‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 3 अप्रैल। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर की कला - संस्कृति अद्भुत है। बस्तर पंडुम के आयोजन को उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की आदिवासी संस्कृति के उत्थान की सोच निरूपित किया।
संभाग स्तरीय बस्तर पंडुम के द्वितीय दिवस गुरुवार को छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप समारोह में पहुंचे।
सर्वप्रथम उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा दंतेश्वरी देवी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया। इसके उपरांत देवी को पुष्प हार अर्पित किए गए। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और केदार कश्यप का जिला प्रशासन द्वारा विशेष आदिवासी संस्कृति के अनुसार स्वागत किया गया। इसी क्रम में विधायक चैतराम अटामी और समस्त जनप्रतिनिधियों का विशेष स्वागत किया गया।
बस्तर की संस्कृति से अभिभूत
समारोह के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने संबोधन में भारत के गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प को निश्चित रूप से पूर्ण होने में संशय नहीं होना बताया। जिसमें कहा गया था कि बस्तर की जनता आगामी वर्ष 2026 के मार्च माह तक नक्सलवाद के दंश से मुक्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ऐतिहासिक कार्य किए गये। इनमें जम्मू और कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति अविस्मरणीय रहेगी। खून - खराबे के बिना धारा 370 को हटाना बड़ी उपलब्धि है। विपक्षी दलों द्वारा आशंका व्यक्ति की गई थी कि धारा 370 हटाने पर जम्मू कश्मीर में खून की नदियां बह जाएगी। विपक्ष की यह आशंका निर्मूल साबित हुई।
श्री शर्मा ने नक्सलवाद को विकास विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि शीर्ष नक्सली नेताओं की संतानें उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत हैं, वहीं बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जाता है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा गांव में विकास की राह में रोड़ा अटकाया जाता है। जिससे ग्राम का विकास बाधित होता है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मैं अभी सुकमा जिले के सीमावर्ती ग्राम रायगुड़ेम में ग्रामीणों से मिलकर आया हूं। ग्रामीणों से राशन कार्ड आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड और अन्य सुविधाओं के विषय में पूछा गया। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उनके पास किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। इस पर गृहमंत्री द्वारा ग्रामीणों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की गई।
उन्होंने नक्सलवाद के मुद्दे पर एक बैठक के दौरान वन मंत्री केदार कश्यप की आंखें डबडबाने का उल्लेख किया। उन्होंने बस्तर की सभ्यता संस्कृति को अद्भुत बताया। मैंनें ब्रज मंडल की बरसाने की होली के बारे में बहुत कुछ सुना था, परंतु दंतेवाड़ा में खेली जाने वाली फूलों की होली के विषय में आज ही केदार कश्यप द्वारा जाना।
उन्होंने कहा कि बस्तर के व्यंजनों का स्वाद अविस्मरणीय है। नवरात्रि के उपवास के उपरांत बस्तर पंडुम से व्यंजनों को ले जाकर उपभोग करूंगा। बस्तर में जन्म लेने वाले आप सभी भाग्यशाली हैं, काश मेरा भी जन्म बस्तर में हुआ होता।
प्रशासन की सराहना
गृह मंत्री द्वारा बस्तर के प्रशासन की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि बस्तर के सर्वांगीण विकास हेतु पुलिस और जिला प्रशासन की अधिकारी जुटे हुए हैं। विशेष रूप से सुरक्षा बलों के जवानों की भुजाओं के दम पर नक्सलवाद समाप्त होगा।
उन्होंने उपस्थित जनता से प्रख्यात कवि कुमार विश्वास के कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से पहुंचने का निवेदन किया। जिसमें बस्तर के राम का विमोचन किया जाएगा। वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा भी बस्तर पंडुम को अभूतपूर्व बताया गया। उन्होंने कहा कि भगवान राम के वनवास काल का अधिकांश समय बस्तर में ही बीता।
इससे पूर्व स्थानीय विधायक चैतराम अटामी द्वारा बस्तर पंडुम हेतु राज्य शासन का आभार जताया गया। उन्होंने आदिवासी सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने अपील की। जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुडा़मी नें भी बस्तर पंडुम को सफल आयोजन बताया।
जिला प्रशासन द्वारा मुख्य अतिथि गृह मंत्री विजय शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर विजय तिवारी श्री कुमार भदौरिया, रामबाबू गौतम, संतोष गुप्ता, अरविंद कुंजाम, शकुंतला भास्कर, सुनीता भास्कर, ओजस्वी मंडावी, रामू नेताम, कमला नाग, बैसु मंडावी, विवेक आचार्य, डोमन सिंह, सुंदरराज पी, मयंक चतुर्वेदी और गौरव राय प्रमुख रूप से मौजूद थे।