135 सेवा सहकारी समितियों की स्थापना से किसानों की समय और दूरी होगी बचत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अक्टूबर। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने जिले सहित पूरे संसदीय क्षेत्र में 135 नई सेवा सहकारी समितियां खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष सचिन सिंह बघेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते कहा कि यह कदम किसानों के जीवन में सुविधा, आत्मनिर्भरता और समृद्धि की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा।
श्री बघेल ने कहा कि अब किसानों को अपनी आवश्यकताओं जैसे खाद-बीज वितरण, ऋण, फसल बीमा, समर्थन मूल्य खरीदी और अन्य सहकारी कार्यों के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। नई समितियों के खुलने से किसानों का कीमती समय बचेगा और सहकारिता तंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी। कई गांव के किसान वर्षों से इस सुविधा की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब उन्हें अपने ही क्षेत्र में सहकारी सोसाइटी की सुविधा मिलेगी। यह निर्णय लाखों किसानों के जीवन में नई ऊर्जा और आशा का संचार करेगा।
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय किसानों के उत्थान की दिशा में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के समन्वित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए राज्य के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विस अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडे तथा विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा मिल रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप का यह निर्णय ग्रामीण विकास की मजबूत नींव रखेगा।
0 इन गांवों में खुलेगी सहकारी समितियां
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के उक्त गांव में नई सेवा सहकारी समितियां खोली जा रही हैं। जिसमें धर्मापुर, अंजोरा, मनकी, आरला, संबलपुर, बुद्धभरदा, बनहरदी, बोईरडीह, केसाल, जयसिंगटोला, बूचाटोला, मुढय़िा, कसारी, खुडमुडी, सोनेसरार, गोडलवाही, घुपसाल, झाडीखैरी, सडक़चिरचारी, भानपुरी, देवकट्टा, झिंझारी, कनेरी, झण्डातलाव, मचानपार, हरदी, बम्हनीभाटा, घुघवा, मोहड़, आमगांव, चिरचारीकला, आतरगांव, धनगांव, आसरा, भोथली, पीपरखारकला, पिपरिया, कुर्रुभाठ, रेंगाकठेरा, डुमरडीहकला, मासुल, कौहाकुडा, चवरढाल, नवागांव, वासड़ी, माडिंगपिडिंग, भुर्सा, पुतरगोंदी कला, आलकन्हार, कुम्हली, टोहे, भावसा, दिघवाड़ी, सरखेड़ा, कंदाड़ी, गौलीटोला, आड़ेझर, दाउटोला, चिखली, अरजकुंड, कोरचाटोला, मुड़पार, मानपुर नाका, ढाबा, भुरभुसी, पथर्रा, कोर्राय, भूलाटोला, गातापार जंगल, चिचोला, बरबसपुर, कुकुरमुडा, साल्हेकला, सहसपुर, जामगांव, ठाकुरटोला, दामरी, भरतपुर, धनगांव, बघमर्रा, दिलीपपुर, कुम्ही, पांडुका, मदराकुही, देवारीभाठ, महरूमकला, धमकी, कोठार, बरहट्टी, बेंदरची, खारा, बम्हनी, खड़ौदाकला, खरहट्टा, बैहरसरी, भालूचुवा, कबराटोला, बसिनझोरी, बुधवारा, छीरबांधा, दैहानडीह, खड़ौदाखुर्द, सिली पचराही, सूखाताल, कान्हाभैरा, जरती, रैतापारा, पाढ़ी, महिडबरा, मुनगाडीह, चतरी, पोलमी, छिरपानी, पैलपार, गौरमाटी, सिंगारपुर, रेंगाटोला, टाटीकसा, तमरूआ मुख्यालय/ चुचरूंगपुर, गोरखपुरकला, सेमरिया, राजपुर, मोहगांव, पथर्रा, लघान, रक्से, गण् खम्हरिया, कल्याणपुर, मोतिमपुर, खोलवा, घानीखुटा, रेंगाबोड़, खिरसाली आदि शामिल है। श्री बघेल ने कहा कि यह कदम न केवल किसानों को सुविधा देगा, बल्कि ग्रामीण रोजगार, आर्थिक स्वावलंबन और स्थानीय विकास को भी नई दिशा देगा, जब सहकारिता मजबूत होती है, तब गांव मजबूत होते हैं और जब गांव मजबूत होते हैं, तब देश मजबूत होता है। यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेगा।