सिडनी, 30 जनवरी । गुरुवार को प्रकाशित एक ऑस्ट्रेलियाई शोध में पाया गया कि पिछले तीन दशकों में पौधों और जानवरों की आनुवंशिक विविधता (जेनेटिक डाइवर्सिटी) में गिरावट आई है। यह अध्ययन सिडनी विश्वविद्यालय द्वारा किया गया और सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, इसमें 1985 से 2019 के बीच 628 जीवों, पौधों और फंगस की आनुवंशिक विविधता का विश्लेषण किया गया। इस शोध में चीन, ब्रिटेन, ग्रीस, स्पेन, स्वीडन और पोलैंड के वैज्ञानिक भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि दो-तिहाई प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता कम हो रही है। आनुवंशिक विविधता पर्यावरण में बदलाव के अनुसार जीवों के अनुकूलन के लिए बहुत ज़रूरी होती है।
यदि विविधता बनी रहे तो जीव बदलते हालात में आसानी से खुद को ढाल सकते हैं। कैथरीन ग्रुएबर, सिडनी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लाइफ एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज से शोध की प्रमुख लेखिका का कहना है कि संरक्षण के प्रयासों से कुछ हद तक आनुवंशिक विविधता को बनाए रखा गया है और कुछ मामलों में इसमें बढ़ोतरी भी हुई है। इसलिए उम्मीदों के कारण भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया में जैव विविधता तेजी से घट रही है, लेकिन कुछ उम्मीदें भी बाकी हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रयास इन नुकसानों को रोक रहे हैं और जैव विविधता को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।" शोध में पाया गया कि पक्षियों और स्तनधारियों में आनुवंशिक विविधता का नुकसान सबसे अधिक हुआ है।
इसके मुख्य कारण भूमि उपयोग में बदलाव, बीमारियां, प्राकृतिक आपदाएं (जैसे जंगल की आग, बाढ़, नदियों में बदलाव और जलवायु परिवर्तन) और मानवीय गतिविधियां जैसे अंधाधुंध शिकार और आवास नष्ट करना हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, आनुवंशिक विविधता को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे: कीट या जंगली प्रजातियों को नियंत्रित करना, कुछ जीवों की संख्या सीमित करना ताकि बाकी जीवों के लिए बेहतर परिस्थितियां बनाई जा सके और नई प्रजातियों को शामिल करना ताकि प्रजनन में विविधता बनी रहे। इस अध्ययन के लेखक उम्मीद करते हैं कि उनकी खोज से जैव विविधता को बचाने के प्रयास और तेज किए जाएंगे। -(आईएएनएस)
ताइपे, 30 जनवरी ताइवान में बृहस्पतिवार सुबह 5.6 तीव्रता का भूकंप आया और इसके बाद भूकंप के कम से कम 12 अन्य मामूली झटके महसूस किए गए।
केंद्रीय मौसम एजेंसी और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, ताइवान में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए लेकिन सबसे जोरदार 5.6 तीव्रता का भूकंप पूर्वाह्न 10 बजकर 11 मिनट पर चियाई काउंटी के दापू कस्बे में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।
इस भूकंप का केंद्र राजधानी ताइपे से लगभग 250 किलोमीटर (155 मील) दक्षिण में था। इस भूकंप के कारण ताइपे में इमारतें हिल गईं।
इसके कुछ ही देर बाद दापू में भूकंप के कम से कम 12 मामूली झटके आए। इस दौरान जान-माल का नुकसान होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं मिली है।
ये 21 जनवरी को दापू में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के बाद के झटके थे। दापू में 21 जनवरी को आए भूकंप में 15 लोगों को मामूली चोटें आईं थीं और इमारतों एवं एक राजमार्ग पुल को नुकसान पहुंचा था।
पिछले साल अप्रैल में द्वीप के पर्वतीय क्षेत्र वाले पूर्वी तट हुआलियन में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके कारण कम से कम 13 लोग मारे गए थे और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। (एपी)
आप्रवासन नीति में बदलाव के लिए लाया गया प्रस्ताव जर्मनी की संसद में पारित हो गया है. इसमें शरणार्थियों के जर्मन सीमा पार करने पर रोक लगाने की मांग की गई है.
जर्मनी की संसद ने एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सरकार से आप्रवासन सीमित करने और खासतौर पर शरणार्थियों को सीमा पर रोकने की अपील की गई है. यह प्रस्ताव 348 मतों के समर्थन और 345 मतों के विरोध के साथ पारित हुआ, जबकि 10 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
इस प्रस्ताव को क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के विपक्षी नेता फ्रीडरिष मैर्त्स ने पेश किया था. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किन सांसदों ने इसका समर्थन किया, लेकिन सोशल डेमोक्रेट्स और ग्रीन्स पहले ही इसके खिलाफ थे. ऐसे में संभावना है कि इसे धुर-दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड (एएफडी) या दूसरे छोटे दलों का समर्थन मिला हो. प्रस्ताव जर्मनी के आम चुनाव से ठीक चार हफ्ते पहले लाया गया.
आप्रवासन नीति में बदलाव के प्रस्ताव में क्या है
आप्रवासन देश में 23 फरवरी को होने जा रहे मध्यावधि चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है. चुनाव प्रचार में इसकी गूंज आए दिन सुनाई दे रही है. खासतौर से हाल ही में हुए चाकू हमलों में आप्रवासियों के संदिग्ध रूप से शामिल होने से इस मुद्दे को और हवा मिल गई है.
रुढ़िवादी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता फ्रीडरीष मैर्त्स ने आप्रवासन नीति में बदलाव के लिए दबाव बनाया है. पिछले हफ्ते अशाफेनबुर्ग में एक अफगान संदिग्ध ने चाकू मार कर दो लोगों की हत्या कर दी थी. इस शख्स के जर्मनी में रहने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था. इस घटना के बाद जर्मनी में आप्रवासियों को लेकर चल रही बहस और तेज हो गई.
मैर्त्स के प्रस्तावों में जर्मनी की सीमा पर शरण मांगने के लिए आने वालों को वापस लौटाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही दोहरी नागरिकता वाले लोग अगर किसी गंभीर अपराध में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी जर्मन नागरिकता वापस लेने की भी बात है.
मैर्त्स का प्रस्ताव तो वैसे ही विवादित है लेकिन यह मामला ज्यादा गर्म इसलिए हो गया है क्योंकि उन्होंने इसे पास कराने के लिए एएफडी का समर्थन लेने के लिए भी तैयार होने की बात कही है. धुरदक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर डायचलैंड (एएफडी) आप्रवासियों और विदेशियों का विरोध करती है. मैर्त्स ने कहा कि अगर प्रस्ताव को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला तो वो एएफडी के समर्थन से भी परहेज नहीं करेंगे.
"इस गलती की माफी नहीं"
वोटिंग से पहले चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने संसद में सरकार का पक्ष रखा. शॉल्त्स ने कहा कि एएफडी का समर्थन लेना, "गंभीर गलती है, ऐसी गलती है जिसकी माफी नहीं." शॉल्त्स का कहना था, "75 साल से ज्यादा पहले फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी की स्थापना के समय से ही संसद के सभी लोकतांत्रिक दलों में यह स्पष्ट सहमति रही है कि हम धुर दक्षिणपंथ के साथ नहीं जाएंगे."
इसके साथ ही शॉल्त्स ने यह भी कहा कि शरण देने की नीति को बचाया जाना चाहिए. शॉल्त्स ने कहा, "शरण का अधिकार हमारे कानूनी तंत्र और हमारे सिद्धांतों का अभिन्न हिस्सा है. हमें इसे बिल्कुल नहीं डिगाना चाहिए."
शॉल्त्स ने यह भी कहा कि जर्मनी के नाजी अतीत को देखते हुए शरण देने का अधिकार ऐतिहासिक जिम्मेदारी थी. उनका कहना है, "उस वक्त जर्मन और यूरोपीय यहूदियों को विदेशी सीमाओं से लौटा दिया गया था. जर्मनी को ऐसा फिर कभी नहीं होने देना चाहिए."
शॉल्त्स ने इस प्रस्ताव को संसद के पटल पर रखने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी फ्रीडरिष मैर्त्स की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि जर्मनी की सीमा पर सभी शरणार्थियों को लौटाना और गंभीर अपराध के दोषियों की नागरिकता वापस लेना सतही समाधान हैं जो कानून के शासन और यूरोपीय संघ की बुनियाद को हिला देंगे. शॉल्त्स ने दलील दी, "किसी जर्मन चांसलर ने ऐसा कुछ कभी नहीं किया. जर्मनी के चांसलर को जुआरी नहीं होना चाहिए."
"गलत लोगों के समर्थन से मुद्दा गलत नहीं होता"
शॉल्त्स ने यह आशंका भी जताई है कि चुनाव के बाद सीडीयू, धुर दक्षिणपंथी एएफडी के साथ गठजोड़ कर सकती है. हालांकि मैर्त्स बार-बार ऐसी संभावना से इनकार कर रहे हैं. आप्रवासन नीति में बदलाव के लिए लाए गए इस प्रस्ताव पर संसद में एएफडी का समर्थन लेने पर उनका कहना है, "जो सही मुद्दा है वह इस बात से गलत नहीं हो जाता कि कुछ गलत लोग उससे सहमत हैं."
चुनाव के बाद अगला जर्मन चांसलर बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे मैर्त्स ने अपने प्रस्ताव का बचाव किया है. उनका कहना है कि लोकतंत्र खतरे में है, अगर एक राजनीतिक तौर पर अल्पसंख्यक पार्टी, "कट्टरपंथियों का इस्तेमाल एक औजार के तौर पर बहुसंख्यक आबादी की इच्छा की अनदेखी करने में करती है."
मैर्त्स पर मुख्य रूप से एएफडी का समर्थन लेने पर सहमति देने के लिए हर तरफ से हमले हो रहे हैं. कई धार्मिक संस्थाओं ने भी उनकी तीखी आलोचना की है जिनमें जर्मनी के चर्च संगठन भी शामिल हैं. संसद में मैर्त्स ने एक बार फिर दोहराया कि वह एएफडी के साथ गठबंधन नहीं बना रहे हैं.
मैर्त्स ने इस दलील को भी खारिज किया कि यह प्रस्ताव यूरोपीय संघ के कानून के खिलाफ है. उनका कहना है कि शरण का अधिकार यूरोपीय संघ के उस देश पर लागू होना चाहिए जहां आप्रवासी सबसे पहले पहुंचते हैं.
एनआर/वीके (डीपीए)
अर्लिंग्टन (अमेरिका), 30 जनवरी। वाशिंगटन के निकट रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय बुधवार को एक यात्री विमान सेना के एक हेलीकॉप्टर से टकरा गया, जिसके बाद निकटवर्ती पोटोमैक नदी में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया।
विमानन कंपनी ‘अमेरिकन एयरलाइंस’ के अनुसार विमान में 60 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे।
हादसे में लोगों के हताहत होने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन हवाई अड्डे पर विमान परिचालन रोक दिया गया है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के हेलीकॉप्टर जीवित लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए घटनास्थल के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। हवाई अड्डे के ठीक उत्तर में जॉर्ज वॉशिंगटन पार्कवे के पास स्थित एक स्थान से बचाव नौकाओं को पोटोमैक नदी में उतारा गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई ‘‘भयावह दुर्घटना’’ के बारे में जानकारी दी गई है।
इस बीच, अमेरिकी गृह मंत्री ने कहा कि दुर्घटना के बाद राहत एवं बचाव कार्य के लिए तटरक्षक बल सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है।
संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने बताया कि यह टक्कर पूर्वी मानक समयानुसार रात लगभग नौ बजे हुई, जब कंसास के विचिटा से उड़ान भरने वाला एक क्षेत्रीय विमान हवाई अड्डे के रनवे पर पहुंचते समय एक सैन्य ‘ब्लैकहॉक’ हेलीकॉप्टर से टकरा गया।
दुर्घटना के समय हवाई यातायात नियंत्रण टावर से प्राप्त ऑडियो में एक नियंत्रक को यात्री विमान के संदर्भ में हेलीकॉप्टर के पायलट से पूछते हुए सुना गया, ‘‘पीएटी25 क्या आपके पास सीआरजे दिख रहा है।’’
विमानन कंपनी ‘अमेरिकन एयरलाइंस’ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उसे इन खबरों की जानकारी है कि उसका एक विमान इस दुर्घटना में शामिल है। आपातकालीन कर्मचारी विमान दुर्घटना के बाद राहत एवं बचाव कार्य कर रहे हैं।
यह घटना 13 जनवरी, 1982 को ‘एयर फ्लोरिडा’ के विमान की दुर्घटना की याद दिलाती है जो पोटोमैक में गिर गया था। उस हादसे में 78 लोग मारे गए थे। उस दुर्घटना का कारण खराब मौसम बताया गया था। (एपी)
वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकन एयरलाइंस का एक विमान हवा में ही एक हेलीकॉप्टर से टकरा गया. यह जानकारी फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने दी.
इस हादसे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मुझे रीगन नेशनल एयरपोर्ट पर हुई भयानक दुर्घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.”
उन्होंने कहा, “भगवान उनकी (मरने वालों की) आत्मा को शांति दे. बचावकार्य में पहली प्रतिक्रिया देने वाले कर्मियों को धन्यवाद. मैं स्थिति पर नज़र बनाए हुए हूं. जैसे ही अन्य सूचना मिलेगी, मैं आपको दूंगा.”
इससे पहले, अमेरिकन एयरलाइंस ने इस बात की पुष्टि की कि विमान में 60 यात्री और 4 क्रू सदस्य सवार थे.
एयरलाइंस ने कहा, '' हम उन सभी के लिए चिंतित हैं. हम अथॉरिटिज़ के साथ सतत संपर्क में हैं. इमरजेंसी में उठाए जाने वाले सभी कदम उठा रहे हैं.'' (bbc.com/hindi)
वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकन एयरलाइंस का एक विमान हवा में ही एक हेलीकॉप्टर से टकरा गया. यह जानकारी फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने दी.
इस मामले की जांच की जा रही है. यह दुर्घटना स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे रीगन वॉशिंगटन नेशनल एयरपोर्ट के पास पोटोमैक नदी में हुई.
रीगन एयरपोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि फिलहाल सभी उड़ानों को रोक दिया गया है.
वॉशिंगटन डीसी का आपातकालीन बचावदल रीगन नेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गया है. वहां कई एंबुलेंस और आग बुझाने वाले ट्रकों को देखा जा सकता है.
डीसी फायर एंड ईएमएस विभाग के अनुसार, यह विमान पोटोमैक नदी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जो डीसी से होकर गुजरती है. विभाग ने एक्स पर लिखा कि फायरबोट नदी की तलाशी ले रहे हैं.
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने बयान में कहा, "एक पीएसए एयरलाइंस बॉम्बार्डियर सीआरजे700 रीजनल जेट रीगन वॉशिंगटन नेशनल एयरपोर्ट पर रनवे 33 के पास जाते समय सिकोरस्की एच-60 हेलीकॉप्टर से टकरा गया."
"यह दुर्घटना स्थानीय समयानुसार करीब नौ बजे हुई."
"पीएसए एयरलाइंस बॉम्बार्डियर सीआरजे700 क्षेत्रीय जेट स्थानीय समयानुसार लगभग 21:00 बजे (02:00 जीएमटी) रीगन वाशिंगटन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे 33 के पास जाते समय हवा में सिकोरस्की एच-60 हेलीकॉप्टर से टकरा गया"
"पीएसए अमेरिकन एयरलाइंस के लिए फ्लाइट 5342 के रूप में काम कर रहा था. यह विचिटा, कंसास से रवाना हुआ था."
"एफएए और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ़्टी बोर्ड इस मामले में की जांच करेंगे. एनटीएसबी इस जांच का नेतृत्व करेगा."
"जैसे ही जानकारी आएगी, हम अपडेट देंगे." (bbc.com/hindi)
जुबा, 29 जनवरी। दक्षिण सूडान के सुदूर इलाके में बुधवार को एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह दुर्घटना तेल समृद्ध यूनिटी राज्य में हुई। राज्य के सूचना मंत्री गैटवेच बिपाल ने बताया कि चीनी तेल कंपनी ग्रेटर पायनियर ऑपरेटिंग कंपनी द्वारा किराये पर लिए गए इस विमान में दो पायलट सहित 21 लोग सवार थे।
उन्होंने बताया कि एक तेल क्षेत्र के निकट से दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरते समय विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना का कारण क्या था और अधिकारियों ने अभी तक पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि विमान में तेल कर्मचारी सवार थे। (एपी)
बीजिंग, 29 जनवरी । चीन के पहले अल्ट्रा-डीपवाटर गैस क्षेत्र 'डीप सी नंबर 1' ने 10 अरब क्यूबिक मीटर से अधिक प्राकृतिक गैस और 10 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक कंडेन्सेट तेल का उत्पादन किया है, जिसमें प्राकृतिक गैस का उत्पादन 3 अरब क्यूबिक मीटर से ऊपर बना हुआ है। वर्ष 2024 में यहां पर प्राकृतिक गैस का उत्पादन 3 अरब 20 करोड़ क्यूबिक मीटर से अधिक रहा। हाल के वर्षों में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, पीक डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास के साथ, चीन का अपतटीय तेल व गैस अन्वेषण और विकास क्षेत्र सक्रिय रूप से डिजिटल परिवर्तन की खोज कर रहा है। चीन के पहले अल्ट्रा-डीपवाटर इंटेलिजेंट गैस क्षेत्र के रूप में, 'डीप सी नंबर 1' का निर्माण यह दर्शाता है कि चीन की समुद्री तेल और गैस विकास तकनीक ने दुनिया के उन्नत देशों की श्रेणी में प्रवेश किया है।(आईएएनएस)
बामियान, 29 जनवरी । अफगानिस्तान के बामियान प्रांत में काउंटर-नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने 10.5 टन अवैध ड्रग्स नष्ट की। प्रांतीय पुलिस कार्यालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया कि अफीम, हशीश, हेरोइन बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों और अन्य जहरीली वस्तुओं सहित प्रतिबंधित सामान को मंगलवार को सार्वजनिक रूप से जला दिया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बामियान पुलिस ने प्रांत में अफीम की खेती, ड्रग्स की प्रोसेसिंग और तस्करी पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले 14 जनवरी को पुलिस ने पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में 43 किलोग्राम अवैध ड्रग्स बरामद किया था।
प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता ताहिर एहरार के अनुसार, ड्रग तस्करी में शामिल होने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। प्रांतीय राजधानी खोस्त शहर के बाहर 43 किलोग्राम हशीश और एके-47 सहित प्रतिबंधित सामान बरामद किया गया था। एहरार ने बताया, पुलिस ने स्पष्ट किया कि वे प्रांत में किसी को भी हशीश, पोस्त या हेरोइन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं का उत्पादन या तस्करी करने की अनुमति नहीं देंगे। आंतरिक मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में खुलासा किया था कि काउंटर-नारकोटिक्स पुलिस ने मेथमफेटामाइन सहित 64 किलोग्राम अवैध ड्रग्स का भी पर्दाफाश किया था। साथ ही अफगानिस्तान के दो प्रांतों में 17 संदिग्ध ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसमें कहा गया है कि पुलिस के नियमित अभियान में पूर्वी नंगरहार और उत्तरी कुंदुज प्रांतों के बाहरी इलाकों में 43 किलोग्राम मेथमफेटामाइन और 21 किलोग्राम हशीश सहित प्रतिबंधित सामान जब्त किया गया।
एक बयान में उल्लेख किया गया कि नंगरहार में ड्रग तस्करी और खरीद के आरोप में 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, कुंदुज में ड्रग तस्करी के सिलसिले में सात अन्य को गिरफ्तार किया गया। अफगानिस्तान की काउंटर-नारकोटिक्स पुलिस ने 30 दिसंबर को अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से सात में ड्रग्स की तस्करी के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग कथित तौर पर लघमन, बामयान, कपिसा, परवान, कुंदुज, हेरात और फराह प्रांतों के बाहरी इलाकों में प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री, खरीद और तस्करी में शामिल थे। -- (आईएएनएस)
जेद्दा, 29 जनवरी । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को सऊदी अरब में सड़क दुर्घटना में नौ भारतीय नागरिकों की दुखद मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "इस दुर्घटना और जानमाल के नुकसान के बारे में जानकर दुख हुआ। जेद्दा में हमारे महावाणिज्यदूत से बात की, जो संबंधित परिवारों के संपर्क में हैं। वह इस दुखद स्थिति में उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं।" इससे पहले, जेद्दा में भारत के महावाणिज्यदूतावास ने जानकारी दी कि यह दुर्घटना सऊदी अरब के पश्चिमी क्षेत्र में जीजान के पास हुई। महावाणिज्यदूतावास मक्का, मदीना, यानबू, ताइफ, तबुक, कुनफुदा, अलबहा, आभा, जीजान और नजरान शहरों को भी कवर करता है।
महावाणिज्यदूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा गया, "हमारी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। जेद्दा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास पूरी सहायता प्रदान कर रहा है और अधिकारियों तथा परिवारों के संपर्क में है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। आगे की पूछताछ के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित की गई है।" साथ ही संबंधित परिवारों की मदद के लिए विशेष रूप से स्थापित चार हेल्पलाइन नंबरों का विवरण दिया गया है। -(आईएएनएस)
कोलंबो, 29 जनवरी श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बड़े बेटे पर भारतीय निवेश से कथित हेराफेरी के लिए यहां उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला वर्ष 2015 से पहले का है।
नमल राजपक्षे (38) को जून 2016 में रग्बी खेल को विकसित करने के लिए कृष होटल परियोजना के पैसे से सात करोड़ श्रीलंकाई रुपयों के कथित दुरुपयोग के लिए गिरफ्तार किया गया था। नमल राजपक्षे श्रीलंका के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं।
कोलंबो वाणिज्यिक जिले के मध्य में स्थित कृष होटल परियोजना को निरस्त कर दिया गया तथा अधूरा निर्माण कार्य अब भी जारी है। हाल ही में एक अन्य अदालत में राहगीरों के लिए खतरे के कारण इसकी असुरक्षित स्थिति पर सवाल उठाया गया था।
अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार द्वारा 2016 से रुके हुए कृष मामले की दोबारा जांच करने के बाद हाल ही में पुलिस ने नमल राजपक्षे से पूछताछ की थी।
एक सप्ताह बाद, नमल के छोटे भाई योशिता को भी इसी तरह के संदिग्ध संपत्ति मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया। उन्हें सोमवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
नमल राजपक्षे को अपने खिलाफ लगाए गए अभियोग के बारे में पता चलने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ राजनीतिक अभियान शुरू किया है।’’
महिंदा राजपक्षे को हाल के हफ्तों में सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा है क्योंकि उन्होंने अपना आधिकारिक आवास खाली नहीं किया है। सरकार ने महिंदा राजपक्षे पर करदाताओं के खर्च पर लाभ उठाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा में भारी कटौती करने संबंधी सरकार की कार्रवाई को रद्द करने के लिए पहले ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। (भाषा)
दमिश्क, 29 जनवरी सीरिया में मंगलवार को नागरिक सुरक्षा कार्यकर्ताओं ने दमिश्क के ग्रामीण क्षेत्र में दो अलग-अलग तहखानों से 26 से अधिक लोगों के जले हुए शव बरामद किए। ये शव पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के कथित अत्याचारों के पीड़ित लोगों के माने जा रहे हैं।
इन सामूहिक कब्रों का पता चलना दिसंबर में असद सरकार के पतन के बाद से उजागर हो रही सामूहिक कब्रों की बढ़ती संख्या में इजाफा है। ऐसा माना जा रहा है कि शवों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, तथा उन पर गोली लगने और जलने के निशान हैं।
सीरिया के स्वयंसेवी नागरिक सुरक्षा समूह व्हाइट हेलमेट्स के सदस्य ने सबनेह कस्बे में दो संपत्तियों के तहखानों से इन टूटे-फूटे, जले हुए कंकालों को बाहर निकाला। सुरक्षा सूट पहने इन कार्यकर्ताओं ने हर शव को चिह्नित किया और कोडिंग के बाद शवों को बैग में डालकर, ट्रकों के माध्यम से फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।
व्हाइट हेलमेट्स के बचावकर्मी अबेद अल-रहमान मव्वास ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि 28 नवंबर के बाद से संगठन ने 780 से अधिक शवों का पता लगाया है। इनमें से ज्यादातर की पहचान अज्ञात है। कुछ शव उथली कब्रों में थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने या जानवरों ने खोदकर उजागर किया। शवों को फॉरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजा गया है ताकि उनकी पहचान, मृत्यु का समय और कारण निर्धारित किया जा सके और शवों को उनके परिवारों को सौंपा जा सके।
स्थानीय निवासी मोहम्मद अल-हेराफे ने बताया कि 2016 में जब वह अपने परिवार के साथ वापस आए, तब घर में सड़ते शवों की दुर्गंध भरी हुई थी। उन्हें तहखाने में शव मिले, लेकिन उन्होंने सरकार से डरकर इसकी सूचना नहीं दी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि यह सरकार का ही किया हुआ था, इसलिए कुछ नहीं कह सके। ’’
असद सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि उसने हवाई हमले, यातनाएं, फांसी और सामूहिक गिरफ्तारियां कर अपने शासन को बनाए रखा और विरोधियों का बलपूर्वक दमन किया।
एक अन्य तहखाने से शव निकालने वाले अम्मार अल-सलमो ने कहा कि शवों की पहचान के लिए विस्तृत जांच की जरुरत होगी।
स्थानीय निवासी मोहम्मद शिबत ने बताया कि उन्होंने 2012 में अपना इलाका छोड़ा और 2020 में लौटे, तब उन्हें तथा उनके पड़ोसियों ने शवों की जानकारी दी, लेकिन किसी ने कार्रवाई नहीं की।
संयुक्त राष्ट्र सीरिया जांच आयोग की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि सामूहिक कब्रों के फॉरेंसिक विश्लेषण से लापता लोगों की सच्चाई सामने आ सकती है।
रिपोर्ट में 2000 से अधिक गवाहों और 550 से अधिक यातना पीड़ितों की गवाही के आधार पर बताया गया कि कैसे असद शासन के दौरान जेलों में कैदियों को बिजली के झटके, जलाने, नाखून उखाड़ने, बलात्कार, यौन हिंसा, मानसिक और शारीरिक यातनाओं से मारा जाता था।
असद सरकार के आठ दिसंबर को पतन के बाद, सैकड़ों परिवार अपने प्रियजनों को ढूंढने के लिए जेलों और मुर्दाघरों में भटक रहे हैं। हालांकि, कई लोग वर्षों बाद रिहा हुए, लेकिन हजारों अब भी लापता हैं। (एपी)
सियोल, 29 जनवरी। दक्षिण कोरिया के एक हवाई अड्डे पर मंगलवार देर रात उड़ान भरने से पहले एक यात्री विमान में आग लग गई। विमान में सवार सभी 176 लोग सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विमान गिम्हे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हांगकांग के लिए उड़ान भरने की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान एयर बुसान के एयरबस विमान में आग लग गई।
मंत्रालय के अनुसार, विमान में सवार 169 यात्री, चालक दल के छह सदस्य और एक इंजीनियर को आपातकालीन फिसलपट्टी (इस्केप स्लाइड) की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया।
अग्निशमन एजेंसी ने कहा कि घटनास्थल पर अग्निशमन और दमकल गाड़ियों को तैनात करने के लगभग एक घंटे बाद रात 11:31 बजे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। परिवहन मंत्रालय के अनुसार, विमान ए321 मॉडल का था।
एक महीने पहले ही जेजू एयर की एक यात्री उड़ान मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 181 लोगों में से, सिर्फ दो को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी। यह घटना दक्षिण कोरिया के इतिहास की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक थी।
29 दिसंबर को घटित इस दुर्घटना में बोइंग 737-800 विमान हवाई अड्डे के रनवे से फिसलकर एक कंक्रीट संरचना से टकरा गया और उसमें आग लग गयी थी। यह उड़ान बैंकॉक से लौट रही थी। दुर्घटना में मारे गए लोग दक्षिण कोरियाई नागरिक थे, केवल दो यात्री थाईलैंड के थे।
इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई, जिसमें विमान के इंजन में पक्षियों के टकराने (बर्ड स्ट्राइक) के निशान मिलने की पुष्टि हुई है। हालांकि, दुर्घटना के सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। (एपी)
वादी गाजा, 29 जनवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अगले सप्ताह ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) आने का निमंत्रण दिया है। नेतन्याहू और ‘व्हाइट हाउस’ ने यह जानकारी दी।
नेतन्याहू ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में उनसे मिलने अमेरिका आने वाले पहले विदेशी नेता होंगे।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब अमेरिका इजराइल और हमास पर युद्ध विराम जारी रखने के लिए दबाव बना रहा है। इस युद्ध विराम ने गाजा में 15 महीने से जारी विनाशकारी युद्ध को अस्थायी रूप से रोक दिया है। युद्ध विराम के अधिक कठिन दूसरे चरण के बारे में बातचीत अगले सोमवार से शुरू होगी। दूसरे चरण की बातचीत का उद्देश्य युद्ध को समाप्त करना है।
नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी ‘व्हाइट हाउस’ के पत्र में कहा गया है, ‘‘मैं इस बात पर चर्चा करने का इच्छुक हूं कि हम इजराइल और उसके पड़ोसियों के बीच कैसे शांति ला सकते हैं और अपने साझा विरोधियों का मुकाबला करने के लिए कैसे प्रयास कर सकते हैं।’’
यह बैठक चार फरवरी को होगी। (एपी)
वाशिंगटन, 29 जनवरी। अमेरिका में 19 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिंग परिवर्तन किए जाने पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि वह किसी बच्चे के एक लिंग से दूसरे लिंग में तथाकथित ‘परिवर्तन’ को वित्तपोषित, प्रायोजित, बढ़ावा, सहायता या समर्थन नहीं देगा और वह इन विनाशकारी तथा जीवन बदलने वाली प्रक्रियाओं को प्रतिबंधित या सीमित करने वाले सभी कानूनों को सख्ती से लागू करेगा।’’
ट्रांसजेंडर के लिए बाइडन प्रशासन की निर्धारित नीतियों को पलटने के मकसद से ट्रंप द्वारा किया गया ये नया प्रयास है। ट्रंप ने सोमवार को पेंटागन को एक समीक्षा करने का निर्देश दिया, जिससे ट्रांसजेंडर को सैन्य सेवा से प्रतिबंधित किया जा सकता है। (एपी)
गाजा सिटी, 28 जनवरी । इजरायल की ओर से इजाजत मिलने के बाद लाखों लोग उत्तरी गाजा में लौट चुके हैं। हालांकि लोगों को घर लौटने पर 'विनाश के अलावा कुछ नहीं' मिल रहा है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तीन लाख से अधिक जबरन विस्थापित फिलिस्तीनियों ने15 महीने की जंग के बाद, उत्तरी गाजा में प्रवेश कर लिया है। हालांकि उनके घर में खंडहरों तब्दील हो गए हैं। गाजा में इजरायली हमलों ने गाजा के लगभग पूरे 2.3 मिलियन लोगों को विस्थापित कर दिया। कई लोगों को बार-बार, [कुछ को तो 10 से भी अधिक बार], विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इससे पहले इजरायल ने हजारों विस्थापित फिलिस्तीनियों को अपने घर लौटने से रोक दिया था।
शनिवार रात से बढ़ी संख्या में गाजावासी सड़कों पर उतर आए और गाजा जाने का इंतजार करने लगे। घर जाने की कोशिश में कर रहे एक फिलिस्तीनी युवक इजरायली बलों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई जबकि कुछ अन्य लोग घायल हो गए थे। यह पूरा विवाद दरअसल इजरायली नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई को लेकर पैदा हुआ। शनिवार को जब दूसरी बार कैदियों की अदला बदला हुई तो लगा कि घटनाक्रम युद्धविराम समझौते की शर्तों के मुताबिक ही घट रहा है लेकिन अचानक इजरायल की एक घोषणा ने सबकुछ बदल दिया। हमास ने शनिवार को चार इजरायली महिला सैनिकों को रिहा किया, बदले में इजरायल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया। इसके बाद इजरायल ने ऐलान किया कि वह गाजावासियों को उत्तरी गाजा पट्टी में तब तक प्रवेश नहीं करने देगा, जब तक कि नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई के लिए व्यवस्था नहीं हो जाती।
इजरायल के अनुसार, हमास ने सभी जीवित नागरिक महिला बंदियों से पहले महिला बंधक सैनिकों को रिहा करके समझौते का उल्लंघन किया है। हालांकि रविवार रात को इजरायल ने घोषणा की कि गाजा में हमास के साथ युद्ध विराम और बंधक समझौते पर विवाद सुलझ गया है। हमास इस हफ्ते दो बैचों में छह बंधकों को रिहा करेगा। वहीं यहूदी राष्ट्र ने सोमवार सुबह से नेत्जारिम कॉरिडोर के जरिए सैकड़ों हज़ारों विस्थापित गाजावासियों को अपने घर लौटने की अनुमति दे दी। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार नागरिक अर्बेल येहुद, सैनिक अगम बर्गर और एक अन्य बंधक को गुरुवार को रिहा किया जाएगा, जबकि तीन अन्य बंधकों को शनिवार को रिहा किया जाएगा। -(आईएएनएस)
दमिश्क, 28 जनवरी । सीरिया के अंतरिम विदेश मंत्री असद हसन अल-शिबानी ने दमिश्क के खिलाफ प्रतिबंधों को एक वर्ष के लिए निलंबित करने के यूरोपीय संघ (ईयू) के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कदम है, जो सीरियाई लोगों के जीवन स्तर को बेहतर कर सकता है और आर्थिक सुधार के लिए मददगगार साबित हो सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में अल-शिबानी ने सोमवार को कहा कि सीरिया 'प्रतिबंधों को रोकने के यूरोपीय संघ के कदम की सराहना करता है।' उन्होंने उम्मीद जताई कि निलंबन से 'सीरियाई लोगों के जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।'
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट के मुताबिक, यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की परिषद ने सोमवार को सीरिया के ऊर्जा, परिवहन और चयनित वित्तीय क्षेत्रों पर लगे प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से हटाने पर सहमति व्यक्त की। बैरोट ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य मानवीय मुश्किलों को कम करना है। उन्होंने दमिश्क से संयुक्त राष्ट्र समर्थित राजनीतिक परिवर्तन के लिए प्रतिबद्धता जताने, इस्लामिक स्टेट के बचे हुए सदस्यों के खिलाफ कोशिशों को तेज करने तथा सभी रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करने की अपील की। बता दें कि यूरोपीय संघ ने 2011 से सीरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए हुए हैं। यह पाबंदियां गृहयुद्ध के दौरान पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के कथित 'युद्ध अपराध' का हवाला देते हुए लगाई गईं। हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) और सहयोगी उग्रवादी समूहों की ओर से 12 दिनों के आक्रामक अभियान के बाद 8 दिसंबर, 2024 को असद की सरकार गिर गई थी।
असद के सत्ता से बेदखल होने के बाद से, एचटीएस कमांडर अहमद अल-शरा के नेतृत्व में अंतरिम अधिकारियों ने पश्चिमी देशों को पूर्व शासन पर लगाए गए प्रतिबंधों को कम करने के लिए मनाने की कोशिश की है। इस बीच सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरियाई अंतरिम अधिकारियों ने सोमवार को होम्स प्रांत में केंद्रीय जेल से 275 बंदियों को रिहा किया। युद्ध की निगरानी करने वाली संस्था के अनुसार, इन कैदियों की जांच में पाया गया कि उन्होंने युद्ध अपराध नहीं किए थे। बंदियों की रिहाई 2025 की शुरुआत में एक बड़े सुरक्षा अभियान के बाद हुई। इसमें होम्स और आसपास के इलाकों में सैकड़ों पूर्व शासन के सैनिकों और नागरिकों को हिरासत में लिया गया था। --(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 28 जनवरी । राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर गाजा को खाली करने का अपने विचार दोहराया। उन्होंने इस क्षेत्र में रहने वाले फिलिस्तीनियों के बारे में कहा, "मैं चाहता हूं कि वे ऐसे क्षेत्र में रहें जहां वे बिना किसी रुकावट, क्रांति और हिंसा के रह सकें।" मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने कहा, "जब आप गाजा पट्टी को देखते हैं, तो पाते हैं कि यह कई सालों से नरक की तरह है... इस पट्टी पर कई सभ्यताएं रही हैं। यह अभी शुरू नहीं हुआ है। इसकी शुरुआत हज़ारों साल पहले हुई थी और इसके साथ हमेशा हिंसा जुड़ी रही है। आप लोगों को ऐसे इलाकों में ले जा सकते हैं जो अधिक सुरक्षित हैं और शायद ज्यादा बेहतर और आरामदायक।" संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के लगभग 90% निवासी विस्थापित हो चुके हैं। कई लोगों को बार-बार, [कुछ को तो 10 से भी अधिक बार], विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा था कि वह चाहते हैं कि जॉर्डन और मिस्र गाजा से लोगों को ले जाएं। उन्होंने सुझाव दिया, 'हम उस पूरी जगह को बस खाली कर दें।' ट्रंप ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला के साथ अपनी कॉल के बारे में बताते हुए यह बात कही थी। उनके मुताबिक, "मैंने उनसे कहा कि मैं चाहूंगा कि आप और अधिक काम करें क्योंकि मैं अभी पूरे गाजा पट्टी को देख रहा हूं और यह एक गड़बड़ है, एक वास्तविक गड़बड़ है। मैं चाहूंगा कि वह लोगों को ले जाए।" उन्होंने कहा कि वह बाद में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी से बात करेंगे। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से बात की है, लेकिन उन्होंने सीधे तौर पर यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या राष्ट्रपति की अतिरिक्त फिलिस्तीनी शरणार्थियों को लेने के बारे में क्या राय है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "मैं ऐसा करना पसंद करूंगा - मैं चाहता हूं कि वह कुछ ले जाए, हम उनकी बहुत मदद करते हैं, और मुझे यकीन है कि वह हमारी मदद कर सकते हैं, वह मेरे दोस्त हैं।"
उन्होंने कहा, "वह दुनिया के बहुत ही कठिन हिस्से में हैं, ईमानदारी से कहूं तो, लेकिन मुझे लगता है कि वह ऐसा कर सकते हैं।" ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करने की योजना बनाई है, जो 'मुझसे मिलने के लिए यहां आ रहे हैं।' नेतन्याहू के वाशिंगटन आने की तारीख के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, 'बहुत जल्द।' ट्रंप के गाजा को खाली करने के विचार को फिलिस्तीनी ग्रुप हमास और इस्लामिक जिहाद खारिज कर चुके हैं। गाजा में इजरायली हमलों ने गाजा के लगभग पूरे 2.3 मिलियन लोगों को विस्थापित कर दिया है। दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में 7 अक्टूबर, 2023 को भयंकर रक्तापत शुरू हुआ, जब फिलिस्तीनी हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया। लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बना लिए गए। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पर इजरायल के सैन्य हमले में 47,000 से अधिक लोग मारे गए। यहूदी राष्ट्र पर नरसंहार और युद्ध अपराध के आरोप लगे, जिनका इजरायल ने खंडन किया है। (आईएएनएस)
मापुटो, 28 जनवरी । अमेरिका से मोजाम्बिक को वित्तीय सहायता के संभावित निलंबन ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों, विशेष रूप से स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। मोजाम्बिक की प्रधानमंत्री मारिया बेनविंडा लेवी ने कहा कि अमेरिका से वित्तीय सहायता नहीं मिलने पर हमारी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा सकती हैं। सोमवार को मापुटो में बोलते हुए लेवी ने जहां आर्थिक सहायता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, तो वहीं दूसरी तरफ यह भरोसा भी दिलाया कि हमारी सरकार किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। नए पुलिस प्रमुख जोआकिम की नियुक्ति और शपथ ग्रहण से पहले मापुटो में एक कार्यक्रम के दौरान लेवी ने संवाददाताओं से कहा, "अगर अमेरिका से मिलने वाली बाहरी सहायता रुक जाती है, तो स्वास्थ्य क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम इससे पहले भी कई प्रकार की चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर चुके हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार भी कुछ अलग नहीं होगा, क्योंकि हम अपने आंतरिक संसाधनों का इस्तेमाल मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए करेंगे। लेवी ने यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं किया कि अमेरिका की तरफ से मिलने वाली आर्थिक सहायता देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। लेवी ने यह भी कहा कि दूसरे क्षेत्र भी जो कि आमतौर पर बाहरी पक्ष से मिलने वाली आर्थिक सहायता पर निर्भर नहीं हैं, वो भी मौजूदा समय में प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, "हमें अपने संसाधनों को कुछ इस तरह से समायोजित करना होगा, ताकि हमारे काम बिना रुके जारी रहे।" राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता रोकने का आदेश दिया और इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने दुनिया भर में लगभग सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी। स्थानीय समाचार पत्र ओ पेस की रविवार की रिपोर्ट के मुताबिक, मोजाम्बिक को 400 मिलियन से ज्यादा का नुकसान हो सकता है, जो सालाना स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए निर्धारित किया जाता है, जिसमें एचआईवी कार्यक्रम के लिए 250 मिलियन भी शामिल है। --(आईएएनएस)
खार्तूम, 28 जनवरी । सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) द्वारा महत्वपूर्ण परिसर पर नियंत्रण हासिल करने के तीन दिन बाद भी खार्तूम ऑयल रिफाइनरी अभी भी आग और धुएं से घिरी हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रिफाइनरी के कार्यवाहक निदेशक हुशाम मोहम्मद बाबिकिर ने कहा कि एसएएफ के रिफाइनरी पर नियंत्रण वापस लेने से पहले कच्चे तेल के स्टोरेज टैंकों में आग लगा दी गई थी। बाबिकिर ने मीडिया टीम के रूप में रिफाइनरी का दौरा करने वाले सिन्हुआ संवाददाता को बताया कि आग अभी भी परिसर में फैल रही है, जिसके कारण कुछ टैंकों में विस्फोट हो गया और कच्चे तेल का रिसाव होने लगा।
कार्यवाहक निदेशक ने कहा, "हम जल्द से जल्द नुकसान की मरम्मत करने के लिए दृढ़ हैं और हमें ऐसा करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।" खार्तूम के उत्तर में स्थित रिफाइनरी ने मई 2000 में उत्पादन शुरू किया था। सूडान के तेल मंत्रालय के पिछले आंकड़ों से पता चला है कि इसकी उत्पादन क्षमता लगभग 1,00,000 बैरल प्रतिदिन है, जो देश की लगभग 45 प्रतिशत जरूरतों को पूरा करती है। यह पूर्वी सूडान में लाल सागर तट पर बशायर बंदरगाह में 1,610 किलोमीटर लंबी तेल निर्यात पाइपलाइन से जुड़ा हुआ है। तेल मंत्रालय ने अनुमान लगाया कि रिफाइनरी के बंद होने से सूडान को प्रतिदिन लगभग 5 मिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
रिफाइनरी के तकनीकी निदेशक हसन हुसैन हसन ने नुकसान को कंट्रोल करने के बारे में आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आग "कच्चे तेल के स्टोरेज टैंकों तक ही सीमित थी, और उत्पादन इकाइयों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।" उन्होंने कहा, "यह सच है कि ऐसी यूनिट हैं, जिन तक हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम पहले आग पर काबू पा लेंगे, और फिर हम अन्य इकाइयों को हुए नुकसान का आकलन करेंगे।" इस बीच, एसएएफ इकाइयों ने रिफाइनरी के आस-पास की इमारतों और इलाकों में तलाशी अभियान जारी रखा। यह विशाल परिसर सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच झड़पों का स्थल रहा है, जिन्होंने 21 महीने से अधिक समय तक रिफाइनरी और इसके आस-पास की इमारतों पर खुद को मजबूत बनाए रखा। -(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 28 जनवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को ट्रांसजेंडर सैनिकों पर पेंटागन की नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया है।
ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश से भविष्य में अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर प्रतिबंध लग सकता है।
अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन यह मामला कई वर्षों तक अदालतों में उलझा रहा। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पदभार ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही इसे पलट दिया गया था। (एपी)
न्यूयॉर्क, 28 जनवरी। अमेरिका के जन स्वास्थ्य अधिकारियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ तत्काल प्रभाव से काम करना बंद करने को कहा गया है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अधिकारी जॉन केंगसॉन्ग ने रविवार रात एजेंसी के वरिष्ठ नेताओं को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ के साथ काम करने वाले एजेंसी के सभी कर्मचारी उसके साथ सहयोग तुरंत बंद कर दें और ‘‘आगे के निर्देश की प्रतीक्षा करें।’’
विशेषज्ञों ने कहा कि अचानक उठाया गया यह कदम आश्चर्यजनक है और इससे अफ्रीका में मारबर्ग वायरस और एमपॉक्स के प्रकोप की रोकथाम और जांच के काम में बाधा आएगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारी अमेरिकी पशुओं में ‘बर्ड फ्लू’ के प्रकोप पर नजर रख रहे हैं।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने केंगसॉन्ग द्वारा भेजे ज्ञापन की प्रति देखी, जिसमें कहा गया है कि काम रोकने की नीति ‘‘तकनीकी कार्य समूहों, समन्वय केंद्रों, सलाहकार बोर्ड, सहकारी समझौतों या अन्य माध्यमों से डब्ल्यूएचओ के साथ जुड़े सभी सीडीसी कर्मचारियों पर लागू होती है।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि सीडीसी कर्मचारियों को डब्ल्यूएचओ के कार्यालयों में जाने की अनुमति नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को डब्ल्यूएचओ से अलग करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पिछले सप्ताह एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, लेकिन यह तत्काल प्रभाव से लागू नहीं हुआ। डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने के लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी और अमेरिका को चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करना होगा। इसके अलावा अमेरिका को एक साल पहले नोटिस भी देना होगा। (एपी)
वाशिंगटन, 28 जनवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके साथ बैठक के लिए संभवत: फरवरी में ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) आएंगे।
ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज’ लौटते समय एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, ‘‘आज सुबह (सोमवार) मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। वह संभवतः अगले महीने फरवरी में ‘व्हाइट हाउस’ आएंगे। भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं।’’
ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘(मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान) सभी विषयों पर चर्चा हुई।’’
राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनकी आखिरी विदेश यात्रा भारत की थी।
ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे मित्रवत संबंध हैं। दोनों ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में दो अलग-अलग रैलियों में हजारों लोगों को संबोधित किया था।
नवंबर 2024 में ट्रंप की शानदार चुनावी जीत के बाद मोदी उनसे बात करने वाले विश्व के तीन शीर्ष नेताओं में शामिल थे। (भाषा)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार ख़रीद सकती है.
ट्रंप ने कहा है कि वो टिकटॉक ख़रीदने के लिए लगने वाली बोलियों की होड़ देखना चाहेंगे.
ट्रंप से पूछा गया कि क्या माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में टिकटॉक को ख़रीदने के लिए बातचीत कर रही है. इस पर उन्होंने कहा,’’ मैं कहूंगा हां.टिकटॉक में काफी दिलचस्पी है.’’
पिछले सप्ताह ट्रंप ने एक एक्जीक्यूटिव आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें टिकटॉक को 75 दिनों का समय दिया गया है. इसमें कहा गया है कि इस अवधि में उसे अमेरिकी कंपनी के हाथों बिकना होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो उस पर बैन लगा जाएगा.
इससे पहले टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइट कंपनी की ओर से अमेरिकी कारोबार को खरीदने की कोशिश को सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया. इसके बाद यह ब्लैंक हो गया था. हालांकि कुछ देर बाद एक शॉर्ट मैसेज के साथ यह फिर से दिखने लगा था. इसमें ट्रंप को धन्यवाद दिया गया था. (bbc.com/hindi)
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने जस्टिस डिपार्टमेंट के 12 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है.
इन अधिकारियों ने ट्रंप के ख़िलाफ़ जांच की थी. बीबीसी के अमेरिकी पार्टनर सीबीएस के मुताबिक़ जस्टिस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा कि कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल जेम्स मेक हेनरी ने इन अधिकारियों को बर्खास्त करने का फै़सला किया.
उन्हें नहीं लगता कि ये अधिकारी पूरी ईमानदारी से राष्ट्रपति ट्रंप के एजेंडे को लागू कर पाएंगे.
इस बीच ट्रंप की ओर से और तीन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.
ये आदेश ट्रांसजेंडर्स के सेना में भर्ती होने, कोविड वैक्सीन से इनकार करने वाले सैनिकों की दोबारा बहाली और डाइवर्सिटी, इक्विटी और इनक्लूजन प्लान से जुड़े हैं.