के बीच शुरू हुई नई उड़ान का स्वागत किया और इसे आगे किसी बड़े शहर से जोडऩे की मांग उठाई। समिति के प्रतिनिधियों आशुतोष शर्मा, रवि बनर्जी, विजय वर्मा और सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि यदि इस उड़ान को भोपाल या लखनऊ जैसे शहरों से जोड़ा जाए तो फ्लाई बिग एयरलाइंस को अधिक यात्री मिलेंगे, क्योंकि इन शहरों से रायपुर के लिए अन्य एयरलाइन की बड़ी फ्लाइट्स पहले से संचालित हैं।
गुरुवार को बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट से 19 सीटर फ्लाई बिग विमान ने अंबिकापुर के लिए अपनी पहली उड़ान भरी। यह सेवा सप्ताह में तीन दिन—गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार—संचालित होगी। समिति ने फ्लाई बिग के अध्यक्ष संजय मांडविया से इसे वैकल्पिक दिनों पर चलाने का अनुरोध किया था। मांडविया ने भरोसा दिया कि जल्द ही डीजीसीए की मंजूरी के बाद उड़ान को सोमवार, गुरुवार और शनिवार के लिए पुनर्निर्धारित किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, वरिष्ठ नेता रामदेव कोसले, हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि सुदीप श्रीवास्तव, एयरपोर्ट डायरेक्टर एन. वीरेंद्र सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इस पहली उड़ान में 13 सामान्य यात्रियों और फ्लाई बिग के 5 कर्मचारियों ने यात्रा की।
समिति ने नई सेवा का स्वागत करते हुए कहा कि बिलासपुर से अंबिकापुर को जोडऩा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस उड़ान को बिलासपुर से सीधे किसी बड़े शहर से जोडऩे पर यात्री संख्या में वृद्धि होगी, जिससे एयरलाइन को भी लाभ होगा।
यह उड़ान केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य छोटे शहरों को हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। केंद्रीय आवासन और शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद में भाजपा सांसदों से धक्का-मुक्की करने और महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार को दुर्भाग्यजनक बताते हुए घटना को कांग्रेस पार्टी के अहंकार और असंवैधानिक आचरण का परिचायक बताया।
साहू ने कहा कि गुरुवार को संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने सुरक्षा निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए जानबूझकर भाजपा सांसदों पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी का यह व्यवहार सभ्य समाज के लिए अकल्पनीय है। महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार और बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देकर गिराने की घटना ने उनकी सोच को उजागर कर दिया।’
सारंगी को सिर पर गंभीर चोटें आईं और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। तोखन ने कहा कि सांसद फंगनोन कोन्याक ने राज्यसभा के स्पीकर से राहुल गांधी की शिकायत की, जिसमें उन्होंने उनके साथ हुए दुव्र्यवहार का जिक्र किया है।
साहू ने कहा कि ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करने वाले राहुल गांधी असल में नफरत का व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस अवसर मिलने पर कानून की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूकती।
इसके साथ ही, उन्होंने अंबेडकर जी के प्रति कांग्रेस के रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है और अब उनके सम्मान का झूठा नाटक कर रही है।’
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। "देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने हर कालखंड में जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए संघर्ष किया है," यह बात प्रदेश के संसदीय कार्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कौशल विकास और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कही। वे जरहाभाठा स्थित आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास में शहीद वीर नारायण सिंह की 167वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
मंत्री कश्यप ने जोर देकर कहा कि आदिवासी समाज के संघर्षों के कारण ही आज हमारे पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षित हैं। उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं आदिवासी समाज से हैं। उनकी सरकार ने वन पट्टा अधिकार प्रदान करके आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की है। इसके अलावा, राज्य सरकार वनोपज की खरीद को 70 से अधिक प्रकारों तक बढ़ाकर आदिवासी समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है। आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी।"
छात्रावास में मौजूद बालक-बालिकाओं को संबोधित करते हुए मंत्री कश्यप ने कहा, "हमें अपने पूर्वजों के संघर्ष और आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हमें अपने माता-पिता और गुरुओं का नाम रोशन करने के साथ-साथ अपनी संस्कृति को भी संरक्षित रखना है। पाश्चात्य प्रभाव से बचते हुए हमें अपनी परंपराओं को संभालकर रखना होगा।"
कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें उनके संघर्षों की गाथाएं प्रस्तुत की गईं। छात्रावास के विद्यार्थियों ने कंप्यूटर, जिम और कौशल विकास प्रशिक्षण शाला की मांग की, जिस पर मंत्री कश्यप ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जनजातीय समुदाय के प्रतिभावान बच्चों को पुष्पगुच्छ और शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। मंत्री ने कहा कि यह सम्मान उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पाली-तानाखार विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि बिंद्रा नवागढ़ विधायक जनकराम ध्रुव मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ. सी.एस. उईके, ब्रजेन्द्र शुक्ला, वेद सिंह मरकाम, सुभाष सिंह परते, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग सी.एल. जायसवाल, वार्ड पार्षद विजय यादव, पूर्व महापौर किशोर राय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और उनके परिजन उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 20 दिसंबर। करतला वन परिक्षेत्र में घायल लोनर हाथी के मिलने से वन विभाग अलर्ट हो गया है। हाथी के पैर में गंभीर चोट के चलते वह झुंड से अलग होकर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहा था। स्थिति को देखते हुए गुरुवार को विशेषज्ञ वन्य प्राणी चिकित्सा अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम कोरबा पहुंची और हाथी का इलाज शुरू किया।
डीएफओ अरविंद पीएम ने जानकारी दी कि करतला रेंज के सुईआरा जंगल में घायल हाथी का पता चला, जिसे टैम्युलाइज कर उपचार दिया गया। विशेषज्ञों ने हाथी की स्थिति का परीक्षण कर उसे आवश्यक दवाएं दीं और उसकी निगरानी के लिए एक विशेष टीम गठित की।
एक सप्ताह पहले करतला के पास पीड़िया क्षेत्र में हाथी के पैर में चोट लगने की सूचना मिली थी। माना जा रहा है कि खेल-खेल में झुंड के अन्य हाथियों के साथ टकराव में हाथी घायल हुआ। चोट के कारण वह झुंड के साथ चल-फिर नहीं पा रहा था और जंगल से निकलकर गांवों के पास मंडरा रहा था। बुधवार को हाथी करतला गांव के समीप पहुंच गया, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
गुरुवार को रायपुर, बिलासपुर और तमोर पिंगला से पहुंचे वन्य प्राणी चिकित्सा अधिकारियों ने हाथी का उपचार शुरू किया। डीएफओ अरविंद पीएम के साथ एसडीओ दक्षिण सूर्यकांत सोनी, एसडीओ उत्तर आशीष खेलवार और रेंजर राजेश चौहान भी मौजूद रहे। विशेषज्ञों ने हाथी को टैम्युलाइज कर पैर का परीक्षण किया और दवा दी। उपचार के बाद वन विभाग ने उसकी निगरानी के लिए करतला रेंज की विशेष टीम गठित की है।
वन विभाग का कहना है कि हाथी की स्थिति में सुधार हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही वह स्वस्थ होकर अपने झुंड में वापस लौट जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारी, स्वच्छता दीदियां, कमांडोज, और प्लेसमेंट कर्मचारी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त कर गुरुवार से काम पर लौट आए। यह निर्णय उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव से मुलाकात के बाद लिया गया।
18 दिसंबर को रायपुर स्थित मंत्री अरुण साव के शासकीय निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ और छत्तीसगढ़ स्वच्छता दीदी, महिला-पुरुष महासंघ के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। उन्होंने अपनी मांगों को रखते हुए मंत्री से सहानुभूतिपूर्ण विचार करने का अनुरोध किया।
साव ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांगों पर संवेदनशील है और विभाग इन पर गंभीरता से विचार करेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता है कि आपकी समस्याओं का समाधान उचित तरीके से हो।’ साव ने कहा कि सरकार कर्मचारियों और स्वच्छता कर्मियों के हितों के प्रति सजग और गंभीर है। उन्होंने हड़ताल को सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने वाला कदम बताते हुए कहा, ‘समस्याओं को रखने के लिए हड़ताल या आंदोलन ही एकमात्र माध्यम नहीं है। संवाद और अन्य विकल्पों के जरिए भी समाधान निकाला जा सकता है।’
मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी, प्रवक्ता विकास मिश्रा, कोषाध्यक्ष संदीप चंद्राकर और संरक्षक संजय शर्मा उपस्थित थे। वहीं, छत्तीसगढ़ स्वच्छता दीदी, महिला-पुरुष महासंघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष पवन नायक, उपाध्यक्ष निर्मला मैथ्यू और सचिव सुनीता देवांगन ने अपनी बात रखी।
संघ के नेताओं द्वारा तत्काल हड़ताल समाप्ति की घोषणा के बाद सभी कर्मचारी और स्वच्छता कर्मी अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में लौट आए हैं। इससे नगरीय निकायों में बाधित सेवाएं बहाल हो गई हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। नगर निगम चुनावों के लिए बिलासपुर के 70 वार्डों में आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस बार कुल 23 वार्ड केवल महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें 11 वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग, 4 अनुसूचित जाति महिला, 4 अनुसूचित जनजाति, 1 अनुसूचित जनजाति महिला, और 18 अन्य पिछड़ा वर्ग शामिल हैं।
इस प्रक्रिया के तहत 12 वार्ड ऐसे हैं, जो अनारक्षित महिलाओं के लिए सुरक्षित किए गए हैं। नगर निगम चुनावों में पिछली बार की तुलना में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को अधिक वार्ड मिले हैं। वर्ष 2019 में जहां अनुसूचित जाति वर्ग को केवल 7 वार्ड मिले थे, वहीं इस बार यह संख्या 11 तक पहुंच गई है।
आरक्षण प्रक्रिया में 23 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें 12 वार्ड अनारक्षित महिलाओं के लिए हैं। इस बार अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए केवल एक वार्ड आरक्षित है।
इस बार ओबीसी को पिछली बार के 11 के मुकाबले कुल 18 वार्ड आरक्षित किए गए हैं। इसमें 6 वार्ड ओबीसी महिलाओं के लिए हैं। इसके अलावा, वार्ड 67 जैसे क्षेत्रीय विवाद भी सामने आए, जहां आबादी को लेकर असहमति थी।
नगर निगम के 37 वार्डों को अनारक्षित रखा गया है, जहां कोई भी चुनाव लड़ सकता है। इनमें वार्ड 9, 10, 19, 24, 29, 33, 35, 36, 39, 40, 41, 53, 60, 61, 64, 66 आदि शामिल हैं।
आरक्षण प्रक्रिया के दौरान कलेक्ट्रेट में जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी वर्गों के लिए संतुलित आरक्षण व्यवस्था करने की कोशिश की गई है।