एनआरसी में मिले 90 बोरी एक्सपायरी फूड भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 25 अगस्त। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित कोंंटा ब्लॉक मुख्यालय में स्थित मुख्यमंत्री सुपोषण केन्द्र में बड़ा घोटाला सामने आया है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त करने के लिए वितरित किया जाने वाला रेडी टू ईट पोषण आहार आंगनबाड़ी केन्द्रों की जगह खुले बाजार मेंं बेचा जा रहा है।
शनिवार को अफसरों ने अवैध परिवहन करते एक पिकअप को पकड़ा है, जिसमें करीब 35 क्विंटल रेडी टू ईट पोषण आहार बरामद किया गया है।
ज्ञात हो कि रेडी टू ईट फूड के पैकेट में साफ तौर पर निर्देशित है कि इसे खरीदा या बेचा जाना दंडनीय अपराध है। फिर भी ये पैकेट्स पिकअप से बरामद किया गया।
मामला प्रकाश में आने के बाद कोंटा ब्लॉक मुख्यालय स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी )में एसडीएम द्वारा निरीक्षण किया गया। जहां 20 किलो के 90 बोरी एक्सपाय हो चुका पोषण आहारा बरामद हुआ, वहीं 50 किलो के 55 बोरी वैध पोषण भी मौके से बरामद किया गया है।
पूरे मामले को देखते हुए एसडीएम कोंटा ने महिला एवं बाल विकास के अफसरों से जानकारी लेनी चाही लेकिन शनिवार को संबंधित विभागीय अधिकारी के मुख्यालय से बाहर होने की वजह से बयान दर्ज नहीं किया जा सका है। निरीक्षण के दौरान केन्द्र के पीछे रेडी टू ईट फूड के जले हुए पैकेट भी बरामद किए गए हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि एक्सपायर हो चुके पैकेटस को जिम्मेदारों ने जला दिया है।
इस संबंध में कोंटा के एसडीएम शबाब खान का कहना है कि बड़ी मात्रा में रेडी टू ईट फूड के पैकेट बरामद हुए हैं। पैकेट को फाडक़र 40—50 किलो के प्लास्टिक की बोरी में भरा गया है। कई पैकेट एक्सपायर हो चुके हैं। आईसीडीएस के जिम्मेदार अफसरों को भी तलब किया गया है। आखिर रेडी टू ईट फूड के पैकेट्स को क्यों फाड़ के बोरियों में भरा जा रहा है, इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
चोरी छुपे पोषण आहार पशु पालकों को बेचने की थी तैयारी...
मिली जानकारी के अनुसार जिस पिकअप से पोषण आहार बरामद किया गया है, वह कोंटा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल की है। उक्त मामले में प्रिंसिपल से भी पूछताछ की जा रही है।
बताया जाता है कि कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाला पोषण आहार लंबे समय से आंध्र व तेलंगाना के पशु पालकों और डेयरी फार्म में बेचा जा रहा था। शनिवार को सूचना पर राजस्व विभाग की कार्रवाई ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के कुपोषण दूर करने के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस पूरे मामले पर कोंटा परियोजना अधिकारी दीक्षा वैद्य से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
कोंटा में आंगनबाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल...
कोंटा ब्लॉक पूरे प्रदेश में घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। दशकों से माओवादियों का कब्जा होने की वजह से यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। दुर्गम व पहुंचविहीन होने की वजह से शासन की योजनाएं से आदिवासी बरसों से महरूम हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल होने की वजह से भी यहां कुपोषण दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।