महासमुन्द

चिटफंड की रकम वापस पाने कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे निवेशक
06-Aug-2021 5:40 PM
 चिटफंड की रकम वापस पाने कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे निवेशक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अगस्त।
चिटफंड कम्पनी में जमा रकम वापस पाने के लिए आवेदन जमा करने के लिए पहुंचे निवेशक कोविड-19 प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिला मुख्यालय के लोकसेवा केन्द्रों में निवेशकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। शहर के साथ पंचायतों से पहुंचे ग्रामीण निवेशकों के आवेदन जमा नहीं होने से मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों के निवेशकों के लिए पंचायत और शहरी क्षेत्र के लोगों के लिए लोकसेवा केन्द्र में आवेदन करने के लिए स्थान निर्धारित किया है। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के निवेशक पंचायतों में आवेदन करने की बजाय यहीं आ रहे हंै, जिन्हें जानकारी मिलने के बाद मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। 

जानकारी के अनुसार जिले के लगभग 2 लाख 40 हजार निवेशकों के मेहनत की कमाई चिटफंड कम्पनियों में फंसा है। निवेशकों के फंसे हुए पैसे को वापस दिलाने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम लागू किया है। इसके तहत जिले के सभी तहसील कार्यालयों में इन दिनों आवेदन जमा किए जा रहे हैं।

जानकारी मिली है कि 2 से लेकर 5 अगस्त तक लगभग 80 हजार लोगों ने आवेदन जमा किया है, लेकिन जिले के निवेशकों के लिए एक समस्या और है कि उनके पास सिर्फ  शुक्रवार तक का ही समय शेष बचा है। ऐसे में जिले के 1 लाख 60 हजार निवेशकों को रकम वापसी के लिए आवेदन शुक्रवार को ही करना होगा। इतने कम समय में इतनी संख्या में लोगों के फ ॉर्म जमा होने की संभावनाएं कम ही है। जिले में 2.40 लाख निवेशकों को फार्म जमा करने के लिए केवल पांच दिन ही मिले हैं। इसमें से कई लोग जिले में भी नहीं हैं।

वर्षों से जमा रकम की वापसी की उम्मीद लगाए बैठे निवेशकों को प्रशासन की ओर से आवेदन मंगाए जाने के बाद गुरूवार को लोग बड़ी संख्या में लोकसेवा केंद्र पहुंचे। स्थिति यह रही कि निवेशकों की कतार केंद्र के अंदर से लेकर बाहर तक लगी रही। इधर केन्द्र में निवेशकों की भीड़ लगने की वजह से जाति, जन्म, मृत्यु और अन्य प्रमाण पत्र संबंधी कार्य के लिए आवेदन करने पहुंचे आवेदकों को भी लौटना पड़ा। इसके लिए एसडीएम कार्यालय व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। 

इस संबंध में एसडीएम भागवत जायसवाल का कहना है कि ग्रामीण निवेशकों से आवेदन लेने के लिए पंचायत सचिव को निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी लोग आ रहे हैं तो वे एक सूची बनाकर आवेदन जमा कर सकते हैं। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए आवेदन लेने के लिए यह व्यवस्था रखी गई है। इसमें पंचायतों और शहरी क्षेत्र के लिए लोकसेवा केन्द्र को निर्धारित किया गया है।

 


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