बिलासपुर

भारतमाला घोटालाः पटवारी के सुसाइड नोट में जिनका नाम, उन पर जांच होगी
01-Jul-2025 2:59 PM
 भारतमाला घोटालाः पटवारी के सुसाइड नोट में जिनका नाम, उन पर जांच होगी

संघ ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन, मिला निष्पक्ष जांच का आश्वासन

'छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 1 जुलाई । भारतमाला परियोजना के मुआवजा घोटाले में निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा की आत्महत्या के बाद पटवारी संघ ने बिलासपुर एसपी से मुलाकात कर मामले की निष्पक्ष जांच और असली दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसपी रजनेश सिंह ने भरोसा दिलाया कि सभी पहलुओं की बारीकी से जांच होगी।

27 जून को सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव में सुरेश मिश्रा ने अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कमरा अंदर से बंद था और सुरेश का शव पंखे से लटका मिला। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं दोषी नहीं हूं, मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है। सुरेश मिश्रा तखतपुर तहसील के भाड़म पंचायत में पटवारी थे। उन्हें 25 जून को निलंबित किया गया था। उसी दिन तोरवा थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई, जिसमें तत्कालीन तहसीलदार डीएस उइके व सुरेश का भी नाम शामिल था।

 

ये मामला बिल्हा तहसील के ढेका गांव का है। यहां भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण में भारी फर्जीवाड़ा हुआ। जांच में सामने आया कि 150 प्लॉट्स को बांटकर 76 फर्जी किसानों के नाम दर्ज किए गए, जिससे मुआवजा 15 करोड़ रुपये तक बढ़ गया। सारे बंटवारे एक ही दिन ऑनलाइन चढ़ाए गए।

एफआईआर दर्ज होने के बाद सुरेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी जांच शुरू नहीं हुई है। पटवारी संघ का कहना है कि सुरेश पर पूरा दोष डाल दिया गया, जबकि साजिश में कई और अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल थे, जिनके नाम खुद सुसाइड नोट में लिखे हैं।

एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम हैं, उन पर भी जांच होगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई तय है।


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