महासमुन्द

2 दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 27 जुलाई। बीते 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से जिले भर के नदी-नाले उफान पर हैं। बारिश के बीच हालांकि आवागमन अवरूद्ध रहा, लेकिन अब बारिश थमने के बाद जिले के नालों का पानी उतर गया है तथा आवगमन बहाल हो गया है। जिले के सांकरा स्थित जोंक नदी 2 दिनों से उफान पर रही, वहीं पिथौरा ब्लॉक के सागुनढाप नाले में भी पानी उपर बह रहा था। इससे दोनों ओर से आवागमन अवरूद्ध रहा।
यही स्थिति महासमुंद में भी देखने को मिली। लभरा-पिटियाझर मार्ग स्थित नाला में तेज बहाव की वजह से मार्ग बंद रहा। चिंगरौद नाले में कल सुबह तक पानी का तेज बहाव रहा। लोग अपनी वाहनों को धीमी गति से पार कर रहे थे। कल शाम तक अधिकांश नालों का पानी उतरने के बाद स्थिति सामान्य हो गई। अब मौसम विभाग ने फिर एक बार 2 दिनों के लिये भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
यदि आगामी 2 दिनों में तेज बारिश होती है, तो स्थिति फिर से असामान्य हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र और मानसूनी सिस्टम के सक्रिय होने से भारी वर्षा संभावित है। मानसून द्रोणिका पंजाब से होते हुए उत्तर.पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली है।
ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग में तल से 3.1 किमी से 5.8 किमी सक्रिय है। जिससे प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। हालांकि द्रोणिका का सीधा असर महासमुंद जिले में दिखाई नहीं देगा पर आंशिक असर के चलते 25 से 27 जुलाई तक मध्यम बारिश की संभावना है।
लगातार बारिश की वजह से अनेक मिट्टी के मकानों की नींव कमजोर हो गई है। दीवारों पर पानी रिस गया है। फलस्वरूप अब इन कच्चे मकानों के ढहने का खतरा है।
जानकारी के मुताबिक एक ओर अनेक लोगों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाया गया है वहीं अनेक ऐसे भी हैं जो आज भी कच्चे मकानों में अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक परस_ी का राजेंद्र यादव परिवार है। जिनका महज एक कमरे की मिट्टी की झोपड़ी है। यहां राजेंद्र अपने 4 सदस्यीय परिवार के साथ जीवन यापन का कार्य करता है। लेकिन बीते 3 दिनों से हो रही बारिश की वजह से बाढ़ा का पानी इनके मकान में घुस गया है। परिवार की सदस्य उर्मिला यादव ने बताया कि एक बार बारिश होने के बाद सप्ताह भर मकान के सामने पानी भरा रहता है। अनेक बार इसे लेकर सरपंच से गुहार लगाई लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। बताया कि वे रात में पलंग पर सोते रहते हैं और नीचे पानी बहते रहता है।
सबसे अधिक बसना तहसील में बारिश
महासमुंद जिले में 24 घंटे में 18.5 मिमी औसत वर्षा हुई है। जिसमें सबसे अधिक बसना तहसील में 49.1 मिमी, सरायपाली में 34.6 मिमी, पिथौरा में 25.1 मिमी, महासमुंद में 22.2 और बागबाहरा व कोमाखान में बारिश ही नहीं हुई है। पिछले 10 दिनों में महज 68.2 मिमी बारिश हुई है। एक जून से अभी तक जिले में कुल 439.3 मिमी औसत बारिश हुई है। पिथौरा तहसील में सबसे अधिक 575.0 मिमी, सरायपाली में 504.8 मिमी, बसना में 484.2 मिमी, बागबाहरा में 373.3 मिमी बारिश हुई है।