धमतरी

उसना चावल लेने की मांग, राज्यपाल से मिले मिलर्स
28-Oct-2021 5:31 PM
उसना चावल लेने की मांग, राज्यपाल से मिले मिलर्स

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 28 अक्टूबर।
केन्द्र सरकार ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ से एफसीआई के माध्यम से उसना चावल नहीं लेने का निर्णय लिया है, मोदी सरकार के इस फैसले ने भुपेश सरकार के साथ साथ प्रदेश के राइस मिलर्स की भी चिंता बढ़ा दी है।  

मंगलवार को छत्तीसगढ़ राइस मिलर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल अनुसुइया उइके से भेंट कर छत्तीसगढ़ से 26 लाख मीट्रिक टन उसना चावल सेंट्रल पुल में  लेने का निवेदन किया। राइस मिल एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, महासचिव प्रमोद अग्रवाल के नेतृत्व में गए प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन में राज्यपाल को प्रदेश की राइस मिलों की वर्तमान स्थिति एवं आगामी वर्ष में   राइस मिलो की होने वाली बुरी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी, केन्द्र के इस एक फैसले से छत्तीसगढ़ राज्य में होने वाले आर्थिक एवं राष्ट्रीय नुकसान के आंकड़े रखते हुए प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि प्रदेश में उत्पादित होने वाले धान का 60 प्रतिशत मात्रा उसना मीलिंग प्रकृति का होता है जिसमें ब्रोकन 55प्रतिशत से 65 प्रतिशत तक होने से 67 प्रतिशत चावल प्राप्त नहीं किया जा सकता।  प्रदेश में 61. 65 लाख मैट्रिक टन अरवा चावल का उपार्जन असंभव है। प्रदेश में कुल 40 लाख मेट्रिक टन धान अरवा प्रकृति का होता है।  मिलर्स का कहना था कि छत्तीसगढ़ में 500 उसना मिले हैं इनमें चार हजार करोड़ का आर्थिक निवेश है, उसना की मिलिंग नहीं होने की दशा में उसना मिले आर्थिक संकट में  आ जाएंगी, इसी तरह 105 लाख मैट्रिक टन धान की अरवा मिलिंग यदि जबरदस्ती करवाई जाएगी तो प्रदेश की सभी अरवा मिले भी दिवालिया होने की स्थिति में आ जाएंगी, पूरे धान काअरवा मिलिंग नहीं होने से लाखों टन धान भंडारण केंद्रों में ही खराब हो जाएगा जिससे हजारों करोड़ का आर्थिक एवं राष्ट्रीय नुकसान होगा, इन परिस्थितियों से बचने के लिए मिलर,  कर्मचारी, श्रमिकों को बेरोजगारी से  और चावल उद्योग को बैंक डिफॉल्ट से बचाने के लिए प्रदेश में 26 लाख मैट्रिक टन उसना चावल का उपार्जन अति आवश्यक है, प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल महोदया के समक्ष आंकड़ों सहित अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार से 26 लाख मैट्रिक टन उसना चावल उपार्जन का कोटा निर्धारित करवाने का निवेदन किया।

राज्यपाल ने मिलर्स  की पूरी बातों को गंभीरता से सुना एवं इस संबंध में प्रधानमंत्री, केंद्रीय खाद्य मंत्री, कृषि मंत्री से चर्चा कर समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया, साथ ही   प्रदेश एसोसिएशन को प्रतिनिधि मंडल भेज कर केन्द्र से   चर्चा करने हेतु उच्च स्तरीय बैठक के लिए समय निश्चित करवाने सहयोग देने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधि मंडल में रोशन चंद्राकर, श्रवण अग्रवाल, ललित अग्रवाल, मुरारी भूतड़ा , मोहन अग्रवाल, परमानंद जैन, भोलाराम मित्तल, संजय दुआ, विमल अग्रवाल आदि मिलर्स शामिल थे।
 


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